जानलेवा साबित हो रहा ठंड से बचाव का ये तरीका, एक की मौत, एक की हालत बिगड़ी Panipat News
कैथल में गैस गीजर के प्रभाव में आने से दो की मौत हो गई। नरड़ गांव में किशोरी और पिलनी में किशोर की गैस गीजर के प्रभाव में आने से हालत बिगड़ गई।
पानीपत/कैथल, जेएनएन। इस मौसम में अगर आप ठंड से बचने के लिए गैस गीजर का प्रयोग कर रहे हैं तो जरा संभल जाएं। जरा सी लापरवाही से आपकी मौत हो सकती हैं। कैथल में गैस गीजर के प्रभाव में आने से एक की मौत हो गई और एक जिंदगी मौत से जूझ रहे। रड़ गांव में किशोरी की मौत हो गई, जबकि पिलनी में किशोर की गैस गीजर के प्रभाव में आने से हालत बिगड़ गई।
नरड़ गांव में गीजर में लगे सिलेंडर से गैस लीक होने से एक किशोरी की मौत हो गई। ग्रामीण सतीश ने बताया कि उसकी भतीजी 14 साल की पायल रविवार सुबह नहाने के बाथरूम में गई थी। जब वह काफी देर तक बाहर नहीं आई आवाज दी गई, लेकिन अंदर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई तो दरवाजा तोड़कर उसे बाहर निकाला गया तो वह बेहोश थी। उसे शहर के एक निजी अस्पताल में ले जाया गया। वहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मृतका के पिता खेतीबाड़ी करते हैं।
पानीपत आया था किशोर
एक गांव पिलनी निवासी राममेहर ने बताया कि उसका भतीजा रिंकू पानीपत में एक घर में पाठ कराने के लिए गया था। जहां नहाते समय वह बाथरूम में बेहोश हो गया। उसे पानीपत एक अस्पताल में दाखिल कराया गया। रात एक बजे पानीपत अस्पताल परिजन कैथल ले आए, जहां अब शहर के निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है। चिकित्सकों ने बताया कि गैस के प्रभाव के कारण उसकी हालत बिगड़ी है।
ये है वजह
गैस गीजर यानी एलपीजी ऑक्सीजन से संपर्क करने के बाद ही जलती है। एलपीजी में ब्यूटेन और प्रोपेन गैस होती है, जो जलने के बाद कार्बन डाईऑक्साइड उत्सर्जित करती है। ऐसे में बाथरूम के छोटे होने पर ऑक्सीजन की मात्रा कम और कार्बन डाइ आक्साइड की मात्रा बढ़ने लगती है, जिससे दम घुटने लगता है और मौत हो सकती है।
सावधानी बरतें
- बाथरूम में वेंटिलेशन जरूर हो।
- गीजर बाहर होना चाहिए, जिससे बाथरुम के अंदर ऑक्सीजन की कमी नहीं होगी और बेहोश होने जैसी समस्या नहीं आएगी।
- बाथरूम खुला हो तभी बाल्टी में गर्म पानी भर लें। गीजर बंद करने के बाद ही नहाना शुरू करें। इससे कार्बन डाई आक्साइड नहीं बनेगी।
- यदि गीजर चल रहा है और नहा रहे हैं तो गैस बनेगी।