पीलिया और संक्रमण से एसएनसीयू में नवजात की मौत
सिविल अस्पताल की सिक न्यू बोर्न चाइल्ड केयर यूनिट में फिर एक बच्चे की मौत हो गई।
जागरण संवाददाता, पानीपत : सिविल अस्पताल के सिक न्यू बोर्न चाइल्ड केयर यूनिट (एसएनसीयू) में मंगलवार शाम एक नवजात की मौत हो गई। पीलिया और संक्रमण के इलाज के लिए उसे भर्ती किया गया था। परिजनों ने डॉक्टरों और स्टाफ नर्सों पर लापरवाही का आरोप लगा जमकर हंगामा किया।
बापौली के सलमान की पत्नी शाशिता ने 6 सितंबर को पुत्र जन्म दिया था। मंगलवार की सुबह उसे एसएनसीयू में दाखिल किया गया। शाम के समय उसकी तबीयत अधिक खराब हो गई। स्टाफ नर्स स्थिति को संभाल नहीं सकीं। शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. निहारिका को बुलाया गया। उनके पहुंचने से पहले ही नवजात की मौत हो गई। परिजनों का आरोप था कि नवजात को समय पर उपचार नहीं मिला।
उधर, डॉ. निहारिका ने बताया कि कॉल आते ही वह पहुंच गई थीं, परिजन वहां नहीं थे। नवजात को बचाने की कोशिश की गई थी। पीलिया और ब्लड में इंफेक्शन से बच्चे की मौत हुई है। सिसक रही एसएनसीयू
सिविल अस्पताल की एसएनसीयू में फिजिशियन, वेंटिलेटर सहित अन्य संसाधनों की कमी है। एक जनवरी से 10 अगस्त तक लगभग 120 नवजातों को खानपुर मेडिकल या रोहतक पीजीआइ रेफर किया गया है। करीब 610 नवजातों को परिजन दूसरे अस्पताल ले गए। अब तक 13 नवजातों की मौत हो चुकी है। मैनपावर कम
सिविल अस्पताल के एमएस डॉ. आलोक जैन पीडियाट्रीशियन हैं। दूसरी पीडियाट्रीशियन डॉ. निहारिका हैं। प्रशासनिक कार्यों के दबाव में डॉ. जैन, ओपीडी में ड्यूटी के कारण डॉ. निहारिका एसएनसीयू पर पर्याप्त ध्यान नहीं दे पाते। इस समय जिम्मेदारी दिन में डॉ. पवन और डॉ. एकता, रात्रि में डॉ. अभिषेक और डॉ. कपिल पर है। पीडियाट्रीशियन का कम सहयोग मिलने के कारण से रेफर का निर्णय भी नहीं ले पाते। मशीनों की कमी :
वार्ड में 5 सिगल फोटोथैरेपी की मशीन थी, 4 कंडम हो चुकी हैं। एक डबल सरफेस फोटोथैरेपी मशीन है, पांच की डिमांड है। पीलिया के कारण भर्ती नवजातों को पर्याप्त इलाज नहीं मिल पाता। 14 में से 7 ही वार्मर शुरू किए हैं।