जिला-ब्लॉक स्तर पर कमेटी नहीं होना भी कांग्रेस की दुर्दशा का कारण
फरवरी-2019 में नगर निगम चुनावों में करारी शिकस्त के बाद माना जा रहा था कि कांग्रेस के नेताओं ने कुछ सबक जरूर लिया होगा। अब लोकसभा चुनाव 2019 के चुनाव परिणाम ने कांग्रेस को जिले में लगभग शून्य पर पहुंचा दिया है।
राज सिंह, पानीपत
फरवरी-2019 में नगर निगम चुनावों में करारी शिकस्त के बाद माना जा रहा था कि कांग्रेस के नेताओं ने कुछ सबक जरूर लिया होगा। अब लोकसभा चुनाव 2019 के चुनाव परिणाम ने कांग्रेस को जिले में लगभग शून्य पर पहुंचा दिया है। इसका बड़ा कारण ब्लॉक और जिला स्तर का संगठन भी तैयार नहीं होना है। यही पार्टी प्रत्याशी कुलदीप शर्मा की करारी हार की मुख्य वजह रही।
नगर निगम चुनावों में पार्टी समर्थित प्रत्याशियों को करारी हार का सामना करना पड़ा था। एकमात्र पार्षद शकुंतला गर्ग ही जीतीं थी। चुनाव परिणाम के बाद कांग्रेस नेता विरेंद्र शाह, धर्मपाल गुप्ता आदि ने हार का कारण ईवीएम को हैक करना बताया था। हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष अशोक तंवर, पूर्व मंत्री बिजेंद्र कादियान ने तर्क दिया था कि जो हारे हैं, वे व्यक्ति विशेष समर्थित थे। हालांकि, इसके बाद भी पार्टी ने बूथ, ब्लॉक और जिला स्तर पर संगठन को मजबूत करने का काम नहीं किया, पदाधिकारी तक नियुक्त नहीं किए।
इस बार भी बखेड़ा करने का प्रयास
12 मई को हुए मतदान के दौरान एसडीवीएम सिटी के बाहर दो ईको वैन में ईवीएम और वीवीपैट रखी देख कांग्रेसियों ने खूब हो-हल्ला किया था। यह हंगामा ठीक नगर निगम चुनावों के दौरान ईवीएम पर बोले गए हमले की अगली कड़ी जैसा था।
मैं ईवीएम को दोष बिल्कुल नहीं दूंगा। यह जनादेश हमें शिक्षा देने वाला है। नगर निगम, लोकसभा और विधानसभा के चुनावों में बड़ा अंतर होता है। विधानसभा चुनावों के लिए हम अधिक मेहनत करेंगे। पार्टी अध्यक्ष के दिशा-निर्देश पर इस बड़ी हार पर मंथन भी करेंगे।
यह बड़ी मार है, जरूर हम इससे सबक लेंगे। जनता ने प्रधानमंत्री के राष्ट्रवाद के भाषणों पर अधिक विश्वास कर लिया है। वोट किसी प्रत्याशी को नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री को मिले हैं। कांग्रेस धरातल पर कमजोर है, इसे स्वीकार करता हूं। विधानसभा चुनावों की मजबूती से तैयारी करेंगे।
बिजेंद्र सिंह कादियान, पूर्व मंत्री