अगले दस दिनों तक मानसून वापसी के संकेत नहीं, धान की फसल को नुकसान
सितंबर के अंत तक मानसून वापसी के संकेत नहीं है। मौसम विभाग का कहना है कि सितंबर में सामान्य से अधिक बारिश हो रही है। दक्षिण -पश्चिमी मानसून उत्तर पश्चिम भारत से तभी वापस होता है जब लगातार पांच दिनों तक इलाके में बारिश नहीं होती है।
जागरण संवाददाता, पानीपत : सितंबर के अंत तक मानसून वापसी के संकेत नहीं है। मौसम विभाग का कहना है कि सितंबर में सामान्य से अधिक बारिश हो रही है। दक्षिण -पश्चिमी मानसून, उत्तर पश्चिम भारत से तभी वापस होता है, जब लगातार पांच दिनों तक इलाके में बारिश नहीं होती है। आइएमडी के अनुसार अगले दस दिनों तक उत्तर भारत से मानसून की वापसी के संकेत नहीं दिख रहे। पानीपत में एक सितंबर से बारिश हो रही। पिछले 16 दिनों में चार दिन बारिश नहीं हुई। चार दिनों तक लगातार बारिश बंद नहीं रही। दो दिन बारिश नहीं हुई, उसके बाद तीसरे दिन फिर से बारिश हो गई।
वीरवार को दोपहर तक मौसम साफ रहा। आंशिक रूप बादल छाए हुए थे, अचानक 12 बजे के बाद बादल छाने शुरू हो गए। देखते -देखते काले घने बादल छा गए। साढ़े 12 बजे बारिश शुरु हो गई। जिले में नौ एमएम बारिश दर्ज की गई। देर शाम तक रुक-रुक कर बारिश होती रही। अधिकतम तापमान 32 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। बलाक स्तर पर बारिश
पानीपत : 05 एमएम
समालखा : 02 एमएम
इसराना : 35 एमएम
बापौली : 03 एमएम
मतलौडा : 04 एमएम
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कुल बारिश : 49 एमएम
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बारिश से धान की अगेती फसल के नुकसान
धान से सब्जी सहित धान की अगेती फसल का नुकसान हुआ है। पछेती फसल लगाने वाले किसानों को लाभ मिला है। अगेती फसल 1509 में नुकसान हो रहा है। खेतों में पानी भरा होने के कारण सब्जियों की आवक भी प्रभावित हुई है। अन्य प्रदेशों से आने वाली सब्जी पर निर्भरता बनी हुई है। सर्दी देर आएगी
देर से मानसून जाने के कारण सर्दी के मौसम भी देर से शुरु हो गा। जिससे कंबल कारोबारियों की चिता बढ़ गई है। वर्ष 2017 से 2020 तक दक्षिण पश्चिमी मानसून देरी से वापस गया। इन वर्षों में सर्दी भी देर से शुरू हुई थी।