कागजी है खुले में शौच मुक्त मिशन, सुलभ शौचालय में जा नहीं सकते
पानीपत में ओडीएफ को झटका सुलभ शौचालय की बिगड़ी सेहत। पंद्रह लाख खर्च करके बनाए गए थे शौचालय। किसी का दरवाजा गायब तो किसी में टोंटी टूटी। समालखा में स्वच्छता अभियान हो रहा असफल। 15 लाख में बनाए गए थे शौचालय। अब सफाई नहीं होती।
पानीपत, जेएएनएन - स्वच्छता अभियान के तहत कस्बे को ओडीएफ (खुले में शौच मुक्त) बनाने के लिए बनाए गए सुलभ शौचालय की सेहत बिगड़ गई। देख रेख के अभाव में किसी का दरवाजा तो किसी में पानी की टोंटी गायब है। इतना ही नहीं। भापरा खेल स्टेडियम के पास बने सार्वजनिक शौचालय में बिना सफाई हाल बेहाल है। शौचालय की बदहाल सूरत से नपा अधिकारी भली भांति परिचित हैं, लेकिन सुध लेने को कोई तैयार नहीं है।
स्वच्छता अभियान के तहत कस्बे में नपा की तरफ से अनेक बार सफाई अभियान चलाने के साथ ओडीएफ को लेकर फरवरी 2018 में 15 लाख रुपये की लागत से सुलभ शौचालय बनाए गए। पांच लाख रुपये की लागत से जहां बिहोली रोड स्थित भापरा खेल स्टेडियम के पास सार्वजनिक शौचालय बनाया गया, वहीं दस लाख रुपये की लागत से कस्बे में नई अनाज मंडी, चुलकाना रोड, पुलिस चौकी के पास, शमशान घाट के पास, रेलवे स्टेशन के पास, एचएसआइआइडीसी एरिया, हथवाला रोड सहित आठ जगह पर दो दो सुलभ शौचालय रखवाये गए। लेकिन अनदेखी के चलते कस्बे में चंद माह बाद ही ओडीएफ अभियान को ग्रहण लग गया था। जो आज तक नहीं हटा।
यहां पानी की सुविधा नहीं
खेल स्टेडियम के पास बनाया गया सार्वजनिक शौचालय की सूरत भी बिगड़ी हुई है। सफाई के अभाव में हर तरफ गंदगी का आलम है। पानी न होने के कारण लोग शौच के लिए जा नहीं पा रहे हैं। मोटर की व्यवस्था की गई थी, वो भी चंद दिनों तक ही चल पाई। लाखों खर्च के बावजूद भी लोगों को शौचालय की सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
सुलभ शौचालय की बिगड़ी सेहत
कस्बे में आठ जगह लगाए गए सुलभ शौचालय की सेहत भी देख रेख के अभाव में ठीक नहीं है। किसी में पानी की टोंटी नहीं है। किसी में सीट टूटी है तो किसी का दरवाजा ही गायब है। कोई बचा है तो उसकी सफाई नहीं हो पा रही है। ऐसे में लोगों को उनका फायदा नहीं मिल पा रहा है। जबकि नपा अधिकारी नशेड़ी चोरों को इसके लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।
जल्द दिया जाएगा ठेका
नपा चैयरपर्सन पति सचिन मित्तल का कहना है कि ओडीएफ के तहत कस्बे में सुलभ शौचालय बनवाए थे। देख रेख का जिम्मा छह माह तक बनाने वाले ठेकेदार का था। चोरों ने किसी का कुछ तो किसी का कुछ सामान उतार लिया है। कुछ को हमने ठीक करा चलाने की कोशिश भी की है। नपा सचिव के ज्वाइन होने के बाद उनकी मरम्मत व देखभाल का ठेका छोड़ा जाएगा। ताकि लोगों को खुले में शौच के लिए न जाना पड़े।
नहीं मिल रहा फायदा
कस्बा वासी जितेंद्र, सुरेंद्र भापरा, मोनू, गोपाल, प्रमोद आदि का कहना है कि कस्बे को शौच मुक्त करने के लिए नपा ने सुलभ शौचालय के नाम पर लाखों खर्च किए। लेकिन अनदेखी के चलते शौचालय की हालात आज एकदम खस्ता है। जिनमें जाना तो दूर, बल्कि उनके आस पास खड़ा होना भी मुश्किल है। ये सब नपा अधिकारियों की अनदेखी का ही परिणाम है।