जानें नीरज चोपड़ा के लिए आज का दिन क्यों है खास, इंटरनेट मीडिया पर लगा बधाइयों का तांता
पानीपत के नीरज चोपड़ा आज 24 वर्ष के हो गए हैं। खंडरा गांव के बेटे ने देश को भाला फेंक प्रतिस्पर्धा में देश को पहला स्वर्ण पदक जिताया। इंटरनेट मीडिया पर उन्हें बधाइयां और शुभकामनाओं के संदेश मिल रहे।
पानीपत, जागरण संवाददाता : टोक्यो ओलिंपिक (Tokyo Olympics) में देश को भाला फेंक प्रतिस्पर्धा में स्वर्ण पदक जिताने वाले नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) का आज जन्मदिन है। हरियाणा के जिला पानीपत के मतलौडा कस्बे में छोटा सा गांव है खंडरा। इसी गांव के रहने वाले हैं नीरज चोपड़ा। 24 दिसंबर 1997 को जन्मे नीरज चोपड़ा की दो बहने हैं। हाल ही में उनकी एक बहन की शादी हुई है। वैसे, वह संयुक्त परिवार में रहते हैं। कुछ दिन पहले उन्होंने गुजरात के स्कूल में जाकर बच्चों को खेलने के लिए प्रोत्साहित किया। जानिये, नीरज के बारे में कुछ ऐसा, जो बेहद कम लोगों को पता है। मेजर ध्यान चंद खेल रत्न अवार्ड हासिल कर चुके हैं। मां सरोज देवी और पिता सतीश कुमार को जब प्लेन में ले गए तो ट्वीटर पर पोस्ट कर बताया था, एक सपना पूरा हो गया। नीरज इन दिनों यूएसए में ट्रेनिंग कर रहे हैं।
रोड़ परिवार से हैं नीरज
चोपड़ा शब्द आते ही, ऐसा लगता है कि वे पंजाबी परिवार से हैं। लेकिन वह रोड़ परिवार से आते हैं। वैसे, चोपड़ा जाट भी होते हैं। नीरज चोपड़ा रोड़ समाज से हैं। मराठा वीरेंद्र वर्मा के अनुसार, रोड़ समाज के लोग मराठा वंशज के हैं। ये वही मराठा है, जो 1761 की जंग लड़ने पानीपत आए थे। जो बच गए थे, वे बाद में रोड़ हो गए।
मोटापा कम करने दौड़ लगाने गए थे
भाला फेंकने की उनकी कहानी दिलचस्प है। बचपन में मोटे थे। परिवार ने उन्हें मैदान में खेलने के लिए भेजा। शिवाजी स्टेडियम में वह दौड़ लगाने जाते। वहीं पर कुछ बच्चों को भाला फेंकते हुए देखा। उन्होंने भी भाला फेंका। वहां भाला फेंक रहे खिलाडि़यों ने उनकी इस प्रतिभा को पहचान लिया। यही खेल उनको बुलंदियों पर ले गया।
दोस्तों के दोस्त हैं नीरज
नीरज चोपड़ा के बारे में कहा जाता है कि दोस्तों के दोस्त हैं। स्वर्ण पदक जीतने के बाद अपने गांव खंडरा आए तो उनका भव्य स्वागत हुआ। इस दौरान, भीड़ होने के कारण वह सभी दोस्तों से नहीं मिल सके। मन में यह बात उन्हें बार-बार खलती थी। कुछ दिन पहले विशेष तौर पर गांव आए। घर में सभी दोस्तों को बुलाया। दो दिन तक जमकर पार्टी की। दोस्तों से कहा, वह आज भी उनके पुराने नीरज यानी निज्जू ही हैं।
जयवीर ने बढ़ाया, नीरज ने उन्हें बढ़ाया
नीरज के पहले कोच हैं जयवीर चौधरी। नीरज ने जब पहली बार 40 मीटर तक भाला फेंका तो खिलाड़ी जयवीर हैरान रह गए। जयवीर ने उन्हें आगे बढ़ाया। नीरज चोपड़ा कभी जयवीर को भूले नहीं। खंडरा गांव में स्वागत समारोह में उन्होंने मंच से कहा कि जयवीर उनके कोच हैं। जयवीर साई सेंटर में अब कोच हैं।
सेना में सीधे जेसीओ
आमतौर पर सेना में एथलीट सीधे जूनियर कमिश्नड आफिसर नियुक्त नहीं होते। लेकिन नीरज के मामले में ऐसा नहीं हुआ। उन्हें नायब सूबेदार बनाया गया।
चोट के कारण वर्ल्ड चैंपियनशिप नहीं खेल पाए
नीरज चोपड़ा चोट के कारण 2019 में वर्ल्ड चैंपियनशिप में भाग नहीं ले सके। मुंबई में दायें एल्बो की सर्जरी हुई। ठीक होते ही उन्होंने टोक्यो ओलिंपिक में लिए क्वालिफाइल कर लिया। पांच मार्च 2021 को उन्होंने 88.07 मीटर भाला फेंककर अपना ही रिकार्ड तोड़ डाला।
चोपड़ा के मेडल से देश भी आगे निकला
भारत ने टोक्यो ओलिंपिक से पहले के ओलिंपिक में छह मेडल ही जीते थे। टोक्यो में नीरज ने देश को सातवां मेडल जिताया। इसके साथ ही देश के मेडलों की संख्या भी बढ़ी। उम्मीद भी कि आगे और मेडल जीतेंगे। अभिनव बिंद्रा के बाद वह दूसरे खिलाड़ी हैं, जिन्होंने व्यक्ति तौर पर स्वर्ण पदक जीता। अभिनव ने 2008 के ओलिंपिक में दस मीटर एयर राइफल्स में स्वर्ण पदक जीता था।
ओलिंपिक के लिए बाल छोटे करवाए थे
नीरज चोपड़ा को लंबे बाल रखने का शौक है। जैसे महेंद्र सिंह धौनी को था। ओलिंपिक से पहले उन्होंने बाल छोटे करवा लिए। स्वर्ण पदक जीतने के बाद उन्होंने कहा कि बाल अभ्यास करने में परेशानी कर रहे थे। अगर हार जाता तो लोग कहते कि अपने टशन के लिए बाल नहीं कटवाए। बाल तो दोबारा आ जाएंगे, ओलिंपिक का अवसर दोबारा नहीं मिलता।
ये भी जानिये
- अगस्त महीने में नीरज चोपड़ा विश्व के दूसरे नंबर के खिलाड़ी बने
- अंडर 20 वर्ल्ड चैंपियनशिप में उन्होंने 86.48 मीटर तक भाला फेंककर नया रिकार्ड बनाया, यह अब तक विश्व रिकार्ड है
- कामनवेल्थ और एशियन गेम्स में उन्होंने स्वर्ण पदक जीता
- सात अगस्त 2021 को 87.58 मीटर दूरी पर भाल फेंककर उन्होंने टोक्यो ओलिंपिक में स्वर्ण पदक जीता
- एक टीवी शो में उन्होंने बताया था कि वे अपने भाले को ही स्वीटी कहते हैं। अभी शादी का इरादा नहीं है।
- 2016 में राजपुताना राइफल्स में नीरज चोपड़ा ने बतौर नायब सूबेदार ज्वाइन किया।