तब्लीगी जमातियों ने बढ़ाई Ambala प्रशासन की टेंशन, बढ़ता जा रहा खतरा
अंबाला में दूसरे राज्यों से पहुंचे तब्लीगी जमातियों ने प्रशासन की टेंशन बढ़ा दी है। दो पॉजिटिव आने के बाद से खतरा बढ़ता जा रहा है।
पानीपत/अंबाला, जेएनएन। कोरोना को लेकर अभी तक सामान्य चल रही अंबाला की स्थिति एकाएक पलट गई है। कोरोना से अंबाला के एक मरीज की जहां पीजीआइ चंडीगढ़ में मौत हो चुकी है, वहीं तीन अन्य पॉजिटिव केसों ने जिला प्रशासन की नींद उड़ा दी है। जो पॉजिटिव आए हैं, उनमें से एक पंजाब का है, जो नेपाल से होकर अंबाला छावनी के शाहपुर में ठहरा था, जबकि दो अन्य पॉजिटिव लोग छावनी की दो मस्जिदों से हैं, जो जमातें अंबाला छावनी में ठहरीं थीं।
दावा है कि जमातें काफी समय से अंबाला में थीं। अब स्वास्थ्य विभाग की टेंशन है कि पॉजिटिव केस किन-किन लोगों के संपर्क में रहे हैं और कहां-कहां गए हैं। हालांकि इसी को लेकर बीते दिनों मस्जिदों में छापामारी के बाद चिकित्सकों ने इसी को लेकर सवाल भी पूछे हैं। कोरोना को लेकर सुरक्षित चल रहा अंबाला में अब एकाएक खतरा पनप गया है।
उल्लेखनीय है कि अंबाला में स्वास्थ्य विभाग ने अब तक 59आ आशंकित मरीजों के नमूने लैब को भेजे हैं। इसमें 43 आशंकित मरीजों के नमूने पॉजिटिव मिले हैं। इसमें 4 आशंकित मरीजों की रिपोर्ट निगेटिव मिली है। वहीं लक्षण नहीं मिलन पर पांच नमूने रिजेक्ट भी हो चुके हैं। स्वास्थ्य विभाग की माने तो पांच आशंकितों का आइसोलेशन वार्ड भी इलाज चल रहा है। वहीं दिल्ली में तब्लीगी जमात से लौटे लोगों के संपर्क में आने वाले 78 लोगों को क्वारंटाइन में रखा गया है।
निजामुद्दीन तब्लीगी मरकज में कोरोना कांड के बाद अंबाला में प्रशासन ने छावनी की चार मस्जिदों में कार्रवाई की। इन मस्जिदों में रहने वाले जमातियों में से चार के सैंपल लिए गए थे। इनमें से दो की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है, जिनमें से एक की हालत खराब है। उसे पीजीआइ चंडीगढ़ रेफर किया है। बताया जाता है कि एक बीमार जमाती तो अंबाला छावनी में ही कुछ दिनों तक दवा लेता रहा, जबकि उसने नागरिक अस्पताल में चैक करवाने की जहमत तक नहीं उठाई। इतना ही नहीं वह और उसके साथी भी बाहर घूमकर आए हैं। ऐसे में अब खतरा और भी बढ़ रहा है कि यह पॉजिटिव व्यक्ति किन-किन लोगों के संपर्क में आया है। यह चेन कितनी लंबी है, इसका तो पता नहीं, लेकिन संक्रमण के मामले में यह खतरा साबित हो सकता है।
उधर, जिस बुजुर्ग की कोरोना से पीजीआइ में मौत हुई, उसके घर के आसपास के इलाकों को पूरी तरह से सील किया गया है। बताया जाता है कि करीब पच्चीस घरों को क्वारंटाइन किया गया है, जबकि गलियों और रास्तों से आवाजाही बंद करने के लिए अवरोधक लगा दिए गए हैं। साथ ही पुलिस की तैनाती भी कर दी गई है। फिलहाल स्वास्थ्य विभाग किसी भी स्तर पर कोई कमी नहीं छोड़ना चाहता है। आसपास के घरों को सैनिटाइज किया गया है, जबकि जिस गुरुद्वारा में वह जाता था, उसे भी सैनिटाइज किया गया है।
