संस्था से जुड़े लोग कर रहे है पैसे और नाम का गलत प्रयोग : निर्मल दत्त
जागरण संवाददाता, समालखा: गांधी स्मारक निधि, पंजाब, हरियाणा व हिमाचल प्रदेश की अध्यक्षा निर्मल दत्त ने संस्था से जुड़े कुछ लोगों द्वारा अनियमितताएं बरतने के साथ गबन तक करने के आरोप लगाए है। उनका कहना है कि वर्ष 2016 में एक नए ट्रस्ट का मूल संस्था से मिलते जुलते नाम से चंडीगढ़ में मूल संस्था की ही शाखा के पते पर मात्र दस हजार रुपये
जागरण संवाददाता, समालखा: गांधी स्मारक निधि, पंजाब, हरियाणा व हिमाचल प्रदेश की अध्यक्षा निर्मल दत्त ने संस्था से जुड़े कुछ लोगों द्वारा अनियमितताएं बरतने के साथ गबन तक करने के आरोप लगाए है। उनका कहना है कि वर्ष 2016 में एक नए ट्रस्ट का मूल संस्था से मिलते जुलते नाम से चंडीगढ़ में मूल संस्था की ही शाखा के पते पर मात्र दस हजार रुपये के संचित से निधि से पंजीकरण करवा लिया गया। जो एकदम गलत और गैरकानूनी है। दत्त ने यह बात बृहस्पतिवार को पट्टीकल्याणा सिथत एक ढाबा पर पत्रकारों से बातचीत करते समय कही।
निर्मल दत्त ने कहा कि केंद्रीय गांधी स्मारक निधि की स्थापना 30 जनवरी 1948 को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की हत्या के बाद दी गांधी नेशनल मेमोरियल ट्रस्ट के नाम से की गई थी। जिसका मकसद गांधी विचारधारा को आकार देना और उनका प्रचार व प्रसार करना था। इसी के चलते 1951 में पंजाब गांधी स्मारक निधि के नाम से तत्कालीन पंजाब के अंबाला छावनी में इसकी एक शाखा ने कार्य करना प्रारंभ किया। जिसके संचालक ओमप्रकाश त्रिखा व अध्यक्ष डा. गोपीचंद भार्गव थे। इसके बाद में प्रधान कार्यालय को पट्टीकल्याणा गांव में स्थानांतरित कर दिया गया और 1970 में पंजीकरण को भी हरियाणा के नाम करवा लिया था। जिससे दी पंजाब स्टेट गांधी निधि पट्टीकल्याणा (करनाल) का अस्सित्व समाप्त होने के साथ गांधी स्मारक निधि पंजाब, हरियाणा व हिमाचल प्रदेश पट्टीकल्याणा अस्तित्व में आ गया था। वर्तमान में संस्थान पट्टीकल्याणा में खादी ग्रामोद्योग भण्डार, प्राकृतिक जीवन केन्द्र व स्कूल आदि चला रही है। एक अन्य केन्द्र चंडीगढ़ में गांधी स्मारक भवन के नाम से चल रहा है। जो सभी केन्द्र गांधी स्मारक निधि पंजाब, हरियाणा एवं हिमाचल प्रदेश, पट्टीकल्याणा जिला पानीपत की शाखाएं हैं। दत्त का आरोप है कि कुछ लोग शासन, प्रशासन व जनता की आंखों में धूल झोंककर प्रतिष्ठित संस्था के नाम पर अपने आप को स्थापित करने में लगे है। पैसे और नाम का गलत प्रयोग किया जा रहा है।ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। इस मौके पर सचिव आनंद शरण व ट्रस्टी अजीत पाल भी मौजूद रहे।