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अंबाला में लंपी स्किन महामारी का प्रकोप, 900 गोवंश आए चपेट में एक की मौत

लंपी स्किन महामारी का प्रकोप हरियाणा में फैल रहा है। हरियाणा के अंबाला में लंपी स्किन महामारी की चपेट में गोवंश आ रहे हैं। 900 गोवंश लंपी स्किन महामारी के शिकार हुए हैं। अंबाला छावनी स्वास्तिक चौक के पास गाय ने तोड़ा दम।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Thu, 11 Aug 2022 11:50 AM (IST)Updated: Thu, 11 Aug 2022 11:50 AM (IST)
अंबाला में लंपी स्किन महामारी का प्रकोप, 900 गोवंश आए चपेट में एक की मौत
लंपी स्किन का खतरा बढ़ रहा है। फाइल फोटो

अंबाला, जागरण संवाददाता। अंबाला में लंपी स्किन की महामारी तेजी से फैल रही है। इस समय हालात यह हैं कि करीब 900 गोवंश इस बीमारी की चपेट में आ चुके हैं। यह वो आंकड़ा है जोकि पशुपालन विभाग के रिकार्ड में दर्ज है। इसके अलावा सड़कों पर घूम रहे बेसहारा गोवंश और घरों व सामाजिक संस्थाओं द्वारा बहुत सी गायों का निजी स्तर पर उपचार किया जा रहा है उनका आंकड़ा इससे कहीं ज्यादा है।

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राहत की बात यह है कि इन 900 गोवंश में से करीब 168 इस महामारी को मात दे चुकी हैं। उधर बुधवार दोपहर करीब साढ़े 11 बजे संदिग्ध बीमारी से एक बेसहारा गोवंश ने दम तोड़ दिया। उसके शरीर पर भी गाठें उभरने लगी थी। मृतक गाय की गर्दन व शरीर के अन्य हिस्सों पर गांठे ही गांठे नजर आ रही थी और गाय की जीभ बाहर आई हुई थी। हालांकि इस बछड़ी की मौत लंपी स्किन से ही हुई है पशुपालन विभाग ने इसकी पुष्टि नहीं की। न ही इसके शव का किसी ने पोस्टमार्टम करवाया। जिले में मुलाना

बराड़ा के अलावा नारायणगढ़ के बाद अब अंबाला शहर और छावनी में भी यह बीमारी तेजी से फैल रही है। हालात यह हैं कि सड़कों पर घूम रहे बेसहारा पशु इसकी चपेट में सबसे ज्यादा आ रहे हैं। इन्हीं से अब यह महामारी फैलती जा रही है।

बीमारी के लक्षण व बचाव

बुखार तेज हो जाना और पूरे शरीर पर फोड़े निकलना। फोड़े जैसे-जैसे बड़े होते हैं वह फूट भी जाते हैं और पशु के मुंह में से लार गिरती रहती है। जब पशु बीमार होगा तो वह खाना भी कम कर देता है। यदि ऐसे कोई भी लक्षण पशु में नजर आए तो उसे पशु चिकित्सक को तुरंत दिखाएं। उस पशु को अन्य पशुओं से अलग कर दें और उसपर विशेष ध्यान रखते हुए सफाई का सबसे ज्यादा ध्यान दें। पशु को एंटी बायोटिक के साथ एंटी वायरल की दवाएं दें ताकि महामारी को आगे बढ़ने से रोका जा सके।

वंदेमातरम सेवा दल सेवा में जुटा

इस महामारी से बेसहारा पशुओं को बचाने के लिए वंदेमातरम सेवा दल ने मुहिम छेड़ दी है। दवा का स्प्रे बेसहारा पशुओं पर किया जा रहा है ताकि संक्रमित पशु की चपेट में आने से दूसरी गाय न आएं। वंदेमातरम सेवादल के सदस्य गली-गली मोहल्ले-मोहल्ले में जाकर सेवा कर रहे हैं जो गाय चपेट में आई हैं उनका भी निजी खर्च पर उपचार कर रहे हैं।

अभी तक जिले में करीब 900 गोवंश लंपी स्किन बीमारी की चपेट में आ चुकी हैं। राहत की बात यह है कि जिले में इस बीमारी से किसी पशु की मौत नहीं हुई है। लंपी स्किन बीमारी कोरोना जैसी है। यह विकराल रूप उसी समय लेती है जब इसके चकते उभरकर फूटने लगते हैं। इससे मृत्यु दर 5 से 10 प्रतिशत तक है लेकिन जिले में अभी कोई मौत नहीं हुई। जो गाय मृत है उसके शरीर पर हल्के-हल्के लक्षण तो दिखाई दे रहे हैं लेकिन मृत्यु लंपी स्किन से नहीं हुई ऐसा लगता है।

प्रेम सिंह, उपनिदेशक, पशुपालन विभाग अंबाला


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