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हरियाणा में कोरोना के खतरे के बीच एनएचएम कर्मियों की हड़ताल, स्वास्थ्य विभाग की बढ़ी टेंशन

हरियाणा में कोरोना का खतरा लगातार बढ़ रहा है। कोरोना के खतरे के बीच एनएचएम कर्मचारियों की हड़ताल ने स्वास्थ्य विभाग की टेंशन बढ़ा दी है। हड़ताल की वजह से टीकाकरण व सैंपलिंग का कार्य भी प्रभावित हुआ है। कुछ केंद्रों पर ही टीकाकरण चल रहा है।

By Rajesh KumarEdited By: Published: Tue, 28 Jun 2022 05:35 PM (IST)Updated: Tue, 28 Jun 2022 05:35 PM (IST)
हरियाणा में कोरोना के खतरे के बीच एनएचएम कर्मियों की हड़ताल, स्वास्थ्य विभाग की बढ़ी टेंशन
हरियाणा में कोरोना वायरस का खतरा बढ़ा।

यमुनानगर, जागरण संवाददाता। कोरोना के एक बार फिर से बढ़ने का खतरा बन गया है। सोमवार को जिले में कोरोना के नौ मरीज मिले हैं। करीब दो माह बाद एक साथ इतने मरीज मिले हैं। जिससे विभाग फिर से अलर्ट हो गया है, लेकिन एनएचएम कर्मचारियों की हड़ताल से भी विभाग की चिंता बढ़ी है। हड़ताल की वजह से टीकाकरण व सैंपलिंग का कार्य भी प्रभावित हुआ है। कुछ केंद्रों पर ही टीकाकरण चल रहा है। इस समय जिले में 19 सक्रिय मरीज हैं।

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कोरोना की पहली लहर के दौरान ही जिले में आण्विक प्रयोगशाला स्थापित कर दी गई थी। जिससे सैंपलिंग करने व रिपोर्ट मिलने में समय अधिक न लगे। अब कोरोना के मरीज कम होने के साथ ही सैंपलों की संख्या भी घट गई है। पहले जहां एक हजार से दो हजार सैंपल तक रोजाना लिए जाते थे। अब यही आंकड़ा महज 200 से 250 पर सिमट गया है।

इसकी एक वजह ये भी है कि अधिकतर आबादी को कोरोनारोधी टीका लग चुका है। जिससे उनमें कोरोना से लड़ने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता बन गई है। इसलिए कोरोना के लक्षण भी मरीजों में नहीं आ रहे हैं। दूसरा लोग भी इस ओर से लापरवाही बरत रहे हैं। वह लक्षणों को नजरदांज कर रहे हैं। जिससे कोरोना का खतरा

बना हुआ है। मार्च के बाद घटने लगे थे मरीज

मार्च 2022 के बाद से जिले में मरीज घटने लगे थे। 21 मार्च को तीन माह बाद जिले में कोरोना का कोई भी नया मरीज नहीं मिला था। उस समय जिले में सात सक्रिय मरीज थे। हालांकि इसके बाद रोजाना एक या दो मरीज आते रहे, लेकिन उनमें कोई गंभीर लक्षण नहीं होने पर होम आइसोलेट किया गया। पांच से सात दिन में मरीजों में रिकवरी भी होने लगी।

टीकाकरण को लेकर भी लापरवाही बरत रहे लोग

पहले जहां कोरोनारोधी वैक्सीन लगवाने को लेकर केंद्रों पर लंबी लाइन लगती थी। अब केंद्रों पर भीड़ नहीं है। दूसरी डोज न लेने वाले भी काफी लोग हैं। इनको विभाग की ओर से मैसेज भेजकर डोज लगवाने के बारे में कहा गया है। इसके बावजूद कम ही लोग केंद्रों पर आ रहे हैं। जबकि दोनों डोज लेने के बाद ही शरीर में कोरोना से बचाव के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता बनेगी।

यह स्थिति रही कोरोना की अब तक

माह - सैंपलिंग - पाजिटिव - रिकवरी - मौत

जनवरी 2021- 22541- 327 - 423 - 13

फरवरी 2021 -20568 -170 - 187 - 4

मार्च 2021 - 24033 - 1486 - 933 -9

अप्रैल 2021-36470 -6336 - 5338 - 49

मई 2021 - 43731 - 8785 -9393 -153

जून 2021-27961 -914 - 1644 - 35

जुलाई 2021-28349-58 - 87 - 5

अगस्त 2021-29692-40- 40 - 4

सितंबर 2021-22242- 15- 19 - 1

अक्टूबर 2021-26691 -14 -16 -0

नवंबर 2021-25819-13 - 8 - 0

दिसंबर 2021-52307-47 - 25- 0

जनवरी 2022-50084-4189 - 3557 - 30

फरवरी 2022-28511 - 1684- 2264 - 13

मार्च 2022-11785 - 82 - 121 -0

अप्रैल 2022-6226- 7 - 4- 0

मई 2022-12709 -37 - 36 - 0

जून 2022-8165 -49 -30 - 0 (अब तक)

सैंपलिंग व टीकाकरण बढ़ाने के निर्देश

जिला निगरानी अधिकारी डा. वागीश गुटैन ने बताया कि कोरोना के मरीज बढ़ रहे हैं। जिसे देखते हुए सैंपलिंग व टीकाकरण बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। विशेष रूप से जिन लोगों की दूसरी डोज बाकी है। उनका टीकाकरण सुनिश्चित कराया जा रहा है।


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