जिम्मेदारों की लापरवाही भुगत रहा ओल्ड इंडस्ट्रियल एरिया
उद्योगों में आने जाने के रास्ते भी नहीं बचे हैं। आधे क्षेत्र में सड़कों पर धूल उड़ रही है। सफाई की व्यवस्था न होने के कारण चारों तरफ गंदगी जमा है।
जागरण संवाददाता, पानीपत : 1952 में बने औद्योगिक एरिया में सड़क निर्माण ठप है। जिम्मेदारों की लापरवाही उद्यमियों को भुगतनी पड़ रही है। औद्योगिक क्षेत्र में सड़कें टूटी पड़ी हैं। सीवर जाम होने के कारण पानी सडकों पर जमा होने के बाद उद्योगों में घुस रहा है। उद्योगों में आने जाने के रास्ते भी नहीं बचे हैं। आधे क्षेत्र में सड़कों पर धूल उड़ रही है। सफाई की व्यवस्था न होने के कारण चारों तरफ गंदगी जमा है। पूरे शहर में जेबीएम कंपनी को कूड़ा उठाने के टेंडर नगर निगम ने दिया हुआ है।
औद्योगिक क्षेत्रों से कूड़ा क्यों नहीं उठाया जा रहा है, इसका जवाब भी उद्यमियों को नहीं मिल पा रहा है। कहीं नाले टूटे पड़े हैं। कुछ नाले जो बनाने चालू हुए थे, वो भी अधूरे छोड़ दिए गए हैं। उद्यमियों का कहना है कि यहां उद्यमियों से विभाग टैक्स तो ले रहे हैं, सुविधा कुछ नहीं दे रहे हैं। सड़कें बनाना ही शुरू न करते : नारायण बजाज
ओल्ड इंडस्ट्रियल एरिया में बजाज धर्म कांटा चला रहे जगदीश नारायण बजाज ने कहा कि सड़कों व नालों का निर्माण शुरू होने पर लगा था कि सुधार होगा, लेकिन हुआ उल्टा। न तो सड़क बनी, पुरानी सड़कें, जो अच्छी हालत में थीं, वे भी तोड़ दी गई। दिनभर उड़ती धूल से परेशान हैं। नाले टूटे पड़े हैं। गाड़ियां पलटने की आशंका बनी रहती है। कोई सुनवाई नहीं कर रहा। नारकीय जीवन जी रहे हैं।
विकास कार्य शीघ्रता से पूरे करवाए जाएं : रमन
रमन जैन का कहना है चार साल से सड़क नाले बनाने के लिए फंड आया हुआ है। सरकार का भी कोई दोष नहीं है। जिस एजेंसी को काम दिया गया है, वो काम नहीं कर पा रही है। पूरे इंडस्ट्रियल एरिया की सड़कें खोद कर डाल दी गई हैं। अभी धूल उड़ रही है। बारिश में यहां आने जाने के हालत भी नहीं रहेंगे। बारिश से पहले ही नाले व सड़कें बनाने का काम पूरा होना चाहिए।
फैक्ट्री में पानी भर जाता है : सौरभ
अनिल स्पिनर के मास्टर सौरभ ने कहा कि सीवर जाम पड़े हैं। पानी सड़क पर आने के बाद फैक्ट्री में घुस जाता है। गंदे पानी से होकर ही फैक्ट्री में आते हैं। हालत आपके सामने है। कोई सुनवाई नहीं कर रहा। कई बार पैसे देकर सीवर साफ करवा चुके हैं। कुछ दिन ठीक रहता है फिर से हालत वहीं बन जाते हैं।
मेंटेनेंस चार्ज देने के लिए भी तैयार : ग्रोवर
ओल्ड इंडस्ट्रियल एरिया एसोसिएशन के प्रधान विनोद ग्रोवर का कहना है कि 7.50 लाख का ठेका देकर सोनीपत की कंपनी से सीवर साफ करवाए थे। यहां मेंटेनेंस की जिम्मेवारी एचएसआइआइडीसी की बनती है। हम मेंटेनेंस चार्ज देने के लिए भी तैयार हैं, लेकिन 2012 से यहां मेंटनेंस की व्यवस्था नहीं की गई है। सरकार से यहां नाले व सड़कें बनाने के लिए 31 करोड़ का फंड लेकर आए। उसके बाद भी हालत में सुधार नहीं हो रहा। अब तीन महीने का नाम ले रहे हैं। आपकी राय में कौन ज्यादा जिम्मेदार, नंबर दें
बजट आने के बावजूद सड़क निर्माण नहीं होने के लिए कौन सबसे ज्यादा जिम्मेदार है, शहर की जनता तय करे। जागरण को बताएं, आपकी नजर में किसकी वजह से काम प्रभावित हुआ। दस में से किसको कितने नंबर देंगे, ये बताएं। आपकी राय को दैनिक जागरण में प्रकाशित करेंगे।
1- एचएसआइआइडीसी
2- जिला उद्योग केंद्र
3- ठेकेदार
4- जनप्रतिनिधि, पार्षद और शहर विधायक
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