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पढ़कर अजीब लगेगा, लेकिन ये सही है, अब डाक्टर मरीजों से पूछेंगे क्या आप इलाज से संतुष्ट हैं

अब डॉक्‍टर मरीजों से पूछेंगे कि आप इलाज से संतुष्‍ट हैं या नहीं। इसका जवाब लिखकर विभाग के मुख्‍यालय को रिपोर्ट भेजनी होगी। ओपीडी के अलावा इंडोर में आने वाले मरीजों का डॉक्टरों को पेसेंट का फीडबैक रिकार्ड रखना होगा।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Tue, 05 Jan 2021 11:27 AM (IST)Updated: Tue, 05 Jan 2021 11:27 AM (IST)
पढ़कर अजीब लगेगा, लेकिन ये सही है, अब डाक्टर मरीजों से पूछेंगे क्या आप इलाज से संतुष्ट हैं
डॉक्‍टर मरीजों से पूछेंगे कि आप इलाज से संतुष्‍ट हैं।

पानीपत/करनाल, जेएनएन। अब डॉक्टर मरीजों से पूछेंगे क्या आप इलाज से संतुष्ट हैं? सरकारी हेल्थ सेंटरों पर इस प्रकार की व्यवस्था के बारे में सुनकर भले ही अजीब लगे, लेकिन यह व्यवस्था लागू कर दी गई है। जिले के सभी प्राथमिक चिकित्सा केंद्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के अलावा सभी हेल्थ सेंटरों पर तैनात डॉक्टरों को मरीजों की फीडबैक रिपोर्ट कागजों पर लानी होगी।

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पिछले दिनों माल रोड स्थित सिविल सर्जन कार्यालय में डा. योगेश शर्मा ने निर्देश जारी किए हैं कि सभी डॉक्टर्स अपनी पेसेंट फीडबैक रिपोर्ट को दुरुस्त करें। अगली मासिक बैठक में इसका पूरा विवरण लिया जाएगा। इस मामले में लापरवाही बरतने वाले डॉक्टर्स के खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी संभव है। यह फीडबैक रिपोर्ट मुख्यालय में भेजी जाएगी। सूत्रों की मानें तो हेल्थ सेंटरों पर मरीजों की अक्सर शिकायत आती थी कि उनका समय पर इलाज नहीं हो रहा है या फिर दवाईयां नहीं मिल रही हैं। समय पर डाक्टर नहीं बैठते। इस प्रकार की शिकायतों के मद्देनजर मरीजों से फीडबैक फार्म भरवाने का निर्णय लिया है।

इंडोर व आउट डोर पेसेंट का रखना होगा रिकार्ड

जिले के सभी 36 हेल्थ सेंटरों पर ओपीडी में आने वाले मरीजों के अलावा भर्ती होने वाले मरीजों से भी फीडबैक रिपोर्ट ली जाएगी। इसके लिए एक अलग फार्म की व्यवस्था की गई है। इस फार्म में पेसेंट का नाम, उसका किस बीमारी के संबंध में इलाज चल रहा है और कौन से डॉक्टर इलाज कर रहे हैं, पूरा डाटा इसमें लिखना होगा। फीडबैक फार्म में दो आप्शन दिए गए हैं। जिसमें क्या आप इलाज से संतुष्ट हैं? और क्या आप इलाज से संतुष्ट नहीं हैं? मरीज को इन दोनों में से एक आप्शन को चुनना होगा।

पेसेंट फीडबैक रिपोर्ट से क्या फायदा होगा?

इस प्रक्रिया से इलाज में पारदर्शिता आएगी। स्थानीय हेल्थ सेंटर पर मरीजों को किस स्तर का इलाज मिल रहा है इसका पता चलेगा। रिपोर्ट के आधार पर पता चल जाएगा कि कितने मरीजों को दवाईयों पूरी मिली हैं या नहीं? वह डॉक्टर के इलाज से कितने संतुष्ट हैं और स्टाफ के व्यवहार कैसा रहा। रिपोर्ट के अनुसार हेल्थ सेंटर की रेटिंग तय की जाएगी।

सिविल सर्जन डा. योगेश शर्मा ने कहा कि मासिक बैठक में सभी एसएमओ व एमओ को सख्त हिदायत दी गई है कि वह हर हाल में पेसेंट फीडबैक रिपोर्ट को भरें। मरीजों से बात करें। अगली बैठक में पेसेंट फीडबैक का रिकार्ड हर हाल में उपलब्ध होना चाहिए। हमारी प्राथमिकता है कि मरीजों को बेहतर इलाज मिले। लापरवाही किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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