इंश्योरेंस पालिसी के नाम पर ठगे 1 लाख 84 हजार, पुलिस ने वापस खाते में डलवाए
इंश्योरेंस पालिसी के नाम पर एक लाख 84 हजार रुपये की धोखाधड़ी करने के मामले को जिला पुलिस की स्पेशल डिटेक्टिव विग ने सुलझा लिया है। पुलिस ने खाता धारक के खाते में राशि डलवा दी है।
जागरण संवाददाता, पानीपत : इंश्योरेंस पालिसी के नाम पर एक लाख 84 हजार रुपये की धोखाधड़ी करने के मामले को जिला पुलिस की स्पेशल डिटेक्टिव विग ने सुलझा लिया है। पुलिस ने खाता धारक के खाते में राशि डलवा दी है।
स्पेशल डिटेक्टिव विग के इंचार्ज बलराज ने बताया कि 16 जनवरी 2021 को बबैल रोड निवासी सौरभ सिगला ने शिकायत दी थी कि उसके साथ आनलाइन धोखाधड़ी हुई है। सात जनवरी को उसकी आइडी पर एक ईमेल आया। मैक्स लाइफ इंश्योरेंस पालिसी करवाने बारे विवरण देते हुए बताया गया था कि आप 1 लाख 84 हजार 05 रुपये जमा करवाते हैं तो आपको कंपनी की इंश्योरेंस पालिसी की शर्तों के तहत समय अवधि पूरी होने पर 4 लाख 58 हजार 785 रुपये मिलेंगे।
फिर एक युवक ने फोन कर खुद को मैक्स लाइफ इंश्योरेंस कंपनी का कर्मचारी बता पालिसी बारे बता मैक्स लाइफ इंशयोरेस के नाम से केनरा बैंक का एक अकाउंट नंबर उसे दिया। स्कीम को सही मान इंश्योरेंस करवाने के लिए दिए अकाउंट में 1 लाख 84 हजार 05 रुपये अपने एचडीएफसी बैंक अकाउंट से एनईएफटी के माध्यम से जमा कर दिए। पैसे जमा करवाने के बाद प्राप्त ईमेल की जांच की तो उक्त मेल आइडी में प्रयुक्त इंश्योरेंस शब्द में ए अक्षर नहीं पाया गया। मेल आइडी मैक्स इंश्योरेंस कंपनी की न होकर, फर्जी पाई गई। मामले की जांच डिटेक्टिव टीम को दी गई
एसपी शशांक कुमार सावन ने मामले की जांच स्पेशल डिटेक्टिव विग को सौंपी। विग ने एचडीएफसी बैंक के मैनेजर से सौरभ सिगला के अकाउंट से ट्रांसफर हुई राशि का विवरण लिया। पता चला कि उक्त राशि केनरा बैंक की बरेली शाखा में एक युवक के खाते में जमा हुई है। फिर टीम ने एचडीएफसी बैंक मैनेजर के माध्यम से बरेली केनरा बैंक की उक्त शाखा के मैनेजर से संपर्क कर धोखाधड़ी बारे बता उस खाते की ट्रांजेक्शन रुकवाने बारे अनुरोध किया। विभिन्न प्रक्रिया पूरी करने के बाद वीरवार को फर्जी अकाउंट से सौरभ सिगला के खाते में 1 लाख 85 हजार 05 रुपये की राशि वापस जमा कराई गई। पहले भी केस साल्व किए
निरीक्षक बलराज ने बताया कि इससे पहले भी उनकी विग आनलाइन धोखाधड़ी की वारदातों के संबंध में जिला के विभिन्न थानों में दर्ज मुकदमों में से सात केस में 1 लाख 94 हजार 484 रुपये रिकवर कर सात खातों को फ्रीज करवा चुकी है। खातों में आनलाइन धोखाधड़ी से ठगी गई 1 लाख 80 हजार 799 रुपये की राशि जमा है। जल्द ही प्रक्रिया पूरी होने पर पीड़ितों के खाते में यह राशि डलवा दी जाएगी।