प्रदेश स्तर पर जीएसटी घोटाले में पानीपत शीर्ष पर
सेंट्रल जीएसटी ने जीएसटी फर्जीवाड़े में शामिल मोहित बठला नामक एक कारोबारी को गिरफ्तार किया। इसके अलावा फर्जीवाड़े में शामिल अन्य फर्मो से रिकवरी की गई।
जागरण संवाददाता, पानीपत :
जीएसटी गुड्स एवं सर्विस टैक्स घोटाले में पानीपत और फरीदाबाद पूरे प्रदेश में सबसे आगे हैं। हरियाणा एक्साइज एवं टैक्सेशन विभाग ने 1532 करोड़ का जीएसटी फर्जीवाड़ा पकड़ा है। इसमें 242 बोगस फर्म शामिल हैं। विभाग 20 हजार से ज्यादा बोगस रजिस्टर्ड फर्मो को पकड़ चुका है। पूरे प्रदेश में जीएसटी फर्जीवाड़े में पानीपत शीर्ष पर है। पानीपत में 49 फर्मे पकड़ी जा चुकी हैं। फरीदाबाद में 42, गुरुग्राम में 28, सोनीपत में 25 फर्मे पकड़े जा चुकी हैं। अन्य जिलों में दो से 15 तक फर्मे जीएसटी फर्जीवाड़े में पकड़ी गई हैं।
पानीपत में 44 फर्मो के खिलाफ मामले दर्ज हैं। स्टेट जीएसटी दो मास्टरमाइंड सहित 5 कारोबारियों की गिरफ्तार कर चुकी है। सेंट्रल जीएसटी ने जीएसटी फर्जीवाड़े में शामिल मोहित बठला नामक एक कारोबारी को गिरफ्तार किया। इसके अलावा फर्जीवाड़े में शामिल अन्य फर्मो से रिकवरी की गई। सीजीएसटी ने 146 निर्यातकों को भी ब्लैक लिस्ट में शामिल किया था। निर्यातकों की जांच की गई।
कैसे होता है जीएसटी फर्जीवाड़ा
जीएसटी घोटाला में फर्जी फर्मो के माध्यम से लेनदेन दिखाया जाता है। माल की न तो खरीद होती है और न ही बिक्री की जाती है। एक दूसरी फर्मो में बिल काट दिए जाते हैं। जीएसटी भरने के स्थान पर इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ ले लिया जाता है। किसी दूसरे के नाम से आनलाइन फर्मो का पंजीयन करवा लिया जाता है। इन फर्मो की मौके पर जांच की गई तो दिखाए गए स्थान पर फर्म चलती नहीं मिली। जीएसटी फर्जीवाड़े की जानकारी मिलने पर विभाग ने इनपुट टैक्स क्रेडिट पर रोक लगा दी। जो लाभ फर्जी फर्मो के माध्यम से लिया गया, उसकी रिकवरी की जा रही है।
तारकोल व्यापारी हन्नी काठपाल ने भी मोहित बठला की फर्मो से लेनदेन दिखाया था। बोगस फर्मो के माध्यम से इनपुट टैक्स क्रेडिट लेने टेक्सटाइल कारोबारियों के बाद तारकोल कारोबारियों को पानीपत में पकड़ा गया है।