नैन गो अभयारण्य में बचा सिर्फ पांच दिन का चारा, प्रबंधन समिति का नगर निगम सहयोग न करने का आरोप
नैन स्थित गो अभयारण्य में चारे का संकट थमने का नाम नहीं ले रहा है। हाल में भी वहां केवल चार से पांच दिन का ही चारा बचा है। अभयारण्य में अठारहा सौ गोवंश है
संवाद सूत्र, थर्मल: नैन स्थित गो अभयारण्य में चारे का संकट थमने का नाम नहीं ले रहा है। हाल में भी वहां केवल चार से पांच दिन का ही चारा बचा है। चारे के संकट से बचने के लिए प्रबंधन समिति ने जिला प्रशासन से व्यवस्था कराने की मांग की है। समिति का आरोप है कि नगर निगम की तरफ से उनका कोई सहयोग नहीं किया गया है। सहयोग के नाम पर लंबे चौड़े दावे किए गए थे। गौरतलब है कि गो अभयारण्य में करीब 1800 बेसहारा गोवंश है। इसके अलावा हर रोज कोई न कोई गोवंश को छोड़कर भी जा रहा है। लेकिन गोवंश की बढ़ती संख्या के सामने आ रहा चारा कम पड़ रहा है। प्रबंधन समिति पदाधिकारी राजरूप पान्नु का कहना है कि शहर के फ्लाइंग क्लब से ही चारा आ रहा है। नगर निगम की तरफ से अभी तक 1300 के करीब गोवंश अभयारण्य में छोड़े जा चुके है, लेकिन सहयोग के नाम पर फूटी कौड़ी तक नहीं दी गई है। जबकि दो लाख रुपये प्रतिमाह देने की बात कहीं गई थी। उनका कहना है कि सोनीपत, रोहतक व गुरुग्राम नगर निगम की तरफ से वहां की गोशालाओं में आर्थिक सहयोग किया जा रहा है। लेकिन यहां कोई सहयोग नहीं हो रहा है। उन्होंने डीसी से गो अभयारण्य का दौर कर चारा की समस्या के समाधान की मांग की है, ताकि गोवंश भूखे मरने से बच सके।