Pollution फैलाने पर NGT की बड़ी कार्रवाई, Panipat रिफाइनरी पर 659 करोड़ जुर्माने की सिफारिश
प्रदूषण फैलाने पर रिफाइनरी पर जुर्माना लगाने की अनुशंसा की गई है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने की मामले में की सुनवाई की। इसके बाद जुर्माना लगाने की अनुशंसा की।
पानीपत, जेएनएन। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में मंगलवार को रिफाइनरी के प्रदूषण मामले की सुनवाई हुई। एनजीटी ने जांच रिपोर्ट के आधार पर रिफाइनरी को कुछ और हर्जाना लगाने की अनुशंसा की है। हालांकि यह राशि ऑर्डर में स्पष्ट की जाएगी।
एनजीटी ने हर्जाने के साथ पर्यावरण व भूजल में सुधार पर भी जोर देने को कहा है। इसके लिए एक कमेटी का गठन किया है। जो रिफाइनरी के पर्यावरण और जल प्रदूषण के क्षेत्र में सुधार के दावों की जांच करेगी।
27 पेज की एक्शन टेकन रिपोर्ट
राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड के अधिकारियों की अगुवाई में मंगलवार को एनजीटी में 27 पेज की एक्शन टेकन रिपोर्ट और सीएसआइआर-नीरी की 99 पेज की जांच रिपोर्ट पेश की। डीसी ने सीएसआइआर-नीरी की जांच रिपोर्ट पर पुनर्विचार करने की सिफारिश की थी। इसे थर्ड पार्टी से कराए जाने की बात कही जा रही है। इसके लिए तीन महीने का समय मांगा गया था।
यह है मामला
सिठाना के सरपंच सतपाल ने एनजीटी में याचिका दायर की थी। उन्होंने पानीपत रिफाइनरी पर जल प्रदूषण होने का आरोप लगाया था। उनका आरोप था कि इससे आसपास का भूजल दूषित हो गया है और लोग गंभीर रूप से बीमार हो रहे हैं। एनजीटी ने मामले की गंभीरता को देखते 15 नवंबर 2018 को जांच कमेटी गठित की थी। जांच रिपोर्ट के आधार पर पानीपत रिफाइनरी पर 17.31 करोड़ का जुर्माना लगा दिया था। रिफाइनरी ने लंबी लड़ाई के बाद हर्जाना राशि जमा करा दी थी।
सीएसआइआइ-नीरी और सीजीडब्ल्यू ने 659.49 करोड़ की सिफारिश की थी
सीएसआरआइ-नीरी, केंद्रीय भूजल बोर्ड और डीसी की एक जांच कमेटी गठित की थी। सीएसआरआइ-नीरी और सीजीडब्ल्यू ने इसकी बारीकी से जांच की थी। इसके आधार पर 659.49 करोड़ रुपये का हर्जाना लगाने की सिफारिश की। रिफाइनरी इस मामले में 17.31 करोड़ रुपये हर्जाने के रूप में जमा करा चुका है। अब 642.18 करोड़ रुपये का हर्जाना जमा कराना बाकी बताया जा रहा है।
पानी और हवा से इस तरह बढ़े बीमार
वर्ष पानी से लगने वाली बीमारी सांस संबंधी बीमारी
2015 198 1911
2016 60 2449
2017 436 505
2018 388 1157
2019 205 2495
रिफाइनरी और इसके आसपास से पानी की जांच
संयुक्त टीम ने रिफाइनरी और इसके 10 किलोमीटर के आसपास के क्षेत्र में भूजल की जांच कराई। यहां से 31 सैंपल भरे गए। हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड भी साथ रहा। लैब से जांच रिपोर्ट चिंताजनक मिली। रिफाइनरी और इसके आसपास का पीएच 7.15 से 8.24 मिला। क्लोराइड 250 एमजी से नीचे मिला। खंडरा गांव के सरकारी स्कूल से लिए पानी के सैंपल में फ्लोराइड 0.36 एमजी प्रति लीटर रही।
पानीपत रिफाइनरी पर 659 करोड़ का कोई हर्जाना नहीं लगाया है। यह सब भ्रामक है। रिफाइनरी सीएसआर के तहत आसपास के गांवों में विकास कार्यों में आगे रहती है।
-एसके त्रिपाठी, जीएम, प्रशासन और सीएसआर, पानीपत रिफाइनरी।