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हादसे ने दो लोगों की जिंदगी छीनी, पुलिस सीमा विवाद में दौड़ाती रही

पानीपत में यमुना पुल पर बुधवार देर शाम पराली से भरी ओवरलोड ट्रैक्टर-ट्रॉली को ट्रक ने टक्कर मार दी। इससे दो लोगों की मौत हो गई। कैराना से पानीपत दौड़ते रहे परिजन।

By Edited By: Published: Fri, 09 Nov 2018 07:22 AM (IST)Updated: Fri, 09 Nov 2018 02:35 PM (IST)
हादसे ने दो लोगों की जिंदगी छीनी, पुलिस सीमा विवाद में दौड़ाती रही
हादसे ने दो लोगों की जिंदगी छीनी, पुलिस सीमा विवाद में दौड़ाती रही

जागरण संवाददाता, पानीपत : यमुना पुल पर बुधवार देर शाम पराली से भरी ओवरलोड ट्रैक्टर-ट्रॉली को ट्रक ने टक्कर मार दी। इससे ट्रॉली पर बैठे दो लोगों की 40 फीट नीचे यमुना नदी में गिरने से मौत हो गई। दुर्घटना की वजह से पुल पर छह घंटे तक जाम लगा रहा। घटना बुधवार सायं 7:30 बजे की है। वहीं, पुलिस का रवैया बेहद असंवेदनशील रहा। परिवार को सीमा विवाद में उलझाए रखा और उन्‍हें दौड़ाते रहे।

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उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के गांव पूजना के महेश ने बताया कि वह शाम 5:30 बजे जलालपुर गांव से ट्रैक्टर-ट्रॉली में पराली भर कर गांव जा रहा था। ट्रॉली पर उसके पिता 50 वर्षीय रमेश और गांव के ही 52 वर्षीय शीशपाल बैठे थे। यमुना पुल पर डेढ़ घंटे से जाम लगा था। इसी दौरान कैराना की तरफ से आ रहे ट्रक ने ओवरटेक कर ट्रॉली को साइड मार दी। इससे ट्रॉली का पहिया उठ गया। उसके पिता और शीशपाल नीचे यमुना में रेत पर गिरे। वह नीचे यमुना में पहुंचा और घायल पिता और शीशपाल को एक व्यक्ति की गाड़ी से सामान्य अस्पताल पहुंचाया। वहां डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। बृहस्पतिवार को सामान्य अस्पताल में दोनों के शवों को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया। डॉ. नारायण डबास ने बताया कि रमेश के सिर में चोट, लीवर व दिल फटने से और शीशपाल की मौत लीवर के फटने और सिर की चोट से हुई है। 

सीमा विवाद में उलझा मामला
महेश ने बताया कि हादसे के बाद वह सनौली थाने गया था। मदद करने के बजाय पुलिसकर्मी ने उसे यह कहा कि हादसा कैराना क्षेत्र में हुआ है। इसलिए कैराना थाने में जाओ। वह फिर कैराना गया था। इसके बाद ही एसआइ राजेंद्र और राजकुमार ने मौके पर पहुंच कर छानबीन की। 

हर रोज पराली से भरी 500 ट्रॉली जातीं
उप्र पानीपत, जींद, करनाल और आसपास के जिलों से हर रोज पराली से भरी 500 ट्रैक्टर-ट्रॉली उत्तर प्रदेश जाती हैं। इन ट्रॉलियों को 12 से 14 फीट तक भर लिया जाता है। इससे पीछे से आने वाले वाहन आगे से आने वाले वाहन चालकों को दिखाई नहीं देते हैं। यही हादसे का कारण भी बनता है। पुलिस ऐसे वाहनों पर कार्रवाई नहीं कर रही।


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