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पुंछ के मनकोट सेक्टर में पानीपत के बीएसएफ के जवान की मौत, शोक में डूबा गांव

बड़ौली गांव के बीएसएफ में एएसआइ कर्मबीर सिंह मढ़ान की पुंछ के मनकोट सेक्टर में गोली लग गई है। बताया जा रहा है कि उन्होंने आत्महत्या की है। गांव के लोग इस पर यकीन नहीं कर रहे हैं।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Fri, 22 Feb 2019 12:47 PM (IST)Updated: Sat, 23 Feb 2019 02:56 PM (IST)
पुंछ के मनकोट सेक्टर में पानीपत के बीएसएफ के जवान की मौत, शोक में डूबा गांव
पुंछ के मनकोट सेक्टर में पानीपत के बीएसएफ के जवान की मौत, शोक में डूबा गांव

पानीपत, जेएनएन। बड़ौली गांव के बीएसएफ में तैनात एएसआइ कर्मबीर सिंह मढ़ान (51) की पुंछ के मनकोट सेक्टर में गोली लगने से मौत हो गई। वह 168वीं बटालियन में तैनात थे। 16 फरवरी को पत्नी राजेश ने कहा था कि बार्डर पर हालात ठीक नहीं हैं। अच्छा होगा पेंशन ले लें। तब कर्मबीर ने कहा था कि परिवार की उसे चिंता है। टेंशन मत ले। देश के लिए भर्ती हुआ हूं और देश की रक्षा के लिए जा रहा हूं। शनिवार ढाई बजे उनका पार्थिव शरीर को गांव में लाया गया।

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18 फरवरी को गांव से जाकर ड्यूटी ज्वाइन की थी। पत्नी, परिवार और ग्रामीण उन्‍हें शहीद बता रहे हैं। आत्महत्या की सूचना उनके गले नहीं उतर रही है। लोग पीडि़त परिवार की ढांढस बंधा रहे हैं। उनका पार्थिव शरीर शुक्रवार को पैतृक गांव बड़ौली पहुंचेगा। पत्नी गांव पहुंच गईं हैं। बेटा व बेटी देर रात पहुंचेंगे। 

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बीएसएफ के एएसआइ कर्मबीर की पत्नी राजेश।

सुबह दस बजे पत्नी से कहा चिंता मत करो, 3:30 बजे मिली मौत की खबर
मोहाली के बीएसएफ के क्वार्टर में रहने वाली राजेश ने बताया कि बृहस्पतिवार सुबह सात बजे कॉल कर पति ने कहा था कि देश के सीमा पर गोलीबारी हो रही है अपना ख्याल रखना। पति ने कहा कि रात को कॉल करता हूं। 3:30 बजे बीएसएफ के एक अधिकारी ने की कॉल आई और घर का पता पूछा। इसके बाद फोन बंद हो गया। उसने पति को 23 बार कॉल की लेकिन रिसीव नहीं की। इसके बाद उसने छोटे भाई जींद के कालवा निवासी सुरेंद्र को कॉल कर बताया। भाई ने बताया कि कर्मबीर सिंह की गोली लगने से मौत हो गई। उसे यकीन नहीं हो रहा है कि पति ने खुद को गोली मारी है। पति उसके व परिवार की बहुत चिंता करते थे। वे दिन में दस बार कॉल करते थे। मई 2019 को उनकी 31 साल की नौकरी पूरी होनी थी।

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बेटे को आर्मी में भर्ती कराना चाहते थे
बीएसएफ की 168वीं बटालियन के एएसआइ कर्मबीर के साले सुरेंद्र ने बताया कि मई 2018 में आसाम के तूरा से तबादला पूंछ के मनकोट सेक्टर की अग्रिम चौकी पर हुआ था। उनकी एक लड़की व एक लड़का है। बेटी ज्योति 23 वर्षीय एमकॉम द्वितीय वर्ष में चंडीगढ़ में पढ़ाई कर रही है। बेटा धीरज 21 वर्षीय मोहाली में बी फार्मेसी कर रहा है। वे सब मोहाली में बीएसएफ के क्वार्टरों में रह रहे हैं। उनकी इच्छा थी कि बेटा धीरज आर्मी में भर्ती हो। धीरज ने आर्मी व बीएसएफ भर्ती के लिए प्रयास किया, लेकिन दौड़ में पिछडऩे की वजह से सफल नहीं हो पाया। 

भाई की मौत की रस्म पूरी कर गया था
कर्मबीर के भतीजे विनेश ने बताया कि कर्मबीर के छोटे भाई जगबीर रोडवेज में ड्राइवर था। उसकी 24 जनवरी को ड्यूटी के दौरान पानीपत रोडवेज डिपो में मौत हो गई थी। 29 जनवरी को उनके संस्कार में आये थे। वे वह शनिवार को ही संस्कार की रस्में पूरी कराकर ड्यूटी के लिए रवाना हुए थे। उनके परिवार में किसान भाई राजबीर, बहन, सरोज व सीमा हैं। पिता धर्म व मां रोशनी की मौत हो चुकी है। 

भाई कबड्डी का खिलाड़ी था, खुद को गोली नहीं मार सकता
भाई की मौत से आहत राजबीर ने बताया कि भाई कर्मबीर कबड्डी के खिलाड़ी थे। गांव के सरकारी स्कूल से दसवीं पास करते ही वे बीएसएफ में सिपाही भर्ती हुए थे। भाई छुट्टी लेकर गांव आते थे तो युवाओं को फौज में भर्ती होने के लिए प्रेरित करते थे। हंसमुख स्वाभाव के थे। फिर ऐसी क्या नौबत आ गई दो भाई ने खुद को गोली मार ली। ऐसा नहीं हो सकता। 

गोली की आवाज सुनकर दूसरे साथी मौके पर पहुंचे
दैनिक जागरण के पुंछ संवाददाता के अनुसार अग्रिम चौकी पर कर्मबीर बीएसएफ की 168वीं बटालियन में बतौर एएसआइ तैनात थे। बृहस्पतिवार दोपहर को उन्होंने अपनी सर्विस राइफल से खुद को गोली मार ली। गोली की आवाज को सुनकर अन्य जवान और अधिकारी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने उसी समय एएसआइ को नजदीक के सैन्य अस्पताल में पहुंचाया। जहां डॉक्टरों ने उनको मृत घोषित कर दिया।

बीएसएफ जवान के परिजनों को ढांढस बंधाने को पहुंचे लोग
बड़ौली गांव के बीएसएफ में एएसआई कर्मबीर मढ़ान की मौत के बाद परिवार व गांव में मातम छाया गया। आसपास के गांवों के लोगों ने आश्रित परिवार को ढांढस बंधाई। थाना सदर प्रभारी ने गांव में पहुंचकर व्यवस्था जांची और बीएसएफ के पूंछ में तैनात अधिकारियों से फोन पर बात की।


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