विभाजन की त्रासदी का दर्द बयां करेगा कुरुक्षेत्र, 14 अगस्त को मनेगा विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस
Partition Horrors Remembrance Day 2022 भारत पाकिस्तान विभाजन की त्रासदी का दर्द कुरुक्षेत्र बयां करेगा। विभाजन की त्रासदी को लेकर कुरुक्षेत्र में 200 करोड़ की लागत से 25 एकड़ में स्मारक बन रहा है। 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाया जाएगा।
कैथल, जागरण संवाददाता। पंचनद स्मारक ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी धर्मदेव महाराज ने कहा कि विभाजन की त्रासदी को लेकर कुरुक्षेत्र में 25 एकड़ भूमि में 200 करोड़ रुपये की लागत से स्मारक बनाया जा रहा है। यह पूरी राशि अब प्रदेश सरकार की ओर से खर्च की जाएगी। विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के प्रथम वर्ष पर 14 अगस्त को अनाज मंडी कुरुक्षेत्र में राज्य स्तरीय आयोजन किया जा रहा है, जिसकी अध्यक्षता मुख्यमंत्री मनोहर लाल करेंगे। स्वामी धर्मदेव मंगलवार को पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि वर्ष 1947 में देश के विभाजन के समय जो दर्दनाक हादसे हुए, उसमें लाखों लोग कुर्बान हो गए। हम आज भी अपने पूर्वजों को नहीं भूले। हम यह कभी नहीं भूल सकते कि वो कैसे कट्टर धर्मांधता और राजनीतिक आकांक्षाओं का शिकार बने। किस तरह से उनको अपनी जन्म भूमि, घर-बार, जमीन-जायदाद सब होम कर देने पर मजबूर कर दिया गया। अपने बच्चों को स्वतंत्र भारत में सांस लेते रहने देखने की चाहत, अपने धर्म, अपनी संस्कृति को बचाने की अदम्य इच्छा लिए उन्होंने अपना खून बहाया और स्वाभिमान की रक्षा में सर्वस्व त्यागा। आजादी के बाद देश के बंटवारे की भयानक त्रासदी, बलिदानियों के त्याग और कुर्बानी, वो जुल्म जो क्रूर आतताइयों ने हम पर ढाये, वो कत्लेआम और लाशों से भरी अटारी पहुंचती गाड़ियां। आज जिसे सोच कर भी रूह कांप उठती है, हमारे पूर्वजों ने बंटवारे के वक्त यह मंजर खुद पर सहा है।
पीढ़ियां नहीं छोड़ेंगी प्रधानमंत्री मोदी का साथ
स्वामी धर्मदेव ने कहा कि 74 साल के बाद 15 अगस्त 2021 को लालकिला की प्राचीर से नरेन्द्र मोदी के रूप में पहली बार किसी प्रधानमंत्री ने यह घोषणा की कि आजादी के महोत्सव से पहले विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाया जाएग। उनका कहना था कि बंटवारे की याद आज भी हिंदुस्तान के सीने को छलनी करती है। जिन लोगों ने इस दर्द को सहा उनको आजादी के बाद जल्द ही भुला दिया गया। विभाजन के समय जो लोग अमानवीय हालात से गुजरे, जिन्होंने अत्याचार सहे और जिन्हें अंतिम संस्कार तक नसीब नहीं हुआ, उन सबका हमारी स्मृतियों में जीवित रहना जरूरी है। महामंडलेश्वर स्वामी धर्मदेव ने कहा, हमें अपनी पीढ़ियों को यह संदेश देना चाहिए कि वे कभी नरेन्द्र मोदी का साथ न छोड़ें और उन्हें भूले नहीं।
2011 में हुई थी स्मारक बनाने की घोषणा
स्वामी धर्मदेव ने बताया कि वर्ष 2011 में विभाजन के बलिदानियों को याद रखते हुए पंचनद स्मारक ट्रस्ट ने कुरुक्षेत्र में एक स्मारक (पंजाबी धाम ) बनाने की घोषणा की थी। बलिदानियों के वारिसों के सहयोग से जमीन भी खरीद ली। अब समय आ गया है, जब हमारा यह सपना जल्द ही पूरा होने जा रहा है।
इस मौके पर महंत आशीष शास्त्री, युवा पंचनद ट्रस्ट के वरिष्ठ उपप्रधान प्रवीण सरदाना, इंद्रजीत सरदाना, अशोक भारती, अनिल आहुजा, सुभाष शास्त्री, धन सचदेवा, डा.पवन थरेजा, प्रदर्शन परुथी मौजूद रहे।