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Kolkata-Amritsar train में सोना चोरी मामले में उछला बड़े अफसर का नाम, बचाने का खेल शुरू

कोलकाता अमृतसर ट्रेन में सोना चोरी मामले में आरपीएफ का एक अफसर घिरता नजर आ रहा है। इसके बाद उसे बचाने की कवायद शुरू हो गई है। बनारस निवासी रवि शंकर तिवारी की शिकायत पर यह मामला दर्ज हुआ था।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Thu, 05 Nov 2020 01:06 PM (IST)Updated: Thu, 05 Nov 2020 01:06 PM (IST)
Kolkata-Amritsar train में सोना चोरी मामले में उछला बड़े अफसर का नाम, बचाने का खेल शुरू
ट्रेेेन में सोना चोरी मामले की सांकेतिक फोटो।

अंबाला [दीपक बहल]। कोलकाता से अमृतसर जाने वाली एक्सप्रेस ट्रेन में 20 तोले सोना चोरी प्रकरण में RPF के एक बड़े अधिकारी का नाम उछल गया है तो RPF उसे बचाने का खेल शुरू हो गया है। सोना चोरी का मुख्य आरोपित लाखन पेश होने के लिए सहारनपुर GRP के पास जा रहा था, लेकिन बीच रास्ते ही गायब हो गया।

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आरोपित की अंतिम लोकेशन सहारनपुर में मिली है, लेकिन दबाव पड़नेे के बाद वह खुद आत्मसमर्पण करने अपने साथियों के साथ आ रहा था। लाखन की गिरफ्तारी के बाद सोना रिकवर होना है, जिसको लेकर RPF की मुश्किलें बढ़ी हुई हैं, इसलिए लाखन की गिरफ्तारी में लेटलतीफी RPF को राहत दे रही है। सस्पेंड किए गए तीन कर्मियों को बचाने के लिए गाजियाबद, दिल्ली की RPF भी जुट गई है।

बताया जा रहा है कि दिल्ली और गाजियाबाद सीआइबी से जुड़े कर्मी सहारनपुर GRP के पास आए ताकि मामले को सुलझाया जा सके। इन सब की मोबाइल डिटेल और लोकेशन से ही दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। इस प्रकरण में खुफिया तंत्र भी उत्तर रेलवे के अधिकारियों को सच्चाई से अवगत करवाने में परहेज कर रहा है। उधर, शिकायतकर्ता रवि शंकर तिवारी ने प्रधानमंत्री को भी इस मामले की शिकायत भेज दी है, जहां से मामला डीजी RPF को भेज दिया गया है।

बता दें कि कोलकाता से अमृतसर जाने वाली एक्सप्रेस ट्रेन से बीस तोले सोना चोरी हो गया था। बनारस निवासी रवि शंकर तिवारी की शिकायत पर बनारस GRP ने मामला दर्ज कर सहारनपुर भेज दिया। तिवारी का सोना चोरी करने वाला लाखन और उसके अन्य साथी अंबाला आउटर पर उतर गए, जहां पर RPF की सीआईबी टीम ने लाखन को पकड़ लिया। आरोपित लाखन के अन्य साथी फरार हो गए। इसके बाद लाखन के खिलाफ रेलवे एक्ट में मामला दर्ज किया गया।

उस समय दस्तावेजों में लाखन ने अपने बयानों में कहा कि वह चोरी की नीयत से ट्रेन में चढ़ा, जबकि मामला GRP की जगह RPF तक ही सीमित रह गया। जमानत पर छूटने के बाद लाखन ने RPF पर सोना लेने और रिश्वत के आरोप लगाकर GRP अंबाला को ईमेल कर दी, जिसकी जांच जारी है। इस मामले में RPF ने एसआइटी गठित की, जिसकी रिपोर्ट पर तीन लोगों को सस्पेंड कर दिया गया।

लाखन की गिरफ्तारी पर निगाहें

सहारनपुर GRP ने लाखन को गिरफ्तार करने के लिए कई बार उसके घर पर दबिश दी। दबाव बना, तो बिचौलियों के माध्यम से लाखन पेश होने के लिए GRP सहारनपुर आ रहा था। आरोपित और उसके साथियों की लोकेशन तक सहारनपुर की मिली, लेकिन बाद में सभी को मोबाइल स्विच ऑफ हो गए। लाखन की गिरफ्तारी से कहीं न कहीं RPF की मुश्किलें बढ़ गई हैं, क्योंकि सोना RPF के पास है, इसका आरोप लाखन लगा चुका है। ऐसे में संदेह है कि कहीं न कहीं RPF भी लाखन की गिरफ्तारी न हो, इस पर खेल खेल रही है। इस खेल में लिप्त RPF के तीन कर्मियों के अलावा अन्य लोग भी शामिल हैं।

विभाग कार्रवाई कर रहा है : आईजी

उत्तर रेलवे के RPF आइजी एसएन पांडेय ने कहा कि विभाग कार्रवाई में जुटा हुआ है। सस्पेंड के बाद चार्जशीट की प्रक्रिया है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि RPF के इंस्पेक्टर सहारनपुर में पता करने गए थे कि GRP की तफ्तीश कहां तक पहुंची। आइजी ने कहा RPF के बड़े अधिकारी बचाने का प्रयास कर रहे हैं, इस बारे में उन्हें जानकारी नहीं है।


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