ओमिक्रोन अलर्ट : हरियाणा रोडवेज से स्वास्थ्य विभाग में भेजे 32 ड्राइवर, सीनियर ड्राइवरों ने जताया एतराज
जींद में कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या को लेकर रोडवेज निदेशालय की तरफ से महा प्रबंधक को पत्र भेजकर आदेश जारी किए थे कि स्वास्थ्य विभाग में जूनियर ड्राइवरों को भेजा जाए। इसके बाद जींद डिपो प्रबंधन ने 32 ड्राइवरों की सूची तैयार कर उन्हें डिपो से रिलीव कर दिया।
जींद, जागरण संवाददाता। जींद में कोरोना महामारी के लगातार बढ़ रहे संक्रमण के चलते सरकार के आदेशों के बाद रोडवेज ड्राइवरों को स्वास्थ्य विभाग में एंबुलेंस चलाने के लिए भेजा जा रहा है। जींद डिपो से स्वास्थ्य विभाग में 32 ड्राइवरों की ड्यूटी लगाई है, लेकिन इनमें से कुछ सीनियर ड्राइवरों ने एतराज जताया है।
हरियाणा रोडवेज ड्राइवर स्वास्थ्य विभाग की एंबुलेंस चलाएंगे
सीनियर ड्राइवरों ने आरोप लगाया कि रोडवेज डिपो में जूनियरों को छोड़कर सीनियर ड्राइवरों को स्वास्थ्य विभाग में भेजा गया है, जबकि निदेशालय के आदेश हैं कि डिपो में कार्यरत जूनियर ड्राइवरों को ही स्वास्थ्य विभाग में भेजा जाए। इसके उल्ट डिपो प्रबंधन द्वारा सीनियर ड्राइवरों की ड्यूटी लगाई है। जिले में कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या को लेकर रोडवेज निदेशालय की तरफ से महा प्रबंधक को पत्र भेजकर आदेश जारी किए थे कि स्वास्थ्य विभाग में जूनियर ड्राइवरों को भेजा जाए। इसके बाद जींद डिपो प्रबंधन ने 32 ड्राइवरों की सूची तैयार कर उन्हें डिपो से रिलीव कर दिया। अब यह ड्राइवर स्वास्थ्य विभाग की एंबुलेंस चलाएंगे।
आदेशों की उड़ाई धज्जियां
वर्ष 2014 बैच के ड्राइवर कृष्ण का आरोप है कि उसको जान बूझकर एंबुलेंस चलाने के लिए स्वास्थ्य विभाग में भेजा है, जबकि उससे काफी जूनियर ड्राइवर अभी भी डिपो में हैं। डिपो प्रबंधन ने रोडवेज निदेशालय के आदेशों की धज्जियां उड़ाते हुए उसकी ड्यूटी स्वास्थ्य विभाग में लगा दी है। हालांकि डिपो में 2018 बैच के भी ड्राइवर बैठे हैं, लेकिन डिपो प्रबंधन ने जूनियर ड्राइवरों की बजाए उसे स्वास्थ्य विभाग में भेज दिया है। डिपो प्रबंधन पूरी तरह से मुख्यालय के आदेशों का उल्लंघन कर कर रहा है। वहीं, रोडवेज के महाप्रबंधक गुलाब सिंह दूहन का कहना है कि एंबुलेंस चलाने के लिए स्वास्थ्य विभाग में कुछ ड्राइवरों को भेजा है। इन ड्राइवरों को व्यवस्था अनुसार भेजा गया है। प्रबंधन को डिपो की व्यवस्था भी बनाए रखनी है। डिपो को ही देखना है कि किसे भेजना है किसे नहीं।