करनाल के लिए राहत की खबर, एक माह में हो सकता है कोरोना मुक्त
करनाल में कोरोना की दूसरी लहर का पीक निकल चुका है। वहीं करनाल उपायुक्त निशांत कुमार यादव दावा किया है कि जिले में आ रही संक्रमण घटने की रफ्तार में तेजी। एक महीने में करनाल कोरोना मुक्त भी हो जाएगा।
करनाल, जेएनएन। उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने दावा किया है कि अगले एक माह में करनाल कोरोना मुक्त हो जाएगा। उन्होंने माना कि इसमें कोई दो राय नहीं है कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर की भयावहता भांपने में हमसे चूक हुई। अंदाजा नहीं था कि यह इतनी भयावह होगी, यही कारण रहा कि दूसरी लहर से निपटने में कुछ समय लग गया, लेकिन इसके बावजूद जिले में एक भी मौत बेड की समस्या के कारण नहीं होने दी गई। अब स्थिति लगातार नियंत्रित हो रही है। उम्मीद है कि रिकवरी और संक्रमण के घटने की यही रफ्तार रही तो एक महीने के अंदर करनाल को कोरोना मुक्त कर पाएंगे।
डीसी ने अपने वक्तव्य में कहा कि कोरोना की दूसरी लहर के प्रति हम शिथिल तो नहीं हुए लेकिन कम तैयारियों की वजह से थोड़ा चूक गए। लोग भी जागरूक नहीं थे। दिक्कतें तो आईं। नुकसान भी झेलना पड़ा, लेकिन अब हालात सुधार की ओर हैं। दूसरी लहर से सबक लेकर तीसरी लहर से निपटने की बेहतर तैयारियां शुरू कर दी हैं। उन्होंने कहा कि दूसरी लहर ने बहुत कुछ सिखा दिया है। इसलिए अब हम अभी से ही स्वास्थ्य संबंधी तैयारियों को और बेहतर बनाने में जुट गए हैं। इसके लिए लगातार स्वास्थ्य महकमे के अफसरों के साथ बैठकों का दौर चल रहा है। कोरोना महामारी के प्रति लोगों मे जागरूकता बढ़े और जिले के सामाजिक लोग और संस्थाएं इस संदर्भ में जागरूकता अभियानों व मदद के लिए हमेशा तत्पर रहें, इसके लिए जिला प्रशासन उनके साथ पूरा समन्वय बनाए हुए है।
उन्होंने कहा कि कोविड नियमों का सख्ती से पालन हो। संक्रमण के फैलाव पर अंकुश लगे, इसके लिए पुलिस प्रशासन के साथ पूरा तालमेल है। डीसी ने कहा कि पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिला उपायुक्तों के साथ ऑनलाइन बैठक करके उन्हें जिले का फील्ड कमांडर बताया। यह भी कहा कि अपने जिलों को कोरोना मुक्त बनाने के लिए वह जिला स्तर पर नीतियों में भी जरूरत के अनुसार बदलाव भी कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि सबसे पहले हेल्थ केयर के लिए फंड तय होना चाहिए। देखा जा रहा है कि डाक्टर, विशेषज्ञ सरकारी अस्पतालों में कम हैं। इसके अलावा गांवों में बने आइसोलेशन केंद्रों में मरीजों के लिए ऑक्सीजन कंसंट्रेटर व अन्य जरूरी मेडिकल उपकरण भी उपलब्ध कराएंगे। वहां भोजन की निशुल्क व्यवस्था करवाई जाएगी। इन ग्रामीण केंद्रों में डाक्टरों की शिफ्ट वार ड्यूटी भी लगाएंगे, ताकि इन सेंटरों में मरीजों की लगातार देखभाल हो सके।