हाली पार्क दमकल केंद्र में नहीं हाईडेंट सिस्टम, 4 किलोमीटर दूर टोल पर रिफिल होती है गाड़ियां
अजय सिंह पानीपत आग लगने पर दमकलकर्मी जरा सी देर से घटनास्थल पहुंचे तो आमजन सवाल उठाना श्
अजय सिंह, पानीपत
आग लगने पर दमकलकर्मी जरा सी देर से घटनास्थल पहुंचे तो आमजन सवाल उठाना शुरू कर देते है। लेकिन शायद ही शहरवासियों को ये मालूम होगा कि आग बुझाने वाले ये दमकलकर्मी रोजाना बिना सुरक्षा और सुविधाओं के अपनी जान दाव पर लगाते है। ना पक्की नौकरी, ना इलाज की सुविधा, यहां तक की गाड़ियों में पानी भरने के लिए हाईडेंट सिस्टम भी नहीं है। फिर भी इन कर्मचारियों की जान पर खेलकर लोगों को नुकसान से बचाने की जद्दोजहद जारी है।
पानीपत हॉली पार्क दमकल केंद्र में लगभग 50 कर्मचारी कार्यरत है। जो 12 नई और पुरानी गाड़ियां, एक रेस्कयू टेंडर और दो फायर फाइटिग बाइक की मदद से शहर में आगजनी की घटनाओं पर काबू पाते है। स्थानीय निगम अधिकारियों की लापरवाही के कारण लगभग दो साल से हाली पार्क दमकल केंद्र में हाईडेंट सिस्टम (सबमर्सिबल) नहीं लग पाया। आग लगने की सूचना मिलने पर कर्मचारियों को पानीपत टोल प्लाजा या एनएफएल तक लगभग चार से पांच किलोमीटर का सफर तय करके गाड़ियों को रिफिल कराना पड़ता है। जिसमें लगभग एक घंटे तक का समय लग जाता है। लगभग छह माह पहले पूर्व निगमायुक्त ओमप्रकाश ने हाईडेंट की फाइल पास की थी। नए निगमायुक्त सुशील कुमार भी फाइल पास कर चुके है। लेकिन अब फाइल लगभग छह माह से तकनीकी ब्रांच में अटकी हुई है।
निगम के अधीन 89 कर्मचारी, नहीं मिली सुविधाएं
शहर के तीनों दमकलकेंद्रों में 120 कर्मचारी कार्यरत है। जिनमें से 89 कर्मचारी लगभग एक साल से नगर निगम के अधीन काम कर रहे है। इन कर्मचारियों को निगम ईएसआइ का लाभ नहीं दे रहा है। हादसा होने की स्थिति में दमकलकर्मियों को खुद ही अपना इलाज कराना पड़ेगा। इन कर्मचारियों को सालभर से वर्दी भी नहीं मिली। इसके अलावा छह कर्मचारी आज भी ठेकेदार के अधीन काम कर रहे है। जिन्हें कोई खास सुविधा नहीं मिल रही।
हिसार की कंपनी ने दबाए कर्मचारियों के फंड
दमकलकर्मियों ने बताया कि सालभर पहले वे हिसार की अनलेज एंड मेहरवर्ड प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के अधीन काम करते थे। ठेकेदार ने लगभग छह माह पहले उनके वेतन की तो पेमेंट कर दी, लेकिन उनके इएसआई और पीएफ जैसे लाखों रुपये के जरूरी फंड रोक लिए। छह दमकलकर्मियों को भी बीते तीन माह से वेतन नहीं मिल रहा। बिना वेतन काम करने में कर्मचारियों को काफी परेशानी हो रही है। इस बारे फायर सेफ्टी अधिकारी खुद भी कंपनी को पत्र लिख चुके है, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।
एक माह पहले जले थे पांव, खुद कराया इलाज
सेक्टर 29 स्थित एक प्राइवेट फैक्ट्री में आग बुझाते समय तीन दमकलकर्मियों के पांव जल गए थे। ईएसआइ की सुविधा नहीं होने के कारण उन्हें अपनी जेब से रुपये खर्च कर इलाज कराना पड़ा। गनीमत रही कि कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ। अन्यथा परिवार को आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता। दमकलकर्मियों की मांग है कि उन्हें ईएसआइ की सुविधा दी जाए।
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निगम अधिकारियों को बार-बार हाईडेंट सिस्टम की फाइल पास करवाने बारे पत्र लिख चुके है। लेकिन आज तक फाइल अटकी हुई है। फाइल पास होते ही दमकलकर्मियों की पानी की परेशानी का स्थाई समाधान हो जाएगा।
-यादविद्र, फायर सेफ्टी अधिकारी -----------
फाइल देखने के बाद ही हाईडेंट सिस्टम के बारे में कुछ बता पाऊंगा। निगम के अधीन काम कर रहे दमकलकर्मियों को ईएसआइ का लाभ मिलना चाहिए। अगर उन्हें ये लाभ नहीं मिल रहा तो इस बारे में जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी।
सुशील कुमार, निगमायुक्त