अंतिम संस्कार से लौटने पर होगी परिवार के दो सदस्यों की जांच
बुजुर्ग की मौत सुनकर पूरा परिवार रोने बिलखने लगा। मृतक की पत्नी और बेटा चंडीगढ़ के लिए निकलने लगे। जब स्वास्थ्य विभाग की टीम ने उन्हें भी सैंपल देकर जांच कराने की बात कही तो उन्होंने कहा कि अंतिम संस्कार करके लौटने के बाद वह अंबाला छावनी नागरिक अस्पताल पहुंचकर जांच कराएंगे। इस पर टीम ने उनके जाने वाली गाड़ी को भी सैनिटाइज करके रवाना किया। मृतक के भाई ने फोन पर बताया कि बृहस्पतिवार सायं को अस्पताल से शव को सीधे सेक्टर-25 के शमशानघाट पर अंतिम संस्कार किया जाएगा।
2017 में स्वाइन फ्लू की शिकायत होने पर हुआ था इलाज
टिंबर मार्केट में रहने वाले 67 वर्षीय बुजुर्ग पिछले पांच वर्षों से बीमार चल रहे थे। वर्ष 2017 में स्वाइन फ्लू हो गया था। नियमित इलाज और दवा के बाद बुजुर्ग फ्लू की बीमारी से उबर चुके थे। इसी दौरान उन्हें हार्ट में दिक्कत हुई तो परिजनों ने उनका इलाज अंबाला से लेकर अन्य बड़े शहरों में कराया। बाइपास सर्जरी के बाद चिकित्सकों ने उनको काफी एहतियात के साथ रहने की सलाह दी थी। वह ब्लड प्रेशर और सुगर के भी मरीज थे। अचानक 30 मार्च को सुबह घर पर बुजुर्ग को सांस लेने में परेशानी होनी शुरू हुई। इसके बाद परिवार के सदस्य उन्हें नागरिक अस्पताल छावनी लेकर पहुंचे। अस्पताल में इलाज के बाद भी स्थिति में कोई सुधार न होता देख चंडीगढ़ पीजीआइ रेफर कर दिया, जहां उनको आइसोलेट किया गया। हालांकि इलाज के दौरान बुधवार की रात करीब 11:35 बजे बुजुर्ग की मौत हो गई। मौत होने के करीब दस मिनट बाद कोरोना वायरस की जांच के लिए भेजे गए सेंपल की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। अंबाला स्वास्थ्य विभाग के साथ प्रशासन को पीजीआइ से आए मेल ने हरकत में डाल दिया।
आइसोलेशन वार्ड बनी 40 बोगियां
कोरोना वायरस के प्रकोप से बचने के लिए रेलवे ने पहल शुरू की है। यात्रियों की सुविधा के लिए विभिन्न ट्रेनों में चालीस बोगियों को आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है। इमरजेंसी में मरीज को वार्ड में अलग रखा जा सके। इसके अलावा अंबाला डिवीजन के सभी रेल स्टेशनों के सैनिटाइज भी किया गया है। रोजाना सैनिटाइजर स्प्रे का छिड़काव किया जा रहा है। साथ ही रेलवे की मेडिकल टीम भी मुस्तैद है। रेलवे स्टेशनों पर आइसोलेशन वार्ड भी तैयार किए गए है।
कोरोना के खिलाफ रेलवे का कदम
रेलवे द्वारा 325 लीटर हैंड सेनिटाइजर, 600 फेस मास्क और 60 कवरॉल निर्मित किए गए। ताकि किसी भी तरह की कोई परेशानी ना हो। यह जानकारी रेलवे अधिकारियों की ओरसे दी गई है।
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