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आ रहे हैं पानीपत के नए डीटीओ, बड़ा सवाल- क्या दलालों का राज खुलेगा

पानीपत के आरटीए विभाग में सीएम फ्लाइंग की रेड में दो दलाल पकड़े गए थे। इसके बाद से सख्‍ती शुरू हो गई है। अब नए डीटीओ आ रहे हैं। ऐसे में देखना होगा कि क्‍या दलालों का राज खुल पाएगा।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Mon, 26 Oct 2020 08:32 AM (IST)Updated: Mon, 26 Oct 2020 08:32 AM (IST)
आ रहे हैं पानीपत के नए डीटीओ, बड़ा सवाल- क्या दलालों का राज खुलेगा
सीएम फ्लाइंग की रेड के बाद नए डीटीओ कार्यभार ग्रहण करेंगे।

पानीपत, जेएनएन। सीएम फ्लाइंग की रेड के बाद आरोपित दलाल मनोज वर्मा और युजविंद्र को तीन दिन की रिमांड अवधि पूरी होने पर पुलिस जेल भेज चुकी है। लेकिन आज भी दलालों तक सरकारी रिकॉर्ड पहुंचाने वाले आरोपित कर्मचारी का पर्दाफाश नहीं हुआ है। वहीं आरटीए कार्यालय भी अब डीटीओ में तबदील हो गया है। ऐसे में देखना होगा कि नवनियुक्त जिला परिवहन अधिकारी अमरिंद्र सिंह आरोपित कर्मचारी की धरपकड़ कराने में सफल हो पाएंगे या नहीं।

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कामकाज शुरू हो सकता है

बता दें कि 19 अक्टूबर को सरकार ने आरटीए विभाग को डीटीओ में तबदील करने के आदेश दिए थे। रोडवेज महकमे और पुलिसकर्मियों की पदभार संभालने के बाद अभी तक डीटीओ अधिकारी की नियुक्ति पर संशय बना हुआ था। शनिवार को चीफ सेक्रेटरी विजय वर्धन ने रोडवेज महकमे के चंडीगढ़ हेडक्वार्टर के जनरल मैनेजर एचसीएस अमरिंद्र सिंह को पानीपत कार्यालय डीटीओ के पद पर नियुक्त किया था। सोमवार को नवनियुक्त अधिकारी कार्यभार संभालकर कार्यालय में वाहनों के दस्तावेजों संबंधी कामकाज शुरू करा सकते है।

ट्रांसपोर्टरों को हो रही थी परेशानी

वाहनों के कागजात बनवाने के लिए ट्रांसपोर्टर और वाहन मालिक एक हफ्ते से कार्यालय के चक्कर काट रहे थे। नवनियुक्त कर्मचारी सोमवार तक किसी अधिकारी की नियुक्ति होने की बात कहकर उन्हें वापस भेजते रहे। ट्रांसपोर्टरों का कहना है कि वाहनों के कागजात नहीं बनने के कारण गाड़ियां खड़ी हो गई है। जिससे उन्हें रोजाना हजारों रुपये का नुकसान हो रहा है।

रेड में दलालों के पास मिला था ये सामान

7 अक्टूबर को सीएम फ्लाइंग ने सेक्टर 25 स्थित ट्रांसपोर्ट नगर में आरटीए कार्यालय के दलालों की दुकानों में रेड डाली थी। टीम को दलाल मनोज वर्मा की दुकान से एसबीआई, स्कूलों की मोहर और युजविंद्र की दुकान से आरटीए कार्यालय की दो मोहर, परमिट रिकॉर्ड का सरकारी रजिस्टर मिला था। इसके अलावा युजवेंद्र की दुकान से वाहन परमिट के कोरे कागजात, गाड़ियों के पैसों का एक रजिस्टर, 67,500 रुपये की नकदी, हार्ड डिस्क और मनोज की दुकान से एक लैपटॉप और 30,150 रुपये मिले थे। दोनों आरोपितों के पास से 92 नई आरसी, 7 नए लाइसें, 47 फिटनेस सर्टिफिकेट, दो परमिट, 17 आरसी की फाइलें भी मिली थी।


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