पानीपत को मिली सात परियोजनाएं, फोरलेन होगा गोहाना रोड
मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने रविवार को करीब 1400 करोड़ रुपये से ऊपर की 163 विकासपरक योजनाओं का लोकार्पण किया। इनमें पानीपत जिला की 7 परियोजनाएं भी शामिल रही।
जागरण संवाददाता, पानीपत : मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने रविवार को करीब 1400 करोड़ रुपये से ऊपर की 163 विकासपरक योजनाओं का लोकार्पण किया। इनमें पानीपत जिला की 7 परियोजनाएं भी शामिल रही। इन परियोजनाओं पर करीब 60 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
लघु सचिवालय में वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से इन परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया गया। पानीपत ग्रामीण विधायक महिपाल ढांडा और पानीपत शहर से विधायक प्रमोद विज ने सांकेतिक तौर पर इन परियोजनाओं का लोकार्पण किया। विधायक महिपाल ढांडा ने कहा कि इन परियोजनाओं से विकास को नई गति मिलेगी। आमजन की समस्याओं का हल होगा। पीने के पानी से लेकर ड्रेन-2 से संबंधित योजनाएं भविष्य में तैयार होंगी। पानीपत शहरी विधायक प्रमोद विज ने कहा कि संजय चौक से लेकर नहर तक फोर लेन का शिलान्यास किया गया है। पानीपत से डबवाली तक फोर लेन हाईवे की परियोजना से हरियाणा प्रदेश के पूर्व से पश्चिम की ओर विकास कार्यों की सौगात होगी। इस मौके पर एसडीएम स्वप्रील पाटिल, नगराधीश रवींद्र मलिक, उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम के अधीक्षण अभियंता जेएसनारा, जनस्वास्थ्य विभाग के अधीक्षण अभियंता शिवराज सिंह, जिला खेल अधिकारी राज यादव, डीआइओ मुकेश चावला, जनस्वास्थ्य विभाग के कार्यकारी अभियंता सुनील शर्मा के अलावा समालखा के यूएचबीवीएन के कार्यकारी अभियंता सतपाल सिंह, कनिष्ठ अभियंता समालखा कुलदीप सिंह, पार्षद रवींद्र भाटिया और जेजेपी के जिला अध्यक्ष सुरेश काला मौजूद रहे। सात परियोजनाएं
1- बापौली में सीवर सिस्टम व पानी की सप्लाई 14.88 करोड़
2- चुलकाना में सीवर सिस्टम व पानी की सप्लाई 13.70 करोड़
3-गोहाना रोड फोरलेन 13.69 करोड़
4-राणा माजरा में सीवर सिस्टम व पानी की सप्लाई 9.59 करोड़
5-33 केवी सबस्टेशन, गढ़ीछाज्जू : तीन करोड़
6-भालसी में स्टेडियम 2.38 करोड़
7-वैसर में स्टेडियम 2.59 करोड़ समालखा के बिजली उपभोक्ताओं को राहत
गढ़ी छाज्जू में 33 केबी सबस्टेशन बनने से जौरासी, गढ़ी छाज्जू, पावटी, करहंस इत्यादि गांव के 5400 घरेलू और 866 कृषि उपभोक्ताओं को इसका फायदा होगा। गांव वैसर और भालसी में खेल स्टेडियमों, सड़क के फोर लेनिग के कार्य, बापौली, चुलकाना और राणामाजरा में जल आपूर्ति और सीवर से संबंधित कार्यों की आधारशिला रखी गई।