Kisan Mahapanchayat: पानीपत में महापंचायत, तस्वीरों में देखिये कैसे पहुंच रहे किसान
पानीपत में राकेश टिकैत और गुरनाम सिंह चढ़ूनी की महापंचायत। इनेलो ने समर्थन दिया। लोक कलाकार भी पहुंचे। जीटी रोड पर ट्रैक्टरों का रेला लगा। देखिये तस्वीरों में सब कुछ। समालखा मंडी भी पहुंचे टिकैत। महिलाओं की भागीदारी भी। सबसे आगे बैठीं।
पानीपत, जागरण संवाददाता : पानीपत में पहली बार किसान महापंचायत हो रही है। कृषि सुधार कानूनों के विरोध में किसान आंदोलन जब से शुरू हुआ है, दिल्ली जाने के लिए पानीपत इनके लिए मुख्य रास्ता तो बना लेकिन महापंचायत नहीं की। गुरनाम सिंह चढ़ूनी पानीपत पहुंच चुके हैं। टिकैत समालखा की अनाजमंडी में पहुंचे। तस्वीरों में देखिये, किस तरह किसान और उनके समर्थक महापंचायत में पहुंच रहे हैं।
महिलाओं की भी भागीदारी
महापंचायत में महिलाओं की भी भागीदारी दिख रही है। नई अनाजमंडी में सबसे आगे अलग से महिलाओं के लिए भी जगह है। यहां पर काफी संख्या में महिलाएं पहुंची हैं। दरअसल, आसपास के गांवों से महिलाएं पहुंची हैं। स्थानीय भारतीय किसान यूनियन के नेताओं ने महिलाओं को आमंत्रित किया था।
तिरंगा और मोर्चे का झंडा
किसानों के हाथ में जहां राष्ट्र ध्वज है, वहीं संयुक्त किसान मोर्चे का झंडा भी है। ट्रैक्टरों के आगे भी इसी तरह झंडे लगाए हुए हैं। भारत माता का जयघोष भी कर रहे हैं।
ट्रैक्टर चलाकर पहुंचे सोनू मालपुर
भारतीय किसान यूनियन पानीपत के अध्यक्ष बने हैं सोनू मालपुर। काफी दिनों से महापंचायत की सफलता के लिए भागदौड़ कर रहे थे। अपने समर्थकों के साथ खुद ट्रैक्टर चलाकर नई अनाजमंडी पहुंचे।
लोक कलाकार भी बुलाए
भाकियू ने इस पंचायत में लोक कलाकारों को भी बुलाया है। रागिनी सुनाने वाले, बीन बजाने वाले कलाकार सभी का मनोरंजन कर रहे हैं। जीटी रोड पर किसान समर्थक तो नाचने भी लगे।
हरी पगड़ी वाले ट्रैक्टर
कुछ ट्रैक्टरों पर हरी पगड़ी बंधी थी। दरअसल, इंडियन नेशनल लोकदल ने इस महापंचायत को समर्थन दिया है। पानीपत और आसपास के गांवों में जहां इनेलो के समर्थक हैं, वे ट्रैक्टर पर पहुंचे। हरा झंडा, हरी पगड़ी साथ में थी।
शेड के नीचे बढ़ रही भीड़
शेड के नीचे अब धीरे धीरे भीड़ बढ़ रही है। लोग अब सीधे अंदर आने लगे हैं। उम्मीद है कि कुछ देर में पूरा शेड भर जाएगा।
ट्राली पर खाट और हुक्का
ट्रैक्टर के साथ बंधी ट्राली पर ही किसानों ने खाट बिछाई हुई है। उसके साथ ही हुक्का है। इस बारे में पूछने पर इनका कहना था कि हुक्का तो जीवनभर साथ ही रहेगा। ये हमारा साथी है। थोड़ी देर बाद महापंचायत में बैठने जाएंगे।
समालखा मंडी में राकेश टिकैत
पानीपत पहुंचने से पहले बीच रास्ते में आता है समालखा। राकेश टिकैत समालखा की अनाजमंडी में पहुंचे। यहां धान की फसल देखी। कहा कि मंडियां खत्म होने की साजिश रची जा रही है। मंडियों को बचाने के लिए आंदोलन कर रहे हैं।