प्रिसिपल के 1050 पद रिक्त, हजारों बच्चे प्रभावित हो रहे
पानीपत में हरियाणा स्कूल लेक्चरर एसोसिएशन (हसला) की बैठक यहां जीटी रोड स्थित आर्य वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में हुई।
जागरण संवाददाता, पानीपत : हरियाणा स्कूल लेक्चरर एसोसिएशन (हसला) की बैठक यहां जीटी रोड स्थित आर्य वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में हुई। एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष सतपाल सिंह संधु ने कहा कि हरियाणा के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में पहली बार बड़ी संख्या में प्रिसिपल के लगभग 1050 पद रिक्त हैं। न केवल हजारों बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है बल्कि मुखिया के अभाव में बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर भी गंभीर चिता बनी हुई है।
उन्होंने बताया की शिक्षा विभाग की ओर से पीजीटी की वरिष्ठता सूची में 2017 में बदलाव कर दिया गया। इसके कारण कुछ पीजीटी ने पंजाब व हरियाणा उच्च न्यायालय में प्रिसिपल की पदोन्नति पर स्टे ले लिया। अब शिक्षा विभाग की उदासीनता के चलते मामला लंबे समय से माननीय उच्च न्यायालय में लंबित है। इस बारे शिक्षा विभाग और राज्य शिक्षा मंत्री को कई बार अवगत कराया गया। उन्होंने मुख्यमंत्री मनोहर लाल को इस बारे में संज्ञान लेने का आग्रह किया तथा मांग की कि स्टे को रिक्त कराएं। इन रिक्त पदों पर योग्य अभ्यर्थियों को सीडीसी यानी करंट ड्यूटी चार्ज प्रदान कर दिया जाए।
सिधु ने बताया की शिक्षा विभाग के निदेशालय स्तर पर कई हजार की संख्या में शिक्षकों के एसीपी मामले एक वर्ष से भी अधिक समय से लंबित हैं। मुख्यमंत्री कुछ माह पूर्व यह घोषणा कर चुके हैं कि राज्य के कर्मचारियों के सभी एसीपी मामले तीन माह के भीतर निपटा दिए जाएंगे। 2016 से 2019 के एलटीसी ब्लॉक के शिक्षकों के लंबित मामलों का बजट आज तक जारी नहीं किया गया। बच्चों के भविष्य को देखते हुए शिक्षकों से गैर शैक्षणिक कार्य नहीं करवाए जाए।
बैठक में प्रेस सचिव अजीत चंदेलिया, जिला प्रधान अजेंद्र कुंडू, पूर्व जिला प्रधान सतबीर मलिक, संजय देशवाल, रामफल मान, अनिल पवार, नरेंद्र मान, सज्जन सिंह, दिनेश कुमार, सुशील कुमार, नरेंद्र सिंह, खुशीराम, दिनेश त्रिपाठी, केडी शर्मा, लक्ष्मी नारायण, महेंद्र सिंह मौजूद रहे।
विधानसभा में उठ चुका है मामला
पूर्व जिला प्रधान सतबीर मलिक ने बताया कि यह मामला पूर्व शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल विधानसभा के बजट सत्र में उठा चुकी हैं। आधे से ज्यादा स्कूल बिना प्रिसिपल के खाली पड़े हैं। बच्चों की शिक्षा प्रभावित हो रही है। पूरे प्रदेश में प्रिसिपल के 2207 पद स्वीकृत हैं। इसमें से लगभग आधे पद खाली पड़े हैं।