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पानीपत में नौ माह पहले लगे दो करोड़ के टेंडर की फाइलें निगम कार्यालय से गुम

पानीपत नगर निगम में फाइल गुम होने पर पार्षद अंजलि शर्मा ने फाइल ढूंढवाने के लिए निगम आयुक्त को पत्र लिखा है। वार्ड में विकास का काम ठप है। लोगों को परेशानी हो रही है।

By Manoj KumarEdited By: Published: Wed, 15 Jul 2020 08:40 AM (IST)Updated: Wed, 15 Jul 2020 08:40 AM (IST)
पानीपत में नौ माह पहले लगे दो करोड़ के टेंडर की फाइलें निगम कार्यालय से गुम
पानीपत में नौ माह पहले लगे दो करोड़ के टेंडर की फाइलें निगम कार्यालय से गुम

पानीपत, जेएनएन। पानीपत के वार्ड नंबर तीन में चार सड़क बनाने के लिए लगभग दो करोड़ के टेंडर लगाए गए थे। नौ माह पहले लगाए गए इस टेंडर की फाइलें अब निगम कार्यालय से गुम हो गई हैं। पार्षद अंजलि शर्मा ने फाइल ढूंढवाने के लिए निगम आयुक्त को पत्र लिखा है। वार्ड में विकास का काम ठप है। लोगों को परेशानी हो रही है। पार्षद ने बताया कि सीसी रोड बनाने के लिए चार टेंडर लगाए गए थे। टेकचंद हाउस से सरकारी स्कूल तक, हरीश सचदेवा के घर से सतबीर पेंटर के घर तक, सब्जी मंडी से पाहुजा हास्पिटल और आरके पेंटर से वर्मा पेंटर तक सड़कें बननी थी।

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सात सितंबर 2019 को इन चारों सड़कों के वर्क आर्डर हो गए। निगम के कर्मचारियों ने उसके बाद टेंडर की फाइलें गुम कर दी। अफसरों को पता नहीं है कि फाइलें किसने गुम की। बस इसे खोजवाने का आश्वासन दे रहे हैं। पार्षद ने फाइल गुम करने वाले कर्मचारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

एक साल से अटका है सड़क का निर्माण

पूर्व पार्षद हरीश शर्मा ने बताया कि चार वर्क आर्डर हुए थे। एक साल से सड़क निर्माण का कार्य अटका हुआ है। लगभग दो करोड़ का काम नहीं हो रहा। ये चार फाइलें तो अब संज्ञान में आई हैं। इसके अतिरिक्त अन्य वार्डों की दर्जनों फाइलें भी गुम हैं। टेंडर लगाने के बाद फाइल किसके पास गई। ठेकेदार ले गए या अफसर दबाए बैठे हैं इसका अता पता नहीं चल रहा है। अफसरों का ध्यान पैमाइश और पेमेंट पर है। डिवलपमेंट वर्क से कोई लेना देना नहीं है।

नौ माह से नहीं खुले टेंडर

निगम में नौ माह से टेंडर नहीं खुला है। 100 करोड़ से अधिक की देनदारी है। ठेकेदारों का पेमेंट नहीं किया जा रहा है। जो टेंडर नहीं खुला उसमें सिंगल बिड है या किसी ने भरा ही नहीं इसके बारे में अफसरों को पता नहीं है। 200-250 करोड़ के टेंडर लगा दिए गए। एनओसी की फाइलें भी धूल फांक रही है। वार्डों में लाइटों की रिपेयरिंग नहीं हो रही है।


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