आखिरी समय कोच ने विंका को दिए ऐसे टिप्स, प्रतिद्वंद्वी को चित कर हासिल किया वर्ल्ड कप का टिकट
विंका ने यशी को हराकर वर्ल्ड कप का टिकट हासिल किया। चैंपियनशिप के दो दिन पहले कोच से लिए टिप्स विंका के काम आ गए। रोहतक की नेशनल बॉक्सिंग एकेडमी में 60 किलोग्राम में हुए ट्रायल में 7-0 से हराया।
पानीपत, [विजय गाहल्याण]। पौलेंड में 10 से 24 अप्रैल को एआइबीए यूथ वल्र्ड कप होना है। इसके लिए इंडिया की बॉक्सिंग टीम में जगह बनाना शिमला मौलाना गांव की विंका की राह आसान नहीं थी। उनके सामने प्रतिद्वंद्वी बॉक्सर गुरुग्राम की यशी थी।
दो दिन पहले विंका को कोच भास्कर ने टिप्स दिए कि यशी के नजदीक नहीं जाना। दूर से पंच बरसाने हैं। ये तकनीक कारगर रही और रविवार को रोहतक की नेशनल बॉक्सिंग एकेडमी में 60 किलोग्राम में हुए ट्रायल में विंका ने यशी को तीन राउंड में 7-0 से हराकर यूथ वल्र्ड कप का टिकट कटा लिया। विंका हाल ही में मोंटेनीग्रो में हुए 30वें एडरियाटिक पर्ल टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक जीता और बेस्ट बॉक्सर भी चुनी गई।
भैंस को चारा डाल रहे पिता को जीत की खबर मिली तो भावुक हो गए
विंका के पिता धर्मेंद्र सिंह आटो चलाकर परिवार का पोषण करते हैं। बेटी को इस मुकाम तक पहुंचाने में उनका अहम योगदान रहा है। दैनिक जागरण ने फोन से धर्मेंद्र से बात की तो वे पशुओं को चारा डाल रहे थे। उनको विंका की सफलता के बारे में जानकारी दी। वे भावुक हो गए और बोले कि दो दिन पहले विंका ने काल कर कहा था कि तैयारी अच्छी है। इंडिया बॉक्सिंग टीम में चयन हो जाएगा। अब बेटी जीत गई है। उम्मीद है कि बेटी वल्र्ड कप में भी स्वर्ण पदक जीते।
कोरोना काल में हुई अच्छी तैयारी का मिला फायदा, वजन भी कम किया
विंका ने बताया कि कोरोना काल में रोहतक में बॉक्सिंग का अभ्यास बंद था। शिवाजी स्टेडियम में पहले कोच सुनील कुमार के पास अभ्यास किया। गलती करने पर डांट भी पड़ी। मिठाई व अन्य तली खाद्य सामग्री का त्याग कर वजन 64 से घटाकर 60 किलोग्राम किया। ये फायदेमंद भी रहा।
विरोधी बॉक्सरों की देख रही हूं वीडियो, पांच घंटे अभ्यास करती हूं
ङ्क्षवका ने बताया कि वल्र्ड कप की तैयारी में जुट गई हैं। हर दिन पांच घंटे अभ्यास करती हूं। अपर बाडी और स्ट्रैंथ पर काम रही हूं। विरोध बॉक्सरों की वीडियो देखकर उनकी कमजोरी का भी पता लगा रही हूं। मोबाइल फोन से दूर रहती हूं। घर से काल आती है तो कोच बात करा देंगे।
ये खूबी बनाती हैं विंका को चैंपियन
सात साल की आयु में छत से गिरने से सिर में 24 टांके लगे। हौसला रखा और राज्य, राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 24 से अधिक मेडल जीते।
-लंबाई कम होने के बावजूद विरोधी बॉक्सरों के पंच नहीं खाती हैं।
-रिंग में पैरों को मूवमेंट करके विरोधी बॉक्सर को थका देती हैं। मुकाबले को अंत तक खींच कर ले जाती हैं और फिर ताकतवर पंच बरसाकर जीत जाती हैं।
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