एसडीएम कोर्ट में होगी किला मामले की सुनवाई
जागरण संवाददाता, पानीपत : किला मामले की सुनवाई एसडीएम कोर्ट में होगी। अपील के लिए बुलाए जाने पर स
जागरण संवाददाता, पानीपत :
किला मामले की सुनवाई एसडीएम कोर्ट में होगी। अपील के लिए बुलाए जाने पर सोमवार को किला संघर्ष समिति के नेतृत्व में 400 के करीब किलावासी नगर निगम ज्वाइंट कमिश्नर कार्यालय में पहुंचे, लेकिन अधिकारी नहीं मिले। इस पर उन्होंने रोष जताया।
निगम अधिकारियों ने स्वयं न आकर वकीलों को भेज दिया। वकीलों ने किलावासियों की फाइल जमा कर हाजिरी दर्ज की। 142 लोगों पर केस चल रहा है। 142 लोग अपने बच्चों परिवार के साथ नगर निगम पालिका बाजार कार्यालय पहुंचे। किला वासियों ने कहा कि सरकार एक तरफ 2022 तक मकान देने की बात कर रही है। दूसरी तरफ 60 सालों से अधिक समय तक बसे लोगों को उजाड़ा जा रहा है। किला संघर्ष समिति के प्रधान दीपक अरोड़ा ने कहा कि बच्चे, बूढ़े, काम काज छोड़कर यहां पहुंचे हैं, लेकिन अधिकारी नहीं आए। निर्धारित समय से दो घंटे बाद पौने चार बजे एसडीएम विवेक चौधरी मौके पर पहुंचे व फाइलें जमा करवाई। उन्होंने बताया कि फाइलों के हिसाब से कैटगरी बना एसडीएम कोर्ट में सुनवाई होगी। जो लोग केस दर्ज नहीं कर पाए वे कर सकते हैं। जल्द की सुनवाई की तारीख निर्धारित कर दी जाएगी। जिन 57 लोगों को एक्सपार्टी किया जा चुका है वे अपना पक्ष रख सकेंगे। इन्हीं 57 लोगों के आशियाने तोड़ने के लिए निगम की टीम शुक्रवार को किले पर पहुंची थी, लेकिन लोगों के विरोध के चलते वापस लौटना पड़ा था।
मुख्यमंत्री के नाम विधायक को ज्ञापन
किला संघर्ष समिति ने विधायक रोहिता रेवड़ी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कहा गया कि 242 परिवारों को निगम द्वारा गलत नोटिस भेजकर परेशान किया जा रहा है। किलावासी विभाजन के समय पाकिस्तान से उजड़कर यहां पर बसे थे। किले पर आजादी से पहले मकान बने हुए थे। इसे पहले धोबी मोहल्ले के नाम से जाना जाता था। किले पर सिटी थाना, पांच सरकारी स्कूल, आरएसएस का कार्यालय, नगर पालिका पानीपत का दफ्तर, सिटी जेल, सरकारी लाइब्रेरी बने हुए थे। भारत सरकार ने सेटलमेंट एंड रिहेबिलटेशन विभाग द्वारा पुन: विस्थापित करने के लिए मकानों की खुली बोली करवाकर हमें बेच दिए। जिसका पूरा भुगतान हम कर चुके हैं। अलॉटमेंट लैटर तथा रजिस्ट्री हमारे पास है। पानी तथा बिजली के कनेक्शन लगे हुए हैं। ज्ञापन में नगर निगम पानीपत को रिकार्ड ठीक करने, पक्ष सुनने, जो केस निगम सुन रहा है उनकी वीडियोग्राफी करवाने, सुनवाई में जनप्रतिनिधि को शामिल करने, जिस भी नगर निगम के अधिकारी ने आरटीआई के तहत किले पर 242 परिवारों का नाजायज कब्जा संबंधी गलत जानकारी दी है उसके खिलाफ कार्रवाई की मांग भी की।
बिना बिजली के मोबाइल की रोशनी में किया काम
एसडीएम चौधरी जैसे ही सुनवाई करने पहुंचे बिजली गुल हो गई। जिस पर एसडीएम ने अंधेरे में ही मोबाइल की रोशनी में कार्रवाई की।
उजड़ने नहीं देंगे : नारंग
पार्षद अशोक नारंग ने नगर निगम में पहुंचकर किला वासियों को आश्वासन दिया कि उन्हें उजड़ने नहीं दिया जाएगा। इस दौरान विधायक के सचिव सर्वजीत भी पहुंचे। उन्होंने भी लोगों को कहा कि भाजपा 2022 तक सभी को घर देने के लिए प्रतिबद्ध है।
बार-बार तारीख लगने से परेशान : दीपक
समिति के अध्यक्ष दीपक अरोड़ा का कहना है कि बार-बार तारीख लगने से परेशान है। पूरा दिन लोगों को निगम में इंतजार करना पड़ता है। इसीलिए पूरी कार्रवाई की वीडियोग्राफी होनी चाहिए।
वर्जन......
''नगर निगम एक्ट के मुताबिक किला वासियों के केस की सुनवाई होगी। इस के लिए केसों का वर्गीकरण किया गया है। 12-13 फरवरी को उनकी एक बार फिर से सुनवाई होगी। आज किला वासियों से रिप्रजेंटेशन लिया गया है। कारपोरेशन एक्ट के मुताबिक ज्वाइंट कमिश्नर सुनवाई करता है। पानीपत नगर निगम ज्वाइंट कमिश्नर के पास सुनवाई की शक्तियां नहीं है। इसीलिए यह केस एसडीएम कोर्ट में दाखिल हुआ है। दोनों पक्षों की दलील सुनी जाएगी। ''
-विवेक चौधरी, एसडीएम पानीपत