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एनएचएआइ की रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं एनजीटी, जीटी रोड से कब्जे हटाने का मांगा एक्शन प्लान

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने जीटी रोड पर अवैध कब्जों को लेकर कड़ा रुख अपनाते हुए नेशनल हाईवे अथॉरिटी (एनएचएआइ) की रिपोर्ट पर नाराजगी जाहिर की है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 06 Dec 2019 09:34 AM (IST)Updated: Fri, 06 Dec 2019 09:34 AM (IST)
एनएचएआइ की रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं एनजीटी, जीटी रोड से कब्जे हटाने का मांगा एक्शन प्लान
एनएचएआइ की रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं एनजीटी, जीटी रोड से कब्जे हटाने का मांगा एक्शन प्लान

जागरण संवाददाता, पानीपत : नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने जीटी रोड पर अवैध कब्जों को लेकर कड़ा रुख अपनाते हुए नेशनल हाईवे अथॉरिटी (एनएचएआइ) की रिपोर्ट पर नाराजगी जाहिर की है। नोटिस जारी कर एनएचएआइ से दोबारा से एक्शन प्लान बना रिपोर्ट मांगी है। साथ ही कहा कि देशभर में हाईवे से एक साल में कितने अवैध कब्जे हटवाए गए हैं और हरियाली की स्थिति क्या है? इसमें पानीपत का जीटी रोड भी शामिल है।

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एक साल में जीटी रोड पर बढ़ गए 10 कब्जे

एनएचएआइ ने वर्ष 2019 में एनजीटी को जवाब दिया कि जीटी रोड पर 163 भवनों का कब्जा है। 2018 में 153 स्थानों पर कब्जे थे। कब्जे हटवाने के बजाय 10 जगह और कब्जे हो गए। ये कब्जे इंसार बाजार की तरफ की लेन में और नांगलखेड़ी गांव के पास दिल्ली से चंडीगढ़ लेन पर ज्यादा हैं। 15 वकीलों ने जीटी रोड से कब्जे हटवाने के लिए संघर्ष समिति का गठन किया था। इसके बाद तत्कालीन डीसी ने कब्जों के हटवाने के लिए अधिकारियों की बैठक ली थी। कब्जे हटवाने से पहले ही डीसी का तबादला हो गया। जीटी रोड पर कब्जे

एलएंडटी कंपनी की निगरानी में शहर में करीब 10 किलोमीटर का एलीवेटेड हाईवे है। एलएंडटी ने 2015 में हाईवे की पैमाइश कराई थी। इसमें सामने आया था कि अधिकतर अवैध कब्जे बस स्टैंड से एसडी कॉलेज के बीच चंडीगढ़-दिल्ली लेन पर है। सबसे ज्यादा लालबत्ती के निकट 14 मीटर अवैध निर्माण है। कांग्रेस भवन के पास 2.65 मीटर, यहीं पर वक्फ बोर्ड की दुकानों के सामने 4.85 मीटर और सेंट्रल बैंक के सामने एक मीटर कब्जा है। सितंबर 2015 में तत्कालीन डीसी के आदेश पर राजस्व विभाग ने हाईवे की पैमाइश की थी। इसके तहत हाईवे पर 26 से अधिक कब्जे हाईवे पालिका और इंसार बाजार की तरफ चंडीगढ़ से दिल्ली लेन पर हैं। लालबत्ती के पास 45 फीट तक कब्जे हैं। इस रिपोर्ट को बाद में डीसी ने खारिज कर दिया था। 2015 में एनएचएआइ ने 2015 में जिला प्रशासन को पत्र लिखा कि अतिक्रमण करने वालों पर कार्रवाई की जाए। कार्रवाई के लिए तहसीलदार भी नियुक्त किए, लेकिन कार्रवाई आगे नहीं बढ़ी। 100 से अधिक दुकानदारों ने कब्जा किया, रिपोर्ट गायब

जिला प्रशासन और एलएंडटी ने 28 फरवरी से 2 मार्च 2014 तक हाईवे की पैमाइश कराई थी। इसकी रिपोर्ट के मुताबिक लालबत्ती के दोनों तरफ 100 से ज्यादा दुकानदारों ने दो से सात मीटर तक हाईवे पर कब्जा कर रखा है। एनएचएआइ को कोर्ट ने स्थिति स्पष्ट करने को कहा था। तब रिपोर्ट को ही गायब बता दिया गया था। इन्होंने कर रखे हैं कब्जे

एनएचएआइ की रिपोर्ट के मुताबिक ग्रैंड होटल, मॉल, नाथू स्वीटस, सिगला हाउस, रिलायंस फूड प्वाइंट, मानसरोवर, नवल सिनेमा, आरके रेस्टोरेंट, राज रेस्टोरेंट व देश प्रेमी ढाबा ने अतिक्रमण कर रखा है। इसी तरह से राज टावर, विज कांप्लेक्स और पालीवाल हाउस ने भी अतिक्रमण कर रखा है।


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