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बांध डबल मर्डर : ढाबे पर बिल को लेकर हुआ था विवाद, जिस दोस्‍त के लिए जान गंवाई वही फरार

पानीपत में डबल मर्डर हुआ है। हमला करने आए लोगों पर रंजिशन हमला किया या जान बचाने के लिए गोली चलाई। इसकी जांच के लिए एसआइटी गठित की गई है।

By Manoj KumarEdited By: Published: Wed, 19 Aug 2020 10:00 AM (IST)Updated: Wed, 19 Aug 2020 10:00 AM (IST)
बांध डबल मर्डर : ढाबे पर बिल को लेकर हुआ था विवाद, जिस दोस्‍त के लिए जान गंवाई वही फरार
बांध डबल मर्डर : ढाबे पर बिल को लेकर हुआ था विवाद, जिस दोस्‍त के लिए जान गंवाई वही फरार

पानीपत [विजय गाहल्याण] बांध गांव में दो युवकों सतीश जागलान और मनीष की गोली मारकर हत्या कर दी गई। ढाबे पर कथित लूट का जो मामला था, उसमें मुख्य आरोपित विकास था। ये दोनों विकास के दोस्त थे। दोस्ती निभाने के लिए ही बांध गांव गए थे। वहीं पर जिंदगी गंवा बैठे। विकास अपने दो साथियों के साथ फरार है। अब पुलिस जांच कर रही है कि समझौता बैठक हो रही थी या ये लोग हमला करने ही गए थे। पूरे गांव को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। ढाबा मालिक धर्मपाल के भाई धर्मबीर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उसी की लाइसेंसी पिस्टल से चार-पांच फायर हुए थे। उधर, एसपी ने इस पूरे प्रकरण की जांच के लिए एसआइटी गठित कर दी है। यही पता लगाएगी की रंजिशन हमला हुआ या जान बचाने के लिए फायङ्क्षरग की गई। एसआइटी में डीएसपी ओमप्रकाश, सीआइए टू प्रभारी वीरेंद्र कुमार और थाना इसराना प्रभारी नरेंद्र कुमार को शामिल किया गया है।

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बांध गांव में गोली का निशाना बने इसराना गांव के सतीश जागलान को बचपन में कुश्ती का शौक था। उसने जिला व राज्यस्तर कुश्ती प्रतियोगिता में कई पदक भी जीते। घर की आर्थिक स्थिति  कमजोर होने से कुश्ती छूट गई। एनसी कॉलेज में सिक्योरिटी गार्ड लग गया। सतीश की दोस्ती विकास से हो गई थी। इसराना के ग्रामीणों ने कहा कि सतीश का आचरण अच्छा था। अगर साथ नहीं जाता तो जान बच जाती। परिवार में छोटा राजेश, बहन मुकेश, मां बीरमती,  पत्नी दयावती, बेटा सचिन व बेटी नेहा है।

मनीष इसराना में आरओ प्लांट चलाता था। वर्ष 2015 में पिता राजकुमार की हृदय गति रुकने से मौत हो गई। परिवार में छोटा भाई प्रवीन, मां कृष्णा, पत्नी मुकेश, बेटा हैप्पी व कृष हैं। मनीष की सतीश के साथ दोस्ती थी। सतीश के कहने पर ही वह बांध गया था। वहां पर गोली लगने से मारा गया। इसराना थाना प्रभारी नरेंद्र कुमार ने बताया कि वर्ष 2013 में इसराना में प्रदीप नामक युवक की हत्या कर दी गई थी। इसमें मनीष पर भी मामला दर्ज किया गया था। इस मामले में मनीष बरी हो चुका था।

धर्म ढाबा बना हत्याकांड की वजह

बांध गांव के धर्मपाल का करनाल के कोहंड कस्बे में धर्म ढाबा है। धर्मपाल ने घरौंडा थाने में शिकायत दर्ज कराई कि 14 अगस्त की रात बांध गांव का विकास, इसराना के सतीश व अन्य दो साथियों के साथ ढाबे में आया। खाना खाने के बाद बिल को विवाद हुआ। इन्होंने बिल न देते हुए मारपीट करके काउंटर से 60 हजार रुपये लूटे। बदमाशों ने उसकी व भतीजे की सोने की चेन भी लूट ली। डर की वजह से ग्राहक खाना छोड़कर भाग गए। ढाबे के बाहर बदमाशों ने हवाई फायङ्क्षरग की। घरौंडा थाना पुलिस ने मामला दर्ज किया। इस मामले में रात को पांच युवक बांध गए थे। दो की हत्या हो गई।

गांव में सुरक्षा बढ़ा दी है : एसपी

एसपी मनीषा चौधरी ने बताया कि बांध गांव के विकास के खिलाफ पहले 12 मामले दर्ज हैं। उसका और भी जिलों के थानों से आपराधिक रिकार्ड का पता लगाया जा रहा है। ढाबा संचालक धर्मपाल पक्ष ने विकास से जान का खतरा बताया है। सतीश और मनीष की हत्या के मामले में हिसारत में लिए गए लोगों से पूछताछ की जा रही है।

विकास और हत्या आरोपित ढाबा संचालक धर्मपाल गुट में दोबारा से भिड़ंत न हो जाए, इसलिए दोनों पक्षों के घरों के बाहर पुलिस चौकसी बढ़ा दी है। पुलिस पैदल व पीसीआर से गांव की गश्त कर रही है। वहीं, सतीश और मनीष के घर मातम छाया हुआ है।

