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करनाल के गांवों में पांव पसार रहा कोरोना, अब इस तरह रोके जाएंगे संक्रमण के कदम

करनाल के गांवों में कोरोना संक्रमण लगातार फैल रहा है। अब इसके लिए प्रशासन ने गांवों में सतर्कता बढ़ दी है। ठीकरी पहरे के आदेश दिए हैं। वहीं आइसोलेशन सेंटरों और कोविड केयर सेंटरों की संख्या में भी इजाफा किया है।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Sat, 15 May 2021 09:28 AM (IST)Updated: Sat, 15 May 2021 09:28 AM (IST)
गांव में कोरेाना संक्रमण तेजी से फैल रहा।

करनाल, जेएनएन। गांव में बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए जिला प्रशासन ने सख्ती कर दी है। इस बीच सभी क्षेत्रों में कोविड केयर सेंटर और आइसोलेशन सेंटर भी बनाए जा रहे हैं। वहीं उपायुक्त ने गांव गांव में ठीकरी पहरे लगाने के आदेश भी दिए हैं। इससे प्रशासन को स्थिति जल्द नियंत्रित होने की उम्मीद है। वहीं गंभीर मरीजों को कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कालेज में रेफर किया जाएगा। बेहद सघन कोविड स्क्रीनिंग के तहत गांवों में संक्रमण की रफ्तार रोकने के लिए हर व्यक्ति की कोरोना की जांच होगी। इसके साथ ही कोरोना वैक्सीनेशन भी सुनिश्चित किया जाएगा। 

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जिला प्रशासन महामारी पर काबू पाने के लिए युद्ध स्तर पर तमाम जरूरी कदम उठा रहा है। इसके तहत जल्द ही जिले को 100 ऑक्सीजन कन्सनट्रेटर तथा करीब 6500 पल्स ऑक्सीमीटर उपलब्ध हो जाएंगे। जरूरत के अनुसार ऑक्सीजन कन्सनट्रेटर और पल्स ऑक्सीमीटर की आपूर्ति सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर की जाएगी तथा आईसोलेशन सैंटरों और घर पर आईसोलेट होने वाले मरीजों को भी पल्स ऑक्सीमीटर दिए जाएंगे। इस बीच डीसी निशांत यादव ने जिले के सभी संबंधित एसएमओ को कोविड केयर वार्ड में 24 घंटे बिजली की उपलब्धता के लिए इन्वर्टर व जनरेटर के बैकअप की सुविधा के साथ-साथ पेयजल, शौचालय तथा साफ-सफाई की उचित व्यवस्था बनाए रखने के भी निर्देश दिए।

उपायुक्त ने बताया कि यह सुविधा जिले के सभी आठ सीएचसी केंद्रों पर उपलब्ध करवाई गई है। किसी भी मरीज को घबराने की जरूरत नहीं है। ग्रामीणों के हरसंभव स्वास्थ्य लाभ के लिए प्रशासन ने पुख्ता तैयारी की है। जिले में डॉक्टर व अन्य स्टाफ की पूरी उपलब्धता है। ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है। घर-घर ऑक्सीजन मरीज को मिले इसके लिए पोर्टल बनाया गया है। अब तक 291 लोगों ने पोर्टल पर पंजीकरण किया है, जिनमें 186 मरीजों के घांें पर ऑक्सीजन उपलब्ध करवाई है। जिले के सभी कोविड अधिकृत अस्पतालों में ऑक्सीजन की पर्याप्त मात्रा है। जल्द गांव गांव में ठीकरी पहरे लगने शुरू हो जाएंगे तो जिले की सीमाओं पर भी सतर्कता बढ़ाई जा रही है ताकि बाहरी आवाजाही से हालात न बिगड़ें। 

जिले भर में बन रहे सेंटर 

डीसी ने बताया कि ओल्ड नीलोखेड़ी, सीकरी, समानाबाहू, बराना, नीलोखेड़ी शहर, संधीर, बरसत, चौरा, कालरम, बसताड़ा, जयसिंहपुरा, राहड़ा, बिलौना, अरड़ाना, बाहरी, चोंचड़ा, अलावला, ओंगद, डेरा मेहताब, ब्रास, पिचौलिया, जुंडला, कतलेहड़ी, राजेपुर, अमुपुर, खेड़ा, मुरादगढ़, बीबीपुर जाटान, गढ़ी गुजरान, बजीदा जाटान, खेड़ी मानसिंह, गांगर, शामगढ़, नड़ाना, भैनीखुर्द, तखाना, भैनीकलां, निगदू में 10-10 बैड के आईसोलेशन सेंटर बनाए गए हैं जबकि पंघाला और कबुलपुर खेड़ा में 8-8 बेड, गोंदर में 50 बेड, बड़ौता में 25 बेड, नरूखेड़ी, सिरसी व बड़ागांव में 20-20 बेड, ऊंचा समाना में 16 तथा कुंजपुरा में 35 बेडके आईसोलेशन सैंटर बनाए गए हैं। इसके अतिरिक्त इंद्री के गुढ़ा और नगरनिगम के मधुबन में भी आईसोलेशन सेंटर बनाए गए हैं। इस प्रकार करीब 50 आईसोलेशन सेंटर में करीब 625 आईसोलेशन बेड की व्यवस्था कर दी गई है।


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