Move to Jagran APP

चीन पर निर्भर पानीपत का टेक्सटाइल उद्योग, पीएम के आत्मनिर्भरता के सपने को साकार करने की उठी मांग

पानीपत का टेक्सटाइल उद्योग चीन पर पूरी तरह से निर्भर है। कुछ चीजों के मामलों में तो उद्यमियों ने आत्मनिर्भरता की राह पकड़ी है। लेकिन बात जब क्वालिटी की आती है तो चीनी सामानों का ही रुख किया जाता है।

By Rajesh KumarEdited By: Published: Sat, 22 Jan 2022 01:01 PM (IST)Updated: Sat, 22 Jan 2022 01:01 PM (IST)
चीन पर निर्भर पानीपत का टेक्सटाइल उद्योग, पीएम के आत्मनिर्भरता के सपने को साकार करने की उठी मांग
पानीपत का टेक्सटाइल उद्योग चीन पर निर्भर।

पानीपत, जागरण संवाददाता। पानीपत का टेक्सटाइल उद्योग काफी हद तक चीन पर निर्भर है। बात चाहे टेक्सटाइल मशीनरी की हो या कुछ और हर मामले में हम चीन पर निर्भर है। आने वाले समय में यह निर्भरता भी कम करनी होगी। अन्यथा यहां का टेक्सटाइल उद्योग प्रतिस्पर्धा में टिक नहीं पाएगा। पानीपत में 15-20 उद्योग टेक्सटाइल मशीनरी बना रहे हैं लेकिन वे उच्च क्वालिटी की मशीन बनाने में अक्षम है। देश में टेक्सटाइल मशीनरी नहीं बनने के कारण चीन और जर्मन पर वस्त्र उद्योग निर्भर कर रहा है।

loksabha election banner

पानीपत के उद्यमियों ने मिंक कंबल व होम फर्निसिंग की आइटम चीन की ही मशीनरी से बनाने में आत्मनिर्भरता प्राप्त कर ली है, लेकिन टेक्सटाइल मशीन के मामले में पिछड़े हुए है। पिछले दो साल से कोरोना के कारण चीन से मशीनरी की आवक प्रभावित हुई है। पानीपत में नए लगाए जा रहे ओपन एंड धागा प्लांट को उद्योग लगाने के लिए डेढ़ साल का इंतजार करना पड़ रहा है। चीन डेढ़ साल की बुकिंग वह भी एडवांस लेकर कर रहा है।

स्पेयर पार्टस पर भी निर्भरता

पानीपत में मिंक कंबल, ओपन एंड धागा बनाने के साथ-साथ कपड़ा उद्योग, वाटर जैट आदि में चीन की मशीनरी लगी हुई है। इस मशीनरी के लिए चीन से ही स्पेयर पार्टस मंगवाना पड़ता है। स्पेयर पार्टस न मिलने के कारण उद्योग बंद हो जाते हैं। पानीपत इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के प्रधान सरदार प्रतीम सिंह का कहना है कि स्पेयर पार्टस की भी इन दिनों शार्टेज चल रही है। इस मामले में भी हम चीन पर निर्भर है। चीन में पावर संकट होने के कारण मशीनरी उत्पादन कम हो रहा है।

हम तैयार है सरकार दे सहायता

टेक्सटाइल मशीनरी मैन्यूफैक्चर्स एसएस धम्मू का कहना है कि यदि सरकार सहायता दे तो हम टेक्सटाइल उद्योग के लिए मशीनें बनाने के लिए तैयार है। इससे हमारी विदेश मुद्रा बचेगी। साथ ही चीन पर निर्भरता कम होगी। यहां बनने वाली मशीन भी सस्ती पड़ेगी। रोजगार के नए अवसर उपलब्ध होंगे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.