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Parali Problem: कुरुक्षेत्र में फसल अवशेषों में आग लगाने वालों पर शिकंजा कसा, अब तक 155 के चालान किए

डीसी मुकुल कुमार ने कहा कि खेतों में फानों व फसल अवशेषों में आग लगाने वालों पर शिकंजा कसा जा रहा है। इस समय कृषि विभाग पुलिस विभाग राजस्व और अन्य विभागों के अधिकारियों ने मिलकर फील्ड में लगातार निरीक्षण कर रहे हैैं।

By Naveen DalalEdited By: Published: Wed, 20 Oct 2021 05:34 PM (IST)Updated: Wed, 20 Oct 2021 05:34 PM (IST)
Parali Problem: कुरुक्षेत्र में फसल अवशेषों में आग लगाने वालों पर शिकंजा कसा, अब तक 155 के चालान किए
अधिकारियों की टीमों ने अब तक 155 लोगों के चालान किए।

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र। पराली व फानों में आग लगाने वालों पर शिकंजा कसने के लिए फ्लाइंग टीमों का गठन जिला व ब्लाक स्तर पर किया गया है। टीम में बीडीपीओ, तहसीलदार, पुलिस अधिकारी व कृषि विभागों के साथ अन्य अधिकारियों को शामिल किया गया है। यह टीमें हरसक के अलावा फील्ड में आग लगाने वाले लोगों का मौके पर चालान करने और जुर्माना लगाने का काम कर रही है। अहम पहलू यह है कि फ्लाइंग स्क्वायड और नोडल अधिकारियों की टीमों ने मिलकर अब तक 155 लोगों के चालान किए हैं। इन लोगों पर 2 लाख 2 हजार 500 रुपये का जुर्माना लगाया गया है।

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155 जगहों पर फानों में आग लगाने के मामलों की पुष्टि की गई

डीसी मुकुल कुमार ने बताया कि खेतों में फानों व फसल अवशेषों में आग लगाने वालों पर शिकंजा कसा जा रहा है। इस समय कृषि विभाग, पुलिस विभाग, राजस्व और अन्य विभागों के अधिकारियों ने मिलकर फील्ड में लगातार निरीक्षण कर रहे हैैं। यह टीमें लगातार गांव-गांव पर नजर रखे हुए हैं। इन टीमों को हरसक की तरफ से 205 व अन्य स्त्रोत से 40 सहित 245 स्थानों पर फसलों में आग लगाने की सूचना मिली थी। टीम ने इन स्थानों का निरीक्षण किया गया। इनमें से 155 जगहों पर फानों में आग लगाने के मामलों की पुष्टि की गई है। इन लोगों पर 2 लाख 2 हजार 500 रुपये का जुर्माना लगाया गया है। कुरुक्षेत्र में सभी टीमें दिन-रात फानों में आग लगाने वालों पर नजर रखे हुए हैं।

फाने दबाने से मिलता है फायदा

डीसी ने कहा कि फानों को मिट्टी में दबाने से फायदा मिलता है। केंद्र व राज्य सरकार की तरफ से कस्टम हायरिंग सेंटर के लिए करोड़ों रुपये की राशि जारी की गई है। इसके तहत 50 से 80 फीसद सब्सिडी का भी प्रावधान किया गया है ताकि किसान फसल अवशेषों को जलाने की बजाए अवशेषों को खेत में ही मिलाने के लिए कृषि यंत्रों का प्रयोग कर सकें। कृषि विभाग किसानों को हैपी सीडर, बेलर व रोटावेटर उपलब्ध करवाए गए हैं। उन्होंने कृषि विभाग के अधिकारियों को आदेश दिए हैं। वे गांव गांव जाकर किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन के लिए जागरूक करें।


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