माता-पिता हो जाएं सावधान, महंगे शौक पूरा करने के लिए अपराध के दलदल में फंसते जा रहे युवा
महंगे शौक पूरा करने के लिए युवा अपराध के दलदल में फंसते जा रहे हैं। युवा लूट झपटमारी और बाइक चोरी जैसी वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। ऐसे में स्वजनों को अपने बच्चों पर नजर रखनी चाहिए।
पानीपत, जागरण संवाददाता। नई बाइक, ब्रांडेड कपड़े और नशा करने का शौक युवाओं को अपराध के रास्ते पर धकेल रहा है। जरूरत पूरी न होने पर युवा लूट, झपटमारी और बाइक चोरी की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। स्वजनों को आरोपितों की करतूतों का तब पता चलता है जब पुलिस कार्रवाई करती है। इससे स्वजन भी हैरान हैं। पुलिस कई ऐसे अपराधियों को पकड़ चुकी है, जो छात्र हैं और गलत संगत में पड़ कर आपराधिक वारदातों में शामिल हैं। एक बार जेल में जाने के बाद अपराधी सुधरने की बजाय बाहर निकलते ही वारदात कर देते हैं। समाजशास्त्री सतबीर सिंह का कहना है कि स्वजनों ने अपने बच्चों पर नजर रखनी चाहिए। उन्हें पता होने चाहिए कि बेटा कहां जा रहा है। किन लोगों के साथ उठ-बैठ रहा है। अगर बच्चा गलत संगत में है तो तुरंत उसकी काउंसलिंग करें, ताकि गलत काम करने से रोका जा सके।
केस-एक : नशे और बाइक के लिए कर ली चोरी
साई कालोनी के सागर को नई बाइक चलाने और नशा करने का शौक था। शौक पूरा करने के लिए रुपये नहीं थे तो बाइक चोरी करने लगा। उसने शहर में विभिन्न जगहों से चार बाइक चोरी कर ली। चोरी की बाइक बेचने की फिराक में घूमने लगा तो पुलिस के शिकंजे में फंस गया। स्वजन की सागर की करतूत देखकर हैरत में हैं।
केस-दो : नशे की लत पूरी करने के लिए कर दी हत्या
आठ मरला के रोहित और तहसील कैंप के राणू को नशे की लत गई गई। नशा करने के रुपये न होने पर दोनों ने अपराथ का रास्ता चुन लिया। दोनों रात को शहर में सुनसान जगहों पर लूट की वारदात करने लगे। रुपये खत्म होने के बाद वारदात कर देते थे। दोनों ने बाबरपुर के पास दिल्ली के सब्जी कारोबारी अनिल सिंह को लिफ्ट दी और हत्या कर नकदी व मोबाइल फोन लूट लिया। दोनों आरोपित पुलिस की गिरफ्त में हैं।