ये कैसी बेबसी, बड़े भाई के शव को रात भर दूर खड़ा देखता रहा युवक, रुला देगी पानीपत की ये दास्तां
पानीपत में ये बेबसी आपकी आंखों में आंसू ला सकती है। संवेदनाएं तार-तार हो रही थीं। बड़े भाई के शव को छोटा भाई दूर से खड़े रात भर छिपकर देखता रहा। कुछ शराबियों ने उसे पीटकर भगा दिया था।
पानीपत, जेएनएन। काम की तलाश में आए दो भाइयों में से एक की बस अड्डा चौकी से 20 मीटर दूर फ्लाईओवर के नीचे मौत हो गई। फोन की बैट्री डिस्चार्ज होने के कारण छोटा भाई सुबह होने का इंतजार कर था कि चार शराबियों ने मारपीट कर भगा दिया और शव के पास सो गए। भाई पिलर के पीछे छिपकर रातभर रोता रहा और सुबह पुलिस को सूचना दी। भाई के शव को घर ले जाने के लिए रुपये नहीं थे। पुलिसकर्मी ने एबुलेंस से शव को गांव भिजवाया।
उत्तर प्रदेश के जिला रायबरेली के गांव भागीखेड़ा के बुद्धिलाल ने बताया कि वह 15 दिन पहले बड़े भाई राजू (55) के साथ काम की तलाश में पानीपत आया था। दोनों इसराना में ईंट-भट्ठा पर गए थे। भट्ठा बंद होने के कारण काम नहीं मिला। रहने के लिए कोई ठिकाना नहीं था। इसलिए दोनों भाई बस अड्डा चौकी के सामने फ्लाईओवर के नीचे पिलर के पास चबूतरों पर रात बिताते थे।
सोमवार रात करीब दस बजे राजू के सीने में दर्द हुआ और कुछ देर बाद मौत हो गई। वह शव के पास बैठाकर रो रहा था कि चार शराबियों ने कहा कि शव को लेकर भाग जा। उसने सुबह ले जाने की बात कही तो मारपीट करने लगे। वह डर से पिलर के पीछे छिपकर बैठ गया और वहीं से भाई के शव को देखता रहा। चारों नशेड़ी भाई के शव की बगल में सो गए। सुबह शराबी चले गए तो पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने पोस्टमार्टम करवाकर शव को उसे सौंप दिया।
थाना शहर प्रभारी योगेश कुमार ने बताया कि बुद्धिलाल के पास भाई के शव को एंबुलेंस से गांव ले जाने के लिए रुपये नहीं थे। तभी जांच अधिकारी हवलदार दीपक ने बुद्धिलाल से गांव के प्रधान का मोबाइल नंबर लिया और कहा कि एंबुलेंस के किराये के रुपये दे देना। प्रधान ने हामी भरी तो शव को गांव भिजवाया।
पुलिस को नहीं दे पाया सूचना
बुद्धिलाल ने बताया कि रात में उसके फोन की बैट्री खत्म हो गई। इसी वजह से वह दोस्तों को सूचना नहीं दे पाया। न ही 100 नंबर पर काल कर पाया। उसकी आसपास किसी भी व्यक्ति ने मदद नहीं की।
हवलदार ने शव पहुंचाने में की मदद
बुद्धिलाल के पास भाई के शव को एंबुलेंस से गांव ले जाने के लिए रुपये नहीं थे। तभी जांच अधिकारी हवलदार दीपक ने बुद्धिलाल से गांव के प्रधान का मोबाइल नंबर लिया और कहा कि एंबुलेंस के किराये के रुपये दे देना। प्रधान ने हामी भरी तो शव को गांव भिजवाया।
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