कोरोना की तीसरी लहर में नई गाइडलाइंस जारी, कोरोना पाजिटिव के शवों के अंतिम संस्कार को आए ये निर्देश
कोरोना की तीसरी लहर में नई गाइडलाइंस जारी कर दी गई है। पानीपत सिविल सर्जन ने कोविड पाजिटिव शव को रखने से अंतिम संस्कार तक गाइडलाइन का पालन का निर्देश दिए। सिविल सर्जन ने जिला के निजी अस्पतालों के स्टाफ को दिए निर्देश।
पानीपत, जागरण संवाददाता। कोविड पाजिटिव मरीज की अस्पताल में मौत होती है तो कर्मचारियों को हैंड हाइजनिंग, सुरक्षा उपकरण, संक्रमण को रोकने वाला बैग का ध्यान रखना होगा। सभी ट्यूब, कैथेटर को शरीर से निकाला जाए। उपचार के दौरान शरीर में किए गए पंक्चरों को बंद किया जाएगा। ट्यूब-कैथेटर को मेडिकल बायोवेस्ट मैनेजमेंट के तहत नष्ट किया जाए।
कोरोना की तीसरी लहर के मद्देनजर सिविल सर्जन डा.जितेंद्र कादियान ने निजी अस्पतालों के लिए यह दिशा-निर्देश दिए हैं। स्वजन अंतिम दर्शन करना चाहते हैं तो सुरक्षा के तहत अनुमति दें। शरीर में से निकलने वाले तरल पदार्थ को रोकने के लिए नाक-मुंह को अच्छे से बंद करना होगा। जिस बैग में शव को पैक करना है वह पूरी तरह लीक प्रूफ होना चाहिए। शव पैक करने के बाद उसे हाइपोक्लोराइट रसायन से सफाई करें। जिस वार्ड में मौत हुई है उसे, बिस्तर इत्यादि को सोडियम हाइपोक्लोराइट से 30 मिनट तक साफ करें। हवा प्रैशर के जरिए उसे सुखाया जाए। जिस अस्पताल में मौत हुई है, अंतिम संस्कार से पहले शव वहीं रखा जाएगा। श्मशान घाट भी निजी अस्पताल की एंबुलेंस ही लेकर पहुंचेगी। कोविड पाजिटिव शव का अंतिम संस्कार जहां मौत हुई है, वहीं के सबसे नजदीकी श्मशान घाट में करना होगा।कुछ विशेष मामलों में पोस्टमार्टम की अनुमति मिलेगी।
डा. कादियान के मुताबिक पोस्टमार्टम करते समय शवगृह में सफाई का विशेष ध्यान रखा जाएगा। फोरेंसिक एक्सपर्ट पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट (पीपीई) किट पहनकर ही पोस्टमार्टम करेंगे। शव को पोस्टमार्टम हाउस में रखना पड़ा तो अन्य शवाें से अलग और चार से छह डिग्री तापमान पर रखना होगा।
शव ले जाने में नहीं खतरा
कोविड पाजिटिव शव लीक प्रूफ बैग में पैक है और हाइपोक्लोराइट रसायन से सैनिटाइज है तो अंतिम संस्कार के लिए ले जाने वालों को कोई खतरा नहीं है। हालांकि, सर्जिकल मास्क और दस्ताने पहनना जैसे सुरक्षा के सभी मानकों का पालना करना होगा।