ओवरलोड ट्रक और डग्गामार बसें आरटीए के निशानें पर, काटे 9.50 लाख के चालान
आरटीए विभाग के अधिकारियों ने ओवरलोड ट्रक और डग्गामार बसों की धरपकड़ तेज कर दी है। मंगलवार देर शाम को शुरू किए धरपकड़ अभियान में आरटीए टीम ने राख से भरे नौ ओवरलोड डंपरों को इंपाउंड कर लगभग साढ़े छह लाख रुपये का जुर्माना लगाया। बुधवार को दूसरे राज्यों की तीन टूरिस्ट बसें इंपाउंड कर लगभग तीन लाख रुपये का जुर्माना ठोका।
जागरण संवाददाता, पानीपत: आरटीए विभाग के अधिकारियों ने ओवरलोड ट्रक और डग्गामार बसों की धरपकड़ तेज कर दी है। मंगलवार देर शाम को शुरू किए धरपकड़ अभियान में आरटीए टीम ने राख से भरे नौ ओवरलोड डंपरों को इंपाउंड कर लगभग साढ़े छह लाख रुपये का जुर्माना लगाया। बुधवार को दूसरे राज्यों की तीन टूरिस्ट बसें इंपाउंड कर लगभग तीन लाख रुपये का जुर्माना ठोका। वहीं कार्यालय में कामकाज कराने आए ट्रांसपोर्टरों ने लेटलतीफी से खफा होकर नारेबाजी कर रोष जताया।
सेक्रेटरी अमरिद्र सिंह और मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर राकेश शर्मा ने बताया कि शहर में ओवरलोड वाहनों पर लगाम कसने के लिए लगातार चेकिग अभियान चलाए जा रहे है। राख, रोड़ा-बजरी भरे वाहनों पर खास नजर रखी जा रही है। ट्रांसपोर्टरों ने मीटिग में शहर में डग्गामार बसों के चलने की सूचना दी थी, उसी आधार पर विभिन्न थाना क्षेत्रों में डग्गामार बसों की चेकिग की गई। तीन टूरिस्ट बसों में दलाल यात्री बिठाते दिखे तो इन बसों को इंपाउंड कर दिया। वहीं दूसरी ओर कार्यालय में परमिट बनाने का कामकाज काफी धीमी गति से चल रहा है। नए कंप्यूटर ऑपरेटर अभी तक सही से कार्यप्रणाली नहीं समझ पाए है। तीन घंटे से कतार में खड़ा, नहीं आया नंबर
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हरिनगर के दीपक ने बताया कि बुधवार को अपने 12 टायर वाले ट्रक का परमिट बनवाने के लिए आरटीए कार्यालय आया है। तीन घंटे कतार में लगने के बाद भी दोपहर एक बजे तक नंबर नहीं आया। लगभग एक माह से परमिट बनाने का कामकाज बाधित है। ट्रक खड़ा होने के कारण रोजाना हजारों रुपये का नुकसान हो रहा है। जिदगी में पहली बार देखा खड़ी गाड़ी का चालान
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गोहाना रोड निवासी सतीश ने बताया कि सोमवार को महराणा गांव में मेरी ट्रांसपोर्ट के बाहर बैट्री और कंबल से लोड 12 टायर वाला ट्रक खड़ा था। ओवरहाइट देख आरटीए अधिकारियों ने खड़े ट्रक का 70 हजार रुपये का चालान काट दिया। मैंने जिदगी में पहली बार खड़े ट्रक का चालान कटते देखा है। चालान भुगतान करने के बाद कार्यालय में कई घंटे अधिकारियों का इंतजार करना पड़ा।