लिंग जांच मामले का मास्टरमाइंड डॉ. नीरज
जागरण संवाददाता, पानीपत : गोहाना रोड स्थित एआर मित्तल अस्पताल में लिंग जांच के आरोप के मामले में
जागरण संवाददाता, पानीपत : गोहाना रोड स्थित एआर मित्तल अस्पताल में लिंग जांच के आरोप के मामले में दलाल अहर गांव के प्रदीप की ऑडियो रिकार्डिग ने कई राज खोले हैं। इसमें प्रदीप कह रहा है कि डॉ. नीरज पैसे मिल गए हैं, अब काम करवा दो। कथित डॉ. नीरज ने कहा कि वह डॉक्टर को बोलता है, काम हो जाएगा। इसके अलावा प्रदीप ने कहा कि लिंग जांच करवा दूंगा। लड़की होगी तो गर्भपात भी करवा दूंगा। पुलिस कथित डॉ. नीरज की तलाश में जुटी है। थाना चांदनी बाग पुलिस ने दलाल प्रदीप व अटावला गांव के महीपाल को अदालत में पेश किया, जहां से प्रदीप को तीन दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया। कोर्ट ने महीपाल को डिस्चार्ज कर दिया। पुलिस के अनुसार महीपाल निर्दोष है। उसके खिलाफ सुबूत नहीं मिले।
जांच सही हुई तो कई होंगे बेनकाब : पुलिस ने मामले की सही से जांच की तो भ्रूण लिंग जांच के रैकेट से जुड़े कई नामी चेहरे बेनकाब हो सकते हैं। जींद के स्वास्थ्य विभाग के डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. सतीश सुलेख ने बताया कि प्रदीप की रिकार्ड की गई ऑडियो को सिविल सर्जन पानीपत डॉ. इंद्रजीत धनखड़ को दे दिया है। अगर पुलिस प्रदीप के मोबाइल की कॉल डिटेल खंगाले तो पता चल जाएगा कि उसकी किस-किस डॉक्टर से बात हुई है और कितने लोग नापाक कार्य में लगे हुए हैं।
दोस्ती में गच्चा खा गए : अटावला गांव के महीपाल और अहर के प्रदीप में दोस्ती थी। प्रदीप को भनक नहीं थी कि महीपाल जींद के स्वास्थ्य विभाग की टीम से जु़ड़ा है, इसलिए वह महीपाल के साथ नकली महिला को लेकर एआर मित्तल अस्पताल में ले गया और लिंग जांच के नाम पर पांच हजार रुपये ले लिए। जब प्रदीप को टीम ने पकड़ लिया तो वह अपने बयान से पलट गया और उल्टा महीपाल पर ही दोष मढ़ दिया कि वह उसके कहने पर अस्पताल आया है। इसी वजह से पुलिस ने पूछताछ के लिए प्रदीप के साथ-साथ महीपाल को गिरफ्तार कर लिया था।
महीपाल के पक्ष में जींद की टीम
रविवार को प्रदीप ने महीपाल को अल्ट्रासाउंड करवाने में अपना साथी बता दिया था। इससे महीपाल पुलिस की गिरफ्त में आ गया। साथ में पुलिस के सामने ये दावा किया कि वह जिस भी गर्भवती महिला का अल्ट्रासाउंड करवाता था, उसे कहता था कि बच्चा स्वस्थ है। उसे पता नहीं होता था कि लड़का है लड़की। ताकि गर्भपात न हो और बच्चे की जिदंगी बच सके। प्रदीप के इस पैतरे ने जींद के स्वास्थ्य विभाग की टीम को भी सकते में डाल दिया। क्योंकि उन्हीं की टीम का हिस्सा पुलिस के कब्जे में था। इसी वजह से सोमवार को डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. सतीश सुलेख पानीपत पहुंचे और थाने से लेकर कोर्ट तक महीपाल का पक्ष लिया। उन्होंने दलील दी कि अस्पताल में उन्होंने मौके की कार्रवाई की है उसमें महीपाल को महिला का कथित पति बताया है। पुलिस की शिकायत में भी महिपाल का नाम दर्ज नहीं है। अदालत ने महीपाल को डिस्चार्ज कर दिया।
यूपी जाने के लिए आई थी टीम
डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. सुलेख ने बताया कि रविवार को जब दलाल ने टीम को दिल्ली पैरलल नहर पर बुलाया था, तब उन्हें शक हुआ था कि लिंग जांच यूपी में होगी। इसी वजह से वे जींद से पुलिस के हथियारबंद जवान लेकर आए थे, क्योंकि यूपी में उनके साथ मारपीट होने का खतरा रहता है। बाद में गोहाना रोड पर बुलाया तो पता चला कि जांच यहीं के किसी अस्पताल में होगी।
यह है मामला
जींद के स्वास्थ्य विभाग के डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. सतीश सुलेख की अगुवाई में टीम ने रविवार को एआर मित्तल अस्पताल पर छापा मारा था। टीम ने उनके साथ आई नकली ग्राहक का लिंग जांच का आरोप लगाकर दलाल प्रदीप को पांच हजार और रिपेप्शन से एक हजार रुपये बरामद किए थे। आरोप डॉ. रेनू मित्तल पर लगाया गया था। इसके बाद आइएमए ने विरोध जताया था। थाना चांदनी बाग पुलिस मौके से प्रदीप और महिपाल को गिरफ्तार कर लिया था।
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एआर मित्तल अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा छापा मारने के मामले में प्रदीप की ऑडियो रिकार्डिग थाना चांदना बाग पुलिस को दी जाएगी। पुलिस ही मामले की सच्चाई का पता लगाएगी।
डॉ. इंद्रजीत धनखड़, सिविल सर्जन
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अहर गांव का प्रदीप बड़ा ही शातिर है। उसके साथ डॉ. नीरज या अन्य और लोग तो नहीं जुड़े हैं, इसकी जांच की जा रही है। हो सकता है प्रदीप बरगला रहा हो।
जसपाल सिंह, प्रभारी, थाना चांदनी बाग