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Kisan Andolan: किसानों ने बनाया नया प्लान, साथ चलेगा प्रदर्शन और फसल कटाई का काम

गर्मियों में बैसाखी के त्योहार के साथ ही गेहूं कटाई का सीजन भी जोर पकड़ेगा। किसानों को गेहूं काटने के लिए खेतों में नियमित रूप से समय देना पड़ेगा। लिहाजा आंदोलन की कमान संभाल रहे नेताओं ने नई रणनीति बनाई है।

By Umesh KdhyaniEdited By: Published: Sun, 21 Feb 2021 04:42 PM (IST)Updated: Sun, 21 Feb 2021 04:42 PM (IST)
Kisan Andolan: किसानों ने बनाया नया प्लान, साथ चलेगा प्रदर्शन और फसल कटाई का काम
खेतों से धरनास्थल तक कामकाज में संतुलन के लिए गांवों का दौरा कर कमेटियां गठित की जा रही हैं।

पानीपत/करनाल, जेएनएन। गेहूं सीजन को देखते हुए कृषि कानून विरोधी आंदोलन में किसान अब नए प्लान पर अमल करेंगे। इसके तहत खेत से लेकर धरना स्थलों तक बाकायदा रोटेशन में ड्यूटी लगाई जाएगी। यानी, अब किसान अपना काम निपटाकर धरने पर बैठेंगे। इसे लेकर किसानों ने गांव-गांव जाकर कमेटी बनाने का फैसला लिया है। 

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कृषि कानून विरोधी आंदोलन के तहत जिले में किसान मुख्य रूप से बसताड़ा टोल प्लाजा पर धरना दे रहे हैं। यहां हर दिन क्रमिक भूख हड़ताल भी रखी जा रही है। इसके अलावा हाईवे के दोनों तरफ लंगर भी चल रहा है। शुरुआती दौर में पंजाब से दिल्ली की ओर जा रहे किसानों की खासी संख्या के कारण बसताड़ा टोल पर भी लगातार रौनक रहती थी। वहीं बीती 26 जनवरी को दिल्ली के चर्चित लाल किला प्रकरण के बाद हालात में काफी तब्दीली आई है। इसका सीधा असर कहीं न कहीं आंदोलन की चाल पर भी पड़ा है। खासकर, पंजाब से अब किसानों की आमद लगभग पूरी तरह थम जाने के कारण ज्यादातर धरना स्थलों की हलचल खासी प्रभावित है।

नेताओं ने नई रणनीति पर अमल करने का निर्णय लिया

इसी पहलू के मद्देनजर हाल में संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर रेल रोको कार्यक्रम सहित अन्य गतिविधियों में भी स्थानीय किसानों ने सक्रिय भागीदारी की लेकिन अब गर्मियों में बैसाखी के त्योहार के साथ ही गेहूं सीजन भी जोर पकड़ जाएगा। ऐसे में किसानों को गेहूं काटने के लिए खेतों में नियमित रूप से समय देना पड़ेगा। लिहाजा, आंदोलन की कमान संभाल रहे नेताओं ने नई रणनीति पर अमल करने का निर्णय लिया है। 

गांव-गांव का दौरा करके कमेटियां गठित की जा रहीं

इस बाबत धरना कमेटी के प्रधान रामपाल चहल ने बताया कि खेतों से लेकर धरनास्थल तक कामकाज में संतुलन कायम रखने के लिए गांव-गांव का दौरा करके कमेटियां गठित की जा रही हैं। इन कमेटियों में शामिल लोग सीजन के दौरान बारी-बारी से खेतों में अपना काम खत्म कर बसताड़ा टोल पर जारी धरने पर बैठेंगे। इसी क्रम में दूसरे किसान खेतों में अपनी फसल काटने चले जाएंगे। इससे गेहूं सीजन के दौरान भी आंदोलन कमजोर नहीं होगा बल्कि नई रफ्तार से आगे बढ़ेगा। धरना प्रदर्शन भी लगातार जारी रहेगा।    

टैंट और कूलर का करेंगे इंतजाम 

जिले के बसताड़ा टोल पर चल रहे धरने और भूख हड़ताल में किसानों की सहूलियत के लिए जल्द ही आवश्यकता के अनुरूप पंखे, कूलरों और टैंट की व्यवस्था भी की जाएगी। इससे गर्मी के मौसम में तापमान बढ़ने पर भी किसानों को परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा। इसके अलावा नियमित रूप से रागिनी गायन सहित मनोरंजन के अन्य साधन भी उपलब्ध कराए जाएंगे।


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