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मौसम की बेरुखी से धान की रोपाई धीमी, 56 हजार हेक्टेयर में हुई

मानसून की बेरुखी की वजह से किसान परेशान हैं। हरियाणा में धान की रोपाई धीरे हो गई है। अभी तक यमुनानगर में 56 हजार हेक्‍टेयर में ही अभी तक धान की रोपाई हुई है। तापमान बढ़ने से झुलस रही फसलें।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Tue, 06 Jul 2021 04:02 PM (IST)Updated: Tue, 06 Jul 2021 04:02 PM (IST)
मौसम की बेरुखी से धान की रोपाई धीमी, 56 हजार हेक्टेयर में हुई
मानसून की बारिश न होने की वजह से धान की रोपाई धीरे।

यमुनानगर, [जागरण संवाददाता]। मौसम की बेरुखी का असर धान की रोपाई पर देखा जा रहा है। अब तक 56 हजार हेक्टेयर पर धान की रोपाई हो पाई है जबकि करीब 80 हजार हेक्टेयर पर होनी है। अासमान से आग बरस रही है। किसानों की दिक्कत यह है कि धान की रोपाई करें या फिर गन्ने की हरियाली बरकरार रखें। जिला में करीब 65 हजार हेक्टेयर पर गन्ना की फसल है। फसलें झुलस रही हैं और बिगड़ती स्थिति को लेकर किसान चिंतित हैं। उधर, मौसम विभाग के प्रवक्ता के मुताबिक अभी गर्मी से निजात की मिलने की उम्मीद नहीं है। मंगलवार को सुबह से ही आसमान से आग बरसनी शुरू हो गई थी। अधिकतम तापमान 39 व न्यूनतम 26 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

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नहीं हो पा रही फसलों की सिंचाई

क्षेत्र के किसान पवन कुमार, हरपाल सिंह, नरेश व श्रीराम का कहना है कि बारिश न होने के कारण धान की रोपाई नहीं हो पा रही है। फसलों की सिंचाई के लिए पर्याप्त बिजली भी नहीं मिल रही। 24 घंटे में मुश्किल से आठ घंटे बिजली मिल रही है। धान की रोपाई के लिए किसानों को बारिश का इंतजार है। धान की जो फसल रोपी जा चुकी है, वह भी पानी की कमी के चलते बुरी तरह प्रभावित हो रही है। खेतों में दरारें पड़ गई हैं। फसल की ग्रोथ रुक गई है। ऐसी स्थिति में फसल की पैदावार प्रभावित होने की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता।

बढ़ सकता तापमान

मौसम विभाग के प्रवक्ता के मुताबिक बुधवार को तापमान में बढ़ोतरी संभावित है। अधिकतम तापमान 40 व न्यूनतम 29 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है। शुक्रवार के बाद हल्की गिरावट की उम्मीद है। इस दौरान अधिकतम 31 व न्यूनतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस तक रहने की संभावना है। शनिवार से मौसम में बदलाव संभावित है। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उप निदेशक डा. जसविंद्र सैनी का कहना है कि बारिश न होने का असर धान की रोपाई पर देखा जा रहा है। अब तक रोपाई का काम पूरा हो जाना चाहिए था, लेकिन अब तक 56 हजार हेक्टेयर पर धान की रोपाई हो पाई है।


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