देश का सबसे प्रदूषित शहर Panipat, खतरनाक स्थिति में Pollution level
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की कोशिशें नाकाम होती दिख रही हैं। पानीपत का एक्यूआइ 458 पहुंच चुका है। उद्योगों के बंद होने के बावजूद प्रदूषण खतरनाक हो गया।
पानीपत, जेएनएन। आबोहवा में कोई सुधार नहीं हो रहा है। सभी कोशिशें नाकाम हो रही हैं। मंगलवार को प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया। देश का सबसे प्रदूषित शहर पानीपत है। एक्यूआइ 458 रिकॉर्ड किया गया। शाम को घटकर 454 पर आ गया। एक्यूआइ बढऩे से उद्योगों पर संकट कम होने का नाम नहीं ले रहा। उधर, सांसद संजय भाटिया और विधायक प्रमोद विज के साथ उद्यमी सीएम मनोहर लाल से मिले। मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद सीएनजी आधारित उद्योग बुधवार से चलेंगे।
लगातार उद्योग बंद रहने के कारण निर्यातकों को जनवरी में लगने वाले इंटरनेशनल फेयर की चिंता सताने लगी हैं। जर्मनी में 6 जनवरी को इंटरनेशनल फेयर शुरू होगा। विश्व भर के एक्सपोर्टर स्टाल लगाते हैं। पानीपत के एक्सपोर्टरों की विशेष भूमिका होती है। पानीपत के उद्योग 16 दिन से लगातार बंद हैं। एनवायरमेंट पॉल्यूशन प्रीवेंशन एंड कंट्रोल अथॉरिटी (ईपीसीए) ने 14 नवंबर की सुबह तक उद्योग बंद रखने के निर्देश दिए हैं। प्रदूषण का स्तर कम नहीं होने के कारण उद्यमियों को बंदी की समय-सीमा बढऩे की चिंता सता रही है।
पीएम 2.5 के साथ पीएम 10 भी बढ़ा
मंगलवार को सुबह 9 बजे एक्यूआइ 458 था। इसमें पीएम 2.5 न्यूनतम 405 माइक्रोग्राम और सामान्य 461 माइक्रोग्राम रहा। इसी तरह पीएम 10 का स्तर 388 और 453 रहा। शाम को एक्यूआइ 454 रहा। पीएम 2.5 न्यूनतम 323 और सामान्य 454 रहा। पीएम 10 न्यूनतम 281 और सामान्य 440 रहा।
हवा की गति कम होने से बढ़ा एक्यूआइ
मंगलवार को हवा 4 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार से चली। आद्र्रता 54 फीसद रही। विशेषज्ञों की माने तो हवा की गति कम होने से एयर क्वालिटी इंडेक्स बढ़ा है। जबकि गत कई दिनों तक हवा तेज चलने पर एक्यूआइ नीचे आ गया था।
हरियाणा चैंबर ऑफ कॉमर्स की मांग समाधान निकाला जाए
हरियाणा चैंबर ऑफ कॉमर्स के चेयरमैन विनोद खंडेलवाल ने बताया कि इंडस्ट्री के लगातार बंद रहने से उद्यमियों को नुकसान हो रहा है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के चलते अधिकारी भी अपने हाथ खड़े कर रहे हैं। एक्सपोर्टरों के सामने बड़ी दिक्कत आ सकती है। उद्योगों के लिए अलग से विभाग होना चाहिए।
14 को इंडस्ट्री नहीं खुली तो आंदोलन होगा
फेडरेशन ऑफ इंडस्ट्रियल एसोसिएशन पानीपत के महासचिव एवं इंडस्ट्रियल एसोसिएशन सेक्टर-29-ए के प्रधान श्रीभगवान अग्रवाल ने बताया कि 14 नवंबर को इंडस्ट्री खुलने के संकेत हैं। ऐसा नहीं होता है तो 14 को फिर से बैठक कर आंदोलन की रूपरेखा तैयार करेंगे।
उद्यमियों पर दोहरी मार पड़ रही
पानीपत डायर्स एसोसिएशन के प्रधान भीम राणा ने बताया कि प्रदूषण के नाम पर उद्यमियों को बदनाम किया जा रहा है। उद्योग 16 दिन से बंद और एक्यूआइ कम नहीं हुआ है। यह ङ्क्षचता और शोध का विषय है।
चांदनी बाग कॉलोनी में रात चली रही फैक्ट्रियां
दैनिक जागरण की टीम चार दिन पूर्व चांदनी बाग कॉलोनी और बबैल रोड पर रात में चिमनियों से धुआं उगलती फैक्ट्रियों की लाइव रिपोर्ट प्रकाशित की थी। मंगलवार को रात 10:15 बजे इसी स्थान पर दोनों फैक्ट्रियों से धुआं निकलता दिखाई दिया। टीम ने इसे कैमरे में कैद कर लिया। प्रदूषण बोर्ड के अधिकारी शहर में अवैध रूप से चल रही दर्जनों फैक्ट्रियों के मालिकों पर नकेल कसने में नाकाम हो रहे हैं।
कोलतार फैक्ट्री की चिमनियां उगल रहीं धुआं
कचरौली रोड पर रजापुर गांव के पास मंगलवार को कोलतार की फैक्ट्री से धुआं निकलता दिखाई दिया। प्रदूषण अधिक होने पर ग्रामीणों ने इसकी शिकायत की। पानीपत में सेक्टर 29 की फैक्ट्रियां बंद है। शहर के बाहरी हिस्सों में बेरोक टोक चल रही हैं। गांव के किसान मंगल सिंह, पंजाब सिंह, धर्म सिंह, दयाल सिंह व किशनचंद्र ने बताया कि सरकार पराली जलाने से मना कर रही है। दूसरी तरफ फैक्ट्री मालिक काला धुआं छोड़ कर वातावरण में जहर घोल रहे हैं।
- सीपीसीबी और एचपीसीबी उद्योगों का लगातार निरीक्षण कर रही है। नियमों की अवहेलना करने वाली इंडस्ट्री को बंद कराया जा रहा है। ऐसे में सभी उद्योगों को बंद करना गलत है।
- दिवाली के बाद से इंडस्ट्री लगातार बंद चल रही है। हर रोज करीब 300 करोड़ का काम प्रभावित हो रहा है।