Panipat Weather Forecast: पानीपत में उमस भरी गर्मी, अप्रैल मई जैसे हालत
मौसम में अचानक आ रहे बदलाव से लोग परेशान है। उमस भरी गर्मी से अप्रैल और मई जैसे हालात नजर आ रहे हैं। गर्मी से लोग बेहाल हैं।
पानीपत, जेएनएन। सितंबर माह में अप्रैल-मई जैसी गर्मी पड़ रही है। उमस भरी गर्मी झेलने को शहरवासी विवश है। तेज धूमप की चुभन और उमस पसीना पोंछने पर मजबूर कर रही है। इन दिनों में भी बिना एसी के गुजारा नहीं हो रहा। बरसात न होने के चलते लोग गर्मी और उमस से बेहाल है। 10 दिनों से बरसात नहीं हुई है। इससे मौसम लगातार गर्म व शुष्क बना हुआ है। मौसम विभाग की माने तो 30 सितंबर को मानसून प्रदेश से अलविदा कह सकता है।
शनिवार को सुबह तेज हवा चली। घरों में उमस से राहत नहीं मिली। धूप तीखी होने के कारण पसीना सूखने का नाम नहीं ले रहा। अधिकतम तापमान 36 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस रहा। गर्मी 43 डिग्री जैसे महसूस की जा रही है। मौसम विभाग के अनुसार 17 सितंबर को मानसून के वापस आने की उम्मीद थी। बंगाल की खाड़ी में एक कम दबाव का क्षेत्र होने के कारण इसकी वापसी में देरी हुई है।
वायु गुणवत्ता स्तर भी 100 अंको से ऊपर चल रहा है। वायु गुणवत्ता का स्तर शनिवार को 127 एमजी रहा। दो दिन पहले वायु गुणवत्ता 169 अंक पहुंच गया था। दो सप्ताह पहले वायु गुणवत्ता का स्तर 100 अंकों से नीचे चल रहा था। सितंबर माह का पूरा पखवाड़ा सूखा बीत गया। बारिश नहीं हुई।
मानसून की बेरूखी झेल रहा उत्तर भारत, बरसात का अंतर बढ़ा
सितंबर माह में एक पखवाड़े से मौसम शुष्क व उमस भरा बना हुआ है। पसीने से तर-बतर लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मौसम विभाग के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी भारत में बरसात के आंकड़ों में लगातार कमी देखी जा रही है। यहां पर बरसात का अंतर 15 फीसदी तक कम हो चुका है। उत्तर भारत के लगभग सभी क्षेत्रों राजस्थान को छोड़कर, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, एनसीआर, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर में बरसात सामान्य से कम हुई है। हालांकि आने वाले 24 घंटे में बंगाल की खाड़ी में मानसून सिस्टम बनेगा। लेकिन उत्तर भारत तक इसका कोई असर दिखाई नहीं देगा। ज्यादा ऊंचाई वाले क्षेत्रों में पश्चिमी हवाओं का दबाव बढ़ने लगा है। लेकिन अभी इस क्षेत्र को मौसम की बेरूखी देखने को मिल सकती है।