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डार्क जोन की तरफ बढ़ रहा पानीपत, दो लाख परिवारों में 49 हजार के पास वैध कनेक्शन

औद्योगिक नगर पानीपत में भूजल का बेइंतहा दोहन किया जा रहा है। इसी कारण से भूजल स्तर लगातार गिरता जा रहा है। उद्योगों के साथ-साथ रिहायशी सेक्टरों कालोनियों में पानी का दुरुपयोग लगातार जारी है। सेक्टरों में जिस क्षमता के सीवर लाइन बिछाई गई है वह ओवरफ्लो अथवा जाम रहती है। पानीपत शहर में पानी के केवल 49 हजार वैध कनेक्शन हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 08 Oct 2021 07:51 AM (IST)Updated: Fri, 08 Oct 2021 02:52 PM (IST)
डार्क जोन की तरफ बढ़ रहा पानीपत, दो लाख परिवारों में 49 हजार के पास वैध  कनेक्शन
डार्क जोन की तरफ बढ़ रहा पानीपत, दो लाख परिवारों में 49 हजार के पास वैध कनेक्शन

जागरण संवाददाता, पानीपत : औद्योगिक नगर पानीपत में भूजल का बेइंतहा दोहन किया जा रहा है। इसी कारण से भूजल स्तर लगातार गिरता जा रहा है। उद्योगों के साथ-साथ रिहायशी सेक्टरों, कालोनियों में पानी का दुरुपयोग लगातार जारी है। सेक्टरों में जिस क्षमता के सीवर लाइन बिछाई गई है, वह ओवरफ्लो अथवा जाम रहती है। पानीपत शहर में पानी के केवल 49 हजार वैध कनेक्शन हैं।

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जनस्वास्थ्य विभाग के 30 करोड़ से अधिक के बिल बकाया है। पैसा न मिलने के कारण जनस्वास्थ्य विभाग का घाटा उठाना पड़ रहा है। घाटा होने के कारण जनस्वास्थ्य विभाग समय पर सीवर की सफाई तक नहीं करवा पा रहा है। ज्यादातर सीवर ओवरफ्लो रहते हैं। ओवरफ्लो होने के कारण पानी सड़कों पर जमा हो जाता है, जिससे सड़कें टूट रही है। औद्योगिक सेक्टरों से लेकर रिहायशी सेक्टर, कालोनियों बाजारों में यह हालत बने हुए हैं। संजय चौक पर सीवर का गंदा पानी बह रहा है। इस चौक पर सैकड़ों लोग बस, आटो पकड़़ने के लिए खड़े रहे हैं। गंदे पानी में लोगों को खड़ा होने पर मजूबर होना पड़ रहा है। अवैध कनेक्शन का डाटा ही उपलब्ध नहीं है

आरटीआइ की जानकारी में जनस्वास्थ्य विभाग ने बताया कि करीब दो लाख परिवारों में से 49456 लोगों के पास वैध कनेक्शन हैं। अवैध कनेक्शन का डाटा उपलब्ध नहीं है। बिना पानी के कोई परिवार रह नहीं सकता। इससे सहज ही पता लग जाता है कि अवैध कनेक्शन की संख्या कितनी हो सकती है। औद्योगिक सेक्टरों में ट्यूबवेल लगाकर भूजल लिया जा रहा है। नहरी पानी न आने के कारण उद्योग भूजल पर ही निर्भर है। नहरी पानी महंगा होने के कारण उद्यमी पानी नहीं ले रहे। भूजल का प्रयोग करने से पहले केंद्रीय भूजल बोर्ड से अनुमति लेनी होती है। अनुमति न मिलने पर उद्यमियों ने अपने प्रभाव से प्रदेश का भूजल नियंत्रण बोर्ड बनवा दिया है। अब यहां के उद्योगों को प्रदेश से ही कंसेंट मिल रही है। पिछले दिन केंद्रीय भूजल बोर्ड ने उद्योगों पर पानी की भरपाई के लिए हर्जाने लगाने शुरू कर दिए थे।

समालखा

पानी के कनेक्शन - 5511

डिफाल्टर : 249

पानी व सीवर डिफाल्ट राशि : 44 लाख 46 हजार 211 पानीपत

वैध कनेक्शन : 49456

डिफाल्टर : 35275

पानी बिल बकाया : 29 करोड़ 28 लाख 93 हजार 517

सीवर बकाया राशि : 3 करोड़ 97 लाख 49 हजार 716


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