लघु सचिवालय का गेट बंद कराया

बांध के लोग ढाबा संचालक धर्मपाल पक्ष में उतर आए। उन पर पुलिस नजर रख रही थी। लघु सचिवालय के गेट नंबर दो से आम लोगों की आवाजाही रहती है। इस गेट को भी पुलिस ने बंद करा दिया। मौके पर डीएसपी संदीप कुमार, डीएसपी वीरेंद्र कुमार, डीएसपी पूजा डाबला, थाना शहर, किला, चांदनी बाग सहित पांच थाना प्रभारी और 100 से ज्यादा पुलिसकर्मी स्काई लार्क के सामने कट पर डंडों व आसू गैस के साथ डटे थे। बांध से तीन बसों में भरकर ग्रामीण लघु सचिवालय में स्काई लार्क के पास पहुंचे और रोष जताकर धरने पर बैठ गए।

बांध की 11 सदस्यीय कमेटी एसपी से मिली

डीएसपी संदीप कुमार ने ग्रामीणों को बताया कि कोराना की वजह से 11 सदस्यीय कमेटी ही एसपी से मिल सकती है। इसके बाद कमेटी में शामिल सरपंच गुलाब ङ्क्षसह, जिला परिषद के पूर्व चेयरमैन रणबीर ङ्क्षसह, बिजेंद्र, भूपेंद्र, जयपाल ङ्क्षसह, धज्जा राम, अमरजीत शर्मा और चार महिलाओं की कमेटी एसपी मनीषा चौधरी से मिली। विकास व उसके साथियों की गिरफ्तारी की मांग की। ग्रामीणों ने कहा कि विकास पर हरियाणा व पंजाब में आपराधिक मामले दर्ज हैं। विकास ने उनका जीना मुहाल कर दिया है।

कब क्या हुआ

-मंगलवार सुबह 8:30 बजे बांध गांव की कुम्हार धर्मशाला में गांव की 36 बिरादरी की सरपंच गुलाब ङ्क्षसह की अगुवाई में धर्मपाल पक्ष की ओर से पंचायत हुई।

-10:32 बजे भारी पुलिस बल लघु सचिवालय के सामने इक_ा हुआ।

-11:45 बजे ग्रामीण बसों से सचिवालय के सामने पहुंचे और धरने पर बैठे।

-11-54 बजे 11 सदस्यीय कमेटी एसपी से मिली।

-12-48 बजे ग्रामीण सचिवालय से घर लौटे।

-5:30 बजे सतीश का इसराना और मनीष तो उसके पैतृक गांव डिकाडला में अंतिम संस्कार किया गया।

इनके खिलाफ मामला दर्ज हुआ

इसराना थाने में बांध गांव के धर्मपाल, उसकी पत्नी, भाई धर्मबीर, भाई राजबीर, राजबीर के बेो अजय, विजय, पत्नी, सुशील, संदीप और अन्य 10 लोगों के खिलाफ हत्या, जान से मारने की धमकी सहित पांच धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया।

सीसीटीवी फुटेज - 9 मिनट 14 सेकेंड तक दिखाई गुंडागर्दी

ढाबा संचालक धर्मपाल के स्वजनों ने 14 अगस्त की रात की 9:14 मिनट की सीसीटीवी कैमरे की रिकार्डिंग पुलिस को मुहैया कराई है। इसमें विकास, सतीश सहित चार युवक ढाबे में घुसे। विकास काउंटर पर बैठे धर्मपाल को पिस्टल दिखाता है और सतीश धक्का देकर पीटता है। इसके बाद वे काउंटर से नकदी लूटते हैं। धर्मपाल को पांच बार पीटते हैं। चाचा को छुड़वाने आए भतीजे विजय को भी पीटा। लाल टी-शर्ट वाला बदमाश पिस्तौल दिखाकर कामगारों को धमकाता है। डरते हुए कामगार भाग जाते हैं।

ये है विकास का आपराधिक रिकार्ड

पुलिस के अनुसार विकास पर करीब 12 साल में पानीपत, करनाल व अन्य जिलों में हत्या, लूट, जानलेवा हमला और मारपीट के 12 मामले दर्ज हैं। विकास नाबालिग था, तभी से आपराधिक वारदात करने लगा। पिता सुमेर किसान हैं। छोटा भाई अमित फैक्ट्री में काम करता है। विकास की करतूत से पिता व भाई ने उससे दूरी बना ली थी। विकास स्वजनों से अलग खेत में बने कमरे में रहता था।

-फरवरी 2011 में मनीष होली त्योहार पर गांव के युवक पर चाकू से हमला कर दिया था। इस मामले में वह दो साल जेल में रहा और फिर जमानत पर बाहर आया।

-जून 2012 में गांव के एक युवक की हत्या का आरोप लगा। डेढ़ साल तक जेल में रहा। बाद में बरी हो गया।

-2013 में मारपीट का मामला दर्ज हुआ।

-2016 में सरपंच गुलाब के घर में घुसकर फायङ्क्षरग की और सरपंच से माफी मांगने पर समझौता हो गया। इसके बाद थाना शहर में मारपीट का मामला दर्ज हुआ।

-14 अगस्त, 2020 को घरौंडा थाने में लूट का मामला दर्ज हुआ।


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