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जूट का विकल्प बन रहा पानीपत का धागा, पर्यावरण को भी नहीं पहुंचाता नुकसान, 15 नए यूनिट लगे

पानीपत टेक्सटाइल इंडस्ट्री से जुड़ी खबर। कॉटन यार्न जूट के रस्से व सुतली की जगह इस्तेमाल किया जा रहा है। यह सस्ता भी है। अब तो कुछ उद्यमियों ने मिंक कंबल के स्थान पर ओपन एंड (धागा बनाने) के उद्योग लगाए हैं।

By Umesh KdhyaniEdited By: Published: Fri, 23 Jul 2021 03:58 PM (IST)Updated: Fri, 23 Jul 2021 03:58 PM (IST)
जूट का विकल्प बन रहा पानीपत का धागा, पर्यावरण को भी नहीं पहुंचाता नुकसान, 15 नए यूनिट लगे
पानीपत में रोजाना 30 लाख किलो धागे का उत्पादन होता है।

जागरण संवाददाता, पानीपत। जूट महंगा होने और पर्यावरण को होने वाले नुकसान से बचाने के लिए अब धागा विकल्प बनता जा रहा है। पानीपत में बनने वाले कॉटन यार्न को जूट के रस्से व सुतली के स्थान पर इस्तेमाल किया जाने लगा है। सुतली और रस्से में धागे का इस्तेमाल बढ़ने से मांग भी बढ़ती जा रही है।

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ओपन एंड धागा बनाने वाले उद्यमियों का कहना है कि यहां बनने वाले धागे का निर्यात भी शुरू हो गया है। कलर धागा बनने से डाइंग केमिकल से पर्यावरण का नुकसान भी नहीं हो रहा है। धागे की बढ़ती मांग को देखते हुए नए-नए यूनिट भी लगने शुरू हो गए हैं। 15-20 प्लांट लगने की तैयारी में है। मिंक कंबल का प्लांट लगाने वाले कुछ उद्यमियों ने मिंक कंबल के स्थान पर ओपन एंड (धागा बनाने) के उद्योग लगाए।

30 लाख किलो धागे का उत्पादन

पानीपत में रोजाना 30 लाख किलो धागे का उत्पादन होता है। धागे के 70 यूनिट लगे हुए हैं। ज्यादातर धागा वेस्ट से रूई व कांबर मिलाकर बनाया जाता है। धागे के एक्सपोर्ट में खपत अधिक होती है। एक्सपोर्ट के आर्डर अच्छे होने से भी धागे के मांग बेहतर चल रही है।

फाइन काउंट बनने लगा

पानीपत में पहले कोरस काउंट ही बनता था, अब 20 काउंट फाइन भी बनने लगा है। फाइन काउंट निर्यात किया जा रहा है। 

टेक्सटाइल हब बनने से यार्न की खपत बढ़ी

पानीपत होम फर्निशिंग का हब बन चुका है। घरेलू इंडस्ट्री की खपत भी लगातार बढ़ती जा रही है। टेक्सटाइल में कच्चा माल के रूप में ताना बाना में धागा ही लगता है। धागे की लगातार मांग बढ़ने से अन्य प्रदेशों में लगी मिलों का पानीपत की मार्केट पर ही ध्यान बना है। अब पोलियस्टर यार्न की खपत भी बढ़ती जा रही है। मिंक, पोलर,थ्रीडी चादर का उत्पादन पानीपत में होने से पोलियस्टर यार्न की खपत भी बढ़ गई।

यार्न उद्योग को बढ़ावा दे सरकार

निर्यातक बृजेश गर्ग, दिनेश बंसल का कहना है कि यार्न उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सरकार को आगे आना चाहिए। यहां के उद्योगों में लगने वाले धागे का उत्पादन पानीपत में हो सकता है। सरकार को पोलियस्टर धागा बनाने की मिल लगानी चाहिए। इससे प्रदेश के लोगों को रोजगार मिलेगा। टेक्सटाइल इंडस्ट्री को सस्ता धागा मिल सकेगा।

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