Move to Jagran APP

Ethanol Plant से किसानों की बढ़ेगी आय, पानीपत टेक्‍सटाइल इंडस्‍ट्री पकड़ेगी रफ्तार

पीएम नरेन्‍द्र मोदी ने पानीपत रिफाइनरी को एथेनाल प्‍लांट की सौगात दी है। अब इस प्‍लांट से किसानों की आय भी बढ़ेगी। 75 प्रतिशत पराली का चारे में प्रयोग 25 प्रतिशत प्लांट को मिलेगी। ट्रायल के दौरान पराली के दाम दोगुने हुए। वहीं पानीपत टेक्‍सटाइल इंडस्‍ट्री को भी फायदा होगा।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Thu, 11 Aug 2022 07:57 AM (IST)Updated: Thu, 11 Aug 2022 07:57 AM (IST)
Ethanol Plant से किसानों की बढ़ेगी आय, पानीपत टेक्‍सटाइल इंडस्‍ट्री पकड़ेगी रफ्तार
पानीपत रिफाइनरी में एथेनाल प्‍लांट से टेक्‍सटाइल इंडस्‍ट्री को फायदा। फाइल फोटो

पानीपत, [महावीर गोयल]। 900 करोड़ रुपये लागत से पानीपत रिफाइनरी में पराली से ऐथनाल बनाने का जो प्लांट लगाया गया है। इसका सीधा फायदा पानीपत के टेक्सटाइल उद्योगों मिलेगा। पानीपत में प्रदूषण अधिक होने के कारण हर वर्ष यहां के उद्योगों को 15-20 दिनों तक दीवाली सीजन के दौरान बंद किया जाता है। पराली जलाने से जो प्रदूषण होता रहा है वह अब बंद हो जाएगा। जिसका सीधा लाभ टेक्सटाइल विशेषकर टेक्सटाइल निर्यात उद्योगों को मिलेगा। टेक्सटाइल उद्योगों पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का ठीकरा फूटना बंद हो जाएगा।

loksabha election banner

प्रदूषण से राहत

रिफाइनरी में चिमनियों से जो गैस निकलती है उसका प्रयोग भी इस प्लांट में ऐथनाल बनाने में किया जाएगा। इससे रिफाइनरी से छोड़ी जा रही गैसों से भी प्रदूषण में राहत मिलने जा रही है।

नहीं होगा उत्‍पादन को नुकसान

प्रदूषण के कारण दीवाली सीजन में पिछले वर्ष घरेलू और निर्यात इंडस्ट्री को 10 हजार करोड़ से अधिक उत्पादन का नुकसान हुआ था। टेक्सटाइल उद्यमियों को सड़कों पर जुलूस प्रदर्शन करना पड़ा था।

किसानों की आय बढ़ेगी, केस दर्ज नहीं होंगे

अब तक पराली जलाने से किसानों पर जुर्माने और केस दर्ज किए जा रहे थे साथ ही भूमि की उर्वरा शक्ति भी कम हो रही थी। इस ऐथनाल प्लांट के लगने किसानों पर पराली जलाने के केस दर्ज नहीं होंगे। उल्टा उन्हें आर्थिक लाभ मिल सकेगा। कृषि अधिकारियों की माने तो धान की पराली का 75 प्रतिशत किसान चारे में प्रयो ग करते हैं। 25 प्रतिशत धान के अवशेष की जलाए जाते हैं।

पानीपत में चार लाख टन पराली

प्रदेश को धान का कटोरा कहा जाता है। पानीपत, करनाल, कुरुक्षेत्र, कैथल में धान की अधिक फसल होती है। अकेले पानीपत में चार लाख टन पराली होती है। यदि दो रुपये किलो भी पराली का दाम मिलता है तो लाखों रुपये की आय अकेले पानीपत जिले के किसानों को होगी।

पराली के रेट दोगुना

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी कमलजीत सिंह बताते हैं। इस प्लांट के ट्रायल के दौरान की पराली का रेट दोगुना हो गया। प्लांट करीब 90 दिन बाद चलना शुरू हो जाएगा। प्लांट के पानीपत सहित पूरे प्रदेश से पराली का प्रबंध होगा। पानीपत जिले में 30 सीएचसी पराली से गांठे बनाने के लिए बेलर मशीन उपलब्ध है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.