पानीपत में दुकान खोलने को लेकर नए दिशा निर्देश, आवाजाही के लिए भी बदले नियम
करियाना मिठाई फल-सब्जी और दवा दुकानें शाम साढ़े आठ तक खुलेंगी। कंटेनमेंट जोन से बाहर नगर निगम क्षेत्र के लिए आदेश हैं। आवाजाही के लिए भी दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।
पानीपत, जेएनएन। कंटेनमेंट जोन से बाहर, नगर निगम क्षेत्र में दूध-डेयरी उत्पाद, फल-सब्जी, करियाना, दवा, मिठाई-बेकरी की दुकानें और ढाबे सुबह सात से देर शाम 8:30 बजे तक खोले जा सकते हैं। ये दुकानें सातों दिन खोल सकते हैं। अन्य प्रकार की दुकानें सुबह नौ से शाम छह बजे तक सोमवार से शनिवार तक खोली जा सकती हैं।
जिलाधीश धर्मेंद्र सिंह ने बुधवार को यह आदेश जारी किए हैं। उन्होंने बताया कि सुबह नौ बजे से शाम छह बजे तक लाल बत्ती से कलंदर चौक के बाजार एरिया में तिपहिया और चार पहिया वाहनों पर प्रतिबंध रहेगा। दुकानदार भी दुकानों के बाद सामान रख कर अतिक्रमण नहीं कर सकेगा। दण्ड प्रक्रिया नियमावली की धारा 144 के तहत कोविड-19 महामारी को रोकने और आमजन के स्वास्थ्य को सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए आदेश जारी किए हैं। आवश्यक वस्तु लाने, लेकर जाने को छोड़कर रात्रि 10 बजे से सुबह पांच बजे तक जिले में आवाजाही पर पूरी तरह रोक रहेगी। औद्योगिक यूनिटों में शिफ्टों में काम करने वाले कामगारों, राष्ट्रीय व राज्य हाईवे पर आवश्यक वस्तुओं के तहत काम करने वाले लोगों, हवाई जहाज, ट्रेन और बसों में से उतरने के बाद अपने गंतव्य तक जाने और लोडिंग और अनलोडिंग करने वालों के लिए छूट रहेगी। पैंसठ साल से अधिक आयु के बुजर्ग, गंभीर बीमारियों से ग्रस्त मरीज, गर्भवती महिलाओं और 10 साल से कम आयु के बच्चों के घर से बाहर निलने पर पाबंदी है।
रेहड़ी वालों ने एसडीएम से लगाई गुहार
रेहड़ी वालों ने एसडीएम साहिल गुप्ता के नाम ज्ञापन देकर पुराना बस अड्डा पर फ्लाईओवर के नीचे दोबारा सब्जी रेहड़ी लगाने की अनुमति देने की गुहार लगाई है। लॉकडाउन के कारण आजीविका बंद होने की बात कही है। एसडीएम के नहीं मिलने पर उनके सहायक को ज्ञापन सौंपा है। प्रधान बाबू राम, ईश्वर, विनोद, अनिल, रामपाल, चमन, वकील, नरेश, रवि, गोपाल व सोहन का कहना है कि लॉकडाउन से पहले वे फ्लाईओवर के नीचे सब्जी बेचते थे। ग्राहकों के आने से उन्हें परिवार चलाने में दिक्कत नहीं होती थी। प्रशासन ने लॉकडाउन में उन्हें यहां से हटा दिया। पहले अनाज मंडी और बाद में वार्डों में सब्जी बेचने को कहा गया। अब लॉकडाउन समाप्त हो गया है। उन्हें प्रशासन न तो बाजार में रेहड़ी लगाने दे रहा और न फ्लाईओवर के नीचे। दिनभर इधर-उधर भटकते रहने के बाद भी उनके परिवार का गुजारा नहीं चल रहा है। उनकी आर्थिक हालत खराब होती जा रही है। मालूम हो कि एक सप्ताह पहले कुछ रेहड़ी वाले सांसद संजय भाटिया से भी इस बाबत मिले थे। उनसे भी यही मांग की थी। उन्होंने समस्या का समाधान कराने का भरोसा दिया था। कस्बे में रेहड़ी वालों की संख्या तीन सौ के करीब है। वहीं फ्लाईओवर के नीचे इतनी रेहडिय़ों के लिए जगह नहीं है।