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टेक्निकल स्टाफ के स्वीकृत पदों में से 62 फीसद खाली, जो बचे उनमें से भी कार्यालयों में क्लर्क व मुंशी बने बैठे

पानीपत सर्कल में बिजली निगम के उपभोक्ताओं की संख्या सवा तीन लाख के पार जा पहुंची है। लेकिन उपभोक्ताओं की बढ़ती संख्या के हिसाब से कर्मचारियों की संख्या नहीं बढ़ पा रही है। हालात ये है कि टेक्निकल स्टाफ (कर्मचारियों) के स्वीकृत पदों में से मौजूदा समय में 62 फीसद पद खाली हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 09 Sep 2021 10:30 PM (IST)Updated: Thu, 09 Sep 2021 10:30 PM (IST)
टेक्निकल स्टाफ के स्वीकृत पदों में से 62 फीसद खाली, जो बचे उनमें से भी कार्यालयों में क्लर्क व मुंशी बने बैठे

जागरण संवाददाता, पानीपत : पानीपत सर्कल में बिजली निगम के उपभोक्ताओं की संख्या सवा तीन लाख के पार जा पहुंची है। लेकिन उपभोक्ताओं की बढ़ती संख्या के हिसाब से कर्मचारियों की संख्या नहीं बढ़ पा रही है। हालात ये है कि टेक्निकल स्टाफ (कर्मचारियों) के स्वीकृत पदों में से मौजूदा समय में 62 फीसद पद खाली हैं। लेकिन जो हैं उनमें से भी 60 से ज्यादा एलएम, एएलएम, एसएसए व एसए फील्ड की बजाय कार्यालय में क्लर्क व जेई के मुंशी बनकर बैठे हैं। ऐसे में फील्ड में काम के हिसाब से कर्मचारियों की संख्या कम होने पर न केवल काम समय पर नहीं हो पा रहा है, बल्कि उपभोक्ताओं को भी परेशानी होती है। पिछले दिनों बिजली निगम के प्रबंध निदेशक ने प्रदेश के सभी एसई को पत्र लिख टेक्निकल स्टाफ को कार्यालय से हटा फील्ड में तैनात करने के निर्देश दिए थे। लेकिन उस पर पत्राचार होने के अलावा अभी अमल नहीं हो पाया है। सर्कल में क्या है स्टाफ की स्थिति

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पानीपत सर्कल में टेक्निकल स्टाफ के 1109 पद स्वीकृत हैं। इसमें सर्कल में 5, सिटी डिविजन में 202, सब अर्बन डिविजन में 494 व समालखा डिविजन में 408 पद हैं। लेकिन इसमें से 696 पद खाली पड़े हैं और 413 पदों पर ही टेक्निकल कर्मी तैनात है। यानि 62 फीसद पद खाली है जबकि लिपिक पद के सर्कल में 348 पद स्वीकृत हैं। इनमें से केवल 111 पदों पर कर्मचारी तैनात है, जबकि 237 पद खाली पड़े हैं। पत्र लिखे पर, अमल नहीं

पिछले दिनों बिजली निगम के प्रबंध निदेशक ने सभी एसई को पत्र लिख फील्ड की बजाय कार्यालय में तैनात कर्मचारियों को फील्ड में तैनात करने के आदेश दिए थे। ताकि उपभोक्ताओं की बिजली सप्लाई संबंधित समस्याओं का समय पर निवारण हो सके। साथ ही ऐसे कर्मचारियों की सूची भी मांगी थी, जो फील्ड की बजाय कार्यालय में क्लर्क व जेई के मुंशी बनकर काम कर रहे हैं। एमडी के उक्त आदेशों के बाद तत्कालीन एसई ने सर्कल के सभी एक्सईएन व एसडीओ को पत्र लिख फील्ड की बजाय कार्यालय में तैनात टेक्निकल स्टाफ सदस्यों की सूची भेज उन्हें जल्द कार्यालय से हटा फील्ड में तैनात करने के निर्देश दिए थे। पिछले माह समालखा एक्सईएन की तरफ से भी डिविजन के सभी एसडीओ को पत्र लिख ऐसा करने के निर्देश देने के साथ न करने पर वेतन तक रोकने की चेतावनी दी, परंतु अभी भी टेक्निकल कर्मचारी फील्ड की बजाय कार्यालय में ड्यूटी दे रहे हैं। समय पर नहीं हो पा रहा शिकायतों का निवारण

फील्ड में टेक्निकल स्टाफ की कमी के चलते शिकायत केंद्रों पर व्यवस्था ठीक नहीं है। खासकर ग्रामीण आंचल में टेक्निकल स्टाफ की भारी कमी है। जहां एक एक लाइनमैन पर दो से तीन गांव है। जिस कारण उपभोक्ताओं की बिजली सप्लाई संबंधित शिकायतों का निवारण समय पर नहीं हो पाता है। उन्हें काफी समय तक इंतजार करना पड़ता है। आंकड़ों की बात करें तो सबसे ज्यादा एलएम व एएलएम ही कार्यालय में क्लर्क बनकर बैठे हैं। यदि उन्हें कार्यालय से हटा फील्ड में तैनात किया जाता है तो कुछ हद तक समस्या को दूर किया जा सकता है। चल रही है प्रक्रिया

एसई एसएस ढुल का कहना है कि कार्यालय में तैनात टेक्निकल स्टाफ सदस्यों को फील्ड में भेजने संबंधित प्रक्रिया चल रही है। कई नए एलडीसी ने ज्वाइन किया है। उन्हें काम बारे बताया जा रहा है। यदि किसी कार्यालय में टेक्निकल कर्मचारी तैनात है तो उसे भी फील्ड में भेजा जाएगा।


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