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धान की खेती का मिला विकल्प, इंडो-इजराइल सब्जी उकृष्टता केंद्र की खास योजना

धान की खेती के लिए विकल्‍प मिल चुका है। फल सब्जियों की पैदावार एक बेहतरीन विकल्‍प के तौर पर है। इंडो-इजराइल सब्जी उकृष्टता केंद्र ने इसके लिए खास योजना तैयार की है।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Fri, 29 May 2020 03:51 PM (IST)Updated: Fri, 29 May 2020 04:18 PM (IST)
धान की खेती का मिला विकल्प, इंडो-इजराइल सब्जी उकृष्टता केंद्र की खास योजना
धान की खेती का मिला विकल्प, इंडो-इजराइल सब्जी उकृष्टता केंद्र की खास योजना

पानीपत/करनाल, [पवन शर्मा]। प्रदेश में बढ़ते जा रहे जलसंकट को देखते हुए कृषि विशेषज्ञ अब धान की खेती के बेहतर विकल्प तलाश रहे है। अब उनका जोर सब्जियों और फलों के उत्पादन को प्रोत्साहन देने का है। इसके लिए प्रदेश के विभिन्न जिलों में घोषित डार्क जोन वाले क्षेत्रों सहित अन्य क्षेत्रों में एक-एक एकड़ के 44 प्लॉट बनाए जाएंगे। 

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इनमें सब्जियों एवं फलों की उत्पादन प्रक्रिया का प्रदर्शन किया जाएगा ताकि किसान इसे अपनाने के लिए आगे आएं। प्रदेश में ऐसे प्लॉट पर किसानों को 192500 रुपये की सब्सिडी दी जाएगी। बस इसके लिए उन्हेंं उद्यान विभाग में पंजीकरण कराना होगा। 

उकृष्टता केंद्र के विज्ञानियों ने इसे विशेष योजना तैयार की 

करनाल स्थित इंडो इजराइल सब्जी उकृष्टता केंद्र के विज्ञानियों ने इसे विशेष योजना तैयार की है। प्रदेश के कुरुक्षेत्र, कैथल, सिरसा व फतेहाबाद के डार्क जोन में इसके लिए प्लॉट तलाशे जा रहे हैं। केंद्र के प्रभारी डा. दीपक धत्रवाल ने बताया कि हरियाणा में भूजल की भारी कमी होती जा रही है। 

 

दक्षिण हरियाणा के आधा दर्जन जिले डार्क जोन में

ताजा आंकड़ों पर नजर डालें तो दक्षिण हरियाणा के आधा दर्जन जिले डार्क जोन में हैं, जहां पानी दस मीटर तक नीचे चला गया है। मध्य हरियाणा में पांच से आठ मीटर और उत्तर हरियाणा में पानी चार से छह मीटर नीचे जा चुका है। इसीलिए प्रदेश सरकार ने धीरे-धीरे धान की खेती पर रोक लगाने की मुहिम शुरू की है। इसलिए धान की खेती के विकल्प के रूप में फलों और सब्जियों की खेती बेहतर विकल्प हो सकती है औ किसान धान के बजाय इसके जरिये धन-धान्य से समृद्ध हो सकते हैं।

क्या होगा योजना में 

योजना के तहत एक-एक एकड़ के प्लॉट लिए जाएंगे। 16 पर सब्जियों व 16 पर फलों की विभिन्न प्रजातियों की पैदावार का प्रदर्शन किया जाएगा। शेष 12 प्लॉटों की जिम्मेदारी महाराणा प्रताप हॉॢटकल्चर यूनिवॢसटी की रहेगी। जलवायु विविधता के अनुरूप टमाटर, आलू, घिया, करेला, टिंडा, चपनकद्दू जैसी सब्जियों से लेकर विदेशी प्रजाति की सब्जियों व फलों में केला, संतरा, किन्नू, आम, अमरूद, अनार, अंगूर व तरबूज आदि की खेती के गुर सिखाए जाएंगे। 

सब्जियों में पानी की कम खपत 

धान की तुलना में लगभग सभी सब्जियों की पैदावार में एक तिहाई और कई में एक चौथाई से भी कम पानी की खपत होती है। खासकर, बेल श्रेणी की का उत्पादन बहुत पानी बचाता है। सब्जी व बागवानी फसलें एक एकड़ में डेढ़-दो लाख रुपये तक आमदनी कराती हैं। इनकी मांग अच्छी है और भुगतान भी समय से मिल जाता है। योजना के तहत चयनित प्लॉटों पर जल संरक्षण में बहुपयोगी ड्रिप इरीगेशन पद्धति का प्रदर्शन भी किया जाएगा।

  • ये ब्लॉक किए गए चिन्हित 
  • जनपद            ब्लॉक 
  • कुरुक्षेत्र           बाबैन, शाहबाद, पीपली, इस्माइलाबाद 
  • कैथल            गुल्हा, सिवान 
  • फतेहाबाद          रतिया 
  • सिरसा            सिरसा 